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औसत से 22% अधिक बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी, वैज्ञानिकों का दावा- होगा बम्पर उत्पादन - बक्सर में हो रही अच्छी कृषि

कोरोना संक्रमण काल में औसत से अधिक हुई बारिश से किसानों की परेशानी कम हुई है. कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि मानसून ने इसी तरह साथ दिया तो साल 2019 की अपेक्षा 2020 में खरीफ फसल का उत्पादन अच्छा होगा.

किसान
किसान
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Published : Aug 17, 2020, 7:54 AM IST

Updated : Aug 19, 2020, 6:47 PM IST

बक्सरः कोरोना संक्रमण के कारण विपरीत हुई परिस्थियों को सामान्य करने में जुटे जिले के अन्नदाताओं के चेहरे पर सुकून साफ झलक रहा है. समय से पहले जिले में मानसून की दस्तक और लक्ष्य से अधिक भूमि पर फसलों की बुआई होने से किसानों ने राहत की सांस ली है.

कृषि विभाग के जरिए 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की बुआई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन औसत से अधिक हुई बारिश का किसानों ने जमकर फायदा उठाते हुए 8-10% अधिक भूमि पर फसलों की बुआई कर दी है.

खेत की देखभाल करता किसान
खेत की देखभाल करता किसान

'विभाग नहीं दे रहा है साथ'
जिला के किसानों ने बताया कि कई ऐसे इलाके हैं. जहां पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण फसलों की बुआई नहीं होती थी. वहां भी इस बार बुआई हुई है. लेकिन कृषि विभाग से किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. अपनी समस्या लेकर जब भी जिला कृषि कार्यालय में जाते हैं तो यह कहकर भगा दिया जाता है कि केवल किसानों का ही काम करेंगे तो अन्य काम कैसे होगा, इतना समय नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विभाग के पास नहीं है लिखित आंकड़ा
वहीं, जिला में हो रही वर्षा का आंकड़ा जब जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नन्दन चक्रवर्ती से मांगा गया तो उन्होंने बताया कि आंकड़ा मीडिया को देने से विभाग ने मना किया है. जब वरीय अधिकारी या मंत्रालय से आंकड़ा जारी करने का आदेश आएगा, तभी मीडिया में आंकड़ा सार्वजनिक किया जाएगा.

बयान देता किसान
बयान देता किसान

'2020 में मानसून का आगमन पहले हुआ है'
जिले में खरीफ फसल की स्थिति को लेकर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक राम केवल ने बताया कि साल 2019 की अपेक्षा 2020 में मानसून का आगमन पहले हुआ है, जिससे 25 दिन पहले ही खेतों की बुआई का काम पूरा हो गया है. समय-समय पर औसत से अधिक हुई बारिश के कारण फसल की स्थिति बहुत अच्छी है. मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो इस बार जिला में खरीफ फसल का बम्पर उत्पादन होगा.

लहलहाते खेत
लहलहाते खेत

ये भी पढ़ेः मौसम अलर्ट : बिहार के दक्षिण उत्तर भाग के कुछ हिस्सों में होगी हल्की बारिश

'कृषि का कार्य आसान हो गया है'
किसानों ने बताया कि हर साल की अपेक्षा इस साल बहुत अच्छी बारिश होने के कारण कृषि का कार्य आसान हो गया है. फसलों का पटवन नहीं करना पड़ा है, जिससे लागत भी कम लगी है. फसल भी बहुत अच्छी है. मानसून ने इसी तरह साथ दिया तो खरीफ फसल के उत्पादन के बाद हलात सुधरेंगे.

गौरतलब है कि अप्रैल माह से लेकर अब तक हर माह में समय समय से हो रही बारिश के कारण जिला में खरीफ फसल की स्थिति काफी अच्छी है. अब तक बाढ़ और सुखाड़ की विपदा से बचे किसानों को यह उम्मीद है कि अगर मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो खरीफ फसल तैयार होने के बाद स्थिती सामान्य हो जाएगी.

बक्सरः कोरोना संक्रमण के कारण विपरीत हुई परिस्थियों को सामान्य करने में जुटे जिले के अन्नदाताओं के चेहरे पर सुकून साफ झलक रहा है. समय से पहले जिले में मानसून की दस्तक और लक्ष्य से अधिक भूमि पर फसलों की बुआई होने से किसानों ने राहत की सांस ली है.

कृषि विभाग के जरिए 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की बुआई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन औसत से अधिक हुई बारिश का किसानों ने जमकर फायदा उठाते हुए 8-10% अधिक भूमि पर फसलों की बुआई कर दी है.

खेत की देखभाल करता किसान
खेत की देखभाल करता किसान

'विभाग नहीं दे रहा है साथ'
जिला के किसानों ने बताया कि कई ऐसे इलाके हैं. जहां पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण फसलों की बुआई नहीं होती थी. वहां भी इस बार बुआई हुई है. लेकिन कृषि विभाग से किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. अपनी समस्या लेकर जब भी जिला कृषि कार्यालय में जाते हैं तो यह कहकर भगा दिया जाता है कि केवल किसानों का ही काम करेंगे तो अन्य काम कैसे होगा, इतना समय नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विभाग के पास नहीं है लिखित आंकड़ा
वहीं, जिला में हो रही वर्षा का आंकड़ा जब जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नन्दन चक्रवर्ती से मांगा गया तो उन्होंने बताया कि आंकड़ा मीडिया को देने से विभाग ने मना किया है. जब वरीय अधिकारी या मंत्रालय से आंकड़ा जारी करने का आदेश आएगा, तभी मीडिया में आंकड़ा सार्वजनिक किया जाएगा.

बयान देता किसान
बयान देता किसान

'2020 में मानसून का आगमन पहले हुआ है'
जिले में खरीफ फसल की स्थिति को लेकर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक राम केवल ने बताया कि साल 2019 की अपेक्षा 2020 में मानसून का आगमन पहले हुआ है, जिससे 25 दिन पहले ही खेतों की बुआई का काम पूरा हो गया है. समय-समय पर औसत से अधिक हुई बारिश के कारण फसल की स्थिति बहुत अच्छी है. मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो इस बार जिला में खरीफ फसल का बम्पर उत्पादन होगा.

लहलहाते खेत
लहलहाते खेत

ये भी पढ़ेः मौसम अलर्ट : बिहार के दक्षिण उत्तर भाग के कुछ हिस्सों में होगी हल्की बारिश

'कृषि का कार्य आसान हो गया है'
किसानों ने बताया कि हर साल की अपेक्षा इस साल बहुत अच्छी बारिश होने के कारण कृषि का कार्य आसान हो गया है. फसलों का पटवन नहीं करना पड़ा है, जिससे लागत भी कम लगी है. फसल भी बहुत अच्छी है. मानसून ने इसी तरह साथ दिया तो खरीफ फसल के उत्पादन के बाद हलात सुधरेंगे.

गौरतलब है कि अप्रैल माह से लेकर अब तक हर माह में समय समय से हो रही बारिश के कारण जिला में खरीफ फसल की स्थिति काफी अच्छी है. अब तक बाढ़ और सुखाड़ की विपदा से बचे किसानों को यह उम्मीद है कि अगर मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो खरीफ फसल तैयार होने के बाद स्थिती सामान्य हो जाएगी.

Last Updated : Aug 19, 2020, 6:47 PM IST
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