बक्सर: बिहार के बक्सर में किसान सुखाड़ की मार से परेशान है. आसमान से बरसती आग और खेतों में लगी फसल पर पछुआ हवा कहर बरपा रहा है. खेतों में लगी खरीफ की फसल के साथ किसानों की उम्मीदें भी सूखने लगी है. ऐसी कमरे में बैठे अधिकारी कागजों पर केवल नियम बना रहे है. इधर किसान अब कृषि कार्य छोड़कर बड़े शहरों में मजदूरी करने के लिए पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं.
![बक्सर में पानी की कमी से सुखाड़](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-08-2023/bh-bux-01-sukhad-10060_29082023093637_2908f_1693281997_831.jpg)
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ग्रामीण इलाकों को छोड़कर बड़े शहरों में पलायन: जिले में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 1 लाख 47 हजार, 449 है. जिनके द्वारा 1 लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर केवल धान की फसल लगाई गई है. जो अब सूखने और रोग के भेंट चढ़ने लगी है. न नहर में पानी है और ना ही बारिश हो रही है. जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि ट्यूबेल भी फेल होने लगे है. उसके बाद भी इन किसानों की समस्याओं को सुनने और जानने वाला कोई नहीं है. कर्ज के बोझ तले दबे किसान अब शहर की ओर पलायन करने की तैयारी में है.
क्या कहते है अन्नदाता: जिले के सदर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में खेत में कम कर रहे किसानों ने बताया कि जब से रोपनी हुई है एक बूंद भी नहर का पानी नहीं आया. सावन मास के शुरुआती दौर में केवल एक दिन अच्छी बारिश हुई थी. इसके बाद अब तक बारिश नहीं हुई और ना ही कोई अधिकारी सुध लेने आया. सूर्य की तपिश और पछुआ हवा खेतो में लगी फसल पर कहर बरपा रहा है.
![सूर्य की तपिश और पछुआ हवा का कहर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-08-2023/bh-bux-01-sukhad-10060_29082023093637_2908f_1693281997_740.jpg)
"15 हजार बीघे साहूकार से खेत मालगुजारी पर लेकर इस उम्मीद से फसल लगाया था कि फसल कटने के बाद महाजन को पैसे चुकता कर देंगे. हालांकि जो विकराल स्थिति बनी हुई है उससे ऐसा लग रहा है कि बड़े शहरों में मजदूरी करने के लिए जाना ही होगा."- किसान
दवा दुकानदारों की बल्ले-बल्ले: सूर्य की तपिश और पछुआ हवा के कारण फसल में लग रहे रोग से किसान को परेशान कर रहे हैं. तो वहीं दुकानदारों की बल्ले बल्ले है. दवा दुकानदार दीपू कुमार ने बताया कि, दवा की डिमांड कई गुणा बढ़ गई है. ब्रांडेड दवा काफी अभाव होने लगा है. जिसके आड़ में कुछ लोग नकली दवा किसानों को थमा दे रहे हैं. जिससे फसल को और भी नुक्सान पहुंच रहा है. किसानों की माने तो खेतों में लगी फसल सूख गई तो उनके बच्चो की पढ़ाई, और मां-बाप की दवाई भी बंद हो जाएगी.
![सुखाड़ की चपेट में बक्सर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-08-2023/bh-bux-01-sukhad-10060_29082023093637_2908f_1693281997_178.jpg)