बक्सर: साल 2020 किसानों के लिए मुसीबतों भरा रहा. कोरोना के शुरुआती दिनों में किसान अपने रवि की फसल की कटाई भी नहीं कर पाए थे कि पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था. फिर किसानों ने दिन-रात परिश्रम कर किसी तरह चैत के महीने में फसलों की कटाई की. उसके बाद प्रवासी श्रमिकों के सहयोग से 90,000 हेक्टेयर भूमि पर धान का उत्पादन कर जिला के पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
15 दिसंबर से मौसम में बदलाव
जिला में 15 नवंबर से रवि फसल की बुआई शुरू हो गई है. अब तक 70 फीसदी किसानों ने इसकी बुआई पूरी कर ली है. लेकिन 15 दिसंबर से मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के कारण आलू, टमाटर और मटर की फसल पर पाला का खतरा मंडराने लगा है. जिसने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है.
परेशान हैं किसान
सिमरी प्रखंड के किसान सुनील कुमार ने बताया कि 1 एकड़ भूमि में टमाटर और मटर लगाए हैं. लेकिन अचानक मौसम में आये बदलाव के कारण फसलों को पाला मारने लगा है. यही स्थिति रही तो जमीन बेचकर कर्ज चुकाना पड़ेगा. गंगा दियरा के इस मैदान में 60 फीसदी से अधिक किसान आलू, टमाटर और मटर सहित अन्य सब्जी की खेती करते हैं और इसी से उनका घर-परिवार चलता है.
कृषि अनुसंधान केंद्र कर रही एडवाइजरी जारी
कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी हरि गोविंद जयसवाल ने बताया कि मौसम में आए बदलाव के कारण प्रमुख रूप से आलू, टमाटर और मटर की फसल को क्षति की संभावना है. जिसको देखते हुए कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जा रही है. यदि कोई किसान फोन से भी सुझाव लेना चाहते है तो ले सकते हैं या कृषि अनुसंधान केंद्र में आकर भी सुझाव प्राप्त कर सकते हैं.