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बक्सरः मौसम के मिजाज से खुश हैं किसान, समय से पहले पूरी हुई धान की रोपनी

कोरोना को लेकर लागू लॉकडाउन में किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था. मानसून में हुई अच्छी बारिश से किसानों में उम्मीद जगी है.

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Published : Aug 8, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 2:16 PM IST

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बक्सरः जिले में मौसम के मिजाज को देखकर अन्नदाताओं में खुशी की लहर है. कोरोना संकट काल में किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. मानसून के आगमन के साथ किसानों ने फसलों की रोपनी शुरू कर दी थी. जिसके बाद पिछले साल की तुलना में इस बार खरीफ फसलों की बुवाई में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. जिला कृषि कार्यालय के अनुसार 1 अगस्त तक बक्सर में धान की रोपनी सत प्रतिशत सम्पन्न हो गई.

मौसम का मिला साथ
जिले के अधिकांश किसानों ने 25 मई से ही रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालना शुरू कर दिया था. जिसके कारण समय से पहले बिचड़ा तैयार हो गया और मानसून की पहली बारिश के साथ ही किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी. इस बार 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों ने अच्छी बारिश होने से समय से पहले ही धान की रोपनी का काम पूरा कर लिया.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों की उपलब्धता से आसान हुआ काम
देश में लगे लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेश से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की उपलब्धता से कृषि कार्य करना और आसान हो गया है. किसानों को आसानी से मजदूर मिल गए और समय से पहले काम पूरा हो गया. किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहले कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन मौसम की अनुकूलता और मजदूरों की उपलब्धता ने काम आसान कर दिया.

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खेत में काम करते किसान

बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था
किसानों ने बताया कि समय-समय पर हो रही बारिश के कारण धान की पटवन भी नहीं करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर मौसम ने साथ दिया तो इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि कोरोना काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है. वहीं तैयार फसल बर्बाद होने से किसानों की कमर भी टूट गई थी. अब मानसून में अच्छी बारिश होने से किसानों को अच्छी आमदनी की उम्मीद दिख रही है.

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किसान

बक्सरः जिले में मौसम के मिजाज को देखकर अन्नदाताओं में खुशी की लहर है. कोरोना संकट काल में किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. मानसून के आगमन के साथ किसानों ने फसलों की रोपनी शुरू कर दी थी. जिसके बाद पिछले साल की तुलना में इस बार खरीफ फसलों की बुवाई में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. जिला कृषि कार्यालय के अनुसार 1 अगस्त तक बक्सर में धान की रोपनी सत प्रतिशत सम्पन्न हो गई.

मौसम का मिला साथ
जिले के अधिकांश किसानों ने 25 मई से ही रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालना शुरू कर दिया था. जिसके कारण समय से पहले बिचड़ा तैयार हो गया और मानसून की पहली बारिश के साथ ही किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी. इस बार 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों ने अच्छी बारिश होने से समय से पहले ही धान की रोपनी का काम पूरा कर लिया.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों की उपलब्धता से आसान हुआ काम
देश में लगे लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेश से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की उपलब्धता से कृषि कार्य करना और आसान हो गया है. किसानों को आसानी से मजदूर मिल गए और समय से पहले काम पूरा हो गया. किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहले कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन मौसम की अनुकूलता और मजदूरों की उपलब्धता ने काम आसान कर दिया.

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खेत में काम करते किसान

बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था
किसानों ने बताया कि समय-समय पर हो रही बारिश के कारण धान की पटवन भी नहीं करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर मौसम ने साथ दिया तो इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि कोरोना काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है. वहीं तैयार फसल बर्बाद होने से किसानों की कमर भी टूट गई थी. अब मानसून में अच्छी बारिश होने से किसानों को अच्छी आमदनी की उम्मीद दिख रही है.

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Last Updated : Aug 8, 2020, 2:16 PM IST
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