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परिवार नियोजन मेले का आयोजन, लोगों को किया गया जागरूक

सीएस डॉ. जितेंद्र नाथ ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 से 20 जनवरी तक जिले में दंपती संपर्क सप्ताह मनाया गया. इस दौरान आशा कार्यकर्त्ताओं ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों से भेंट करके उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी.

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Published : Jan 31, 2021, 4:38 PM IST

बक्सरः मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़े के अंतर्गत सदर प्रखंड परिसर में शनिवार को परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया. इसमें पुरुष और महिला दोनों की सहभागिता रही. यहां लोगों को परामर्श के साथ निःशुल्क गर्भनिरोधक साधनों को उपलब्ध कराया गया. मेले में परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई दोनों विकल्प मौजूद थे.

नर्सों ने लोगों का किया मागदर्शन
लोगों ने परिवार नियोजन के साधनों के बारे में और उनके इस्तेमाल की जानकारी ली. मेले में लगे सभी स्टॉल में प्रशिक्षित नर्सों ने लोगों का मागदर्शन किया. सभी स्टाल पर परिवार नियोजन के विभिन्न प्रकार के साधनों का प्रदर्शन भी किया गया. मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ और डीपीएम संतोष कुमार ने किया.

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जानकारी लेती महिलाएं

परिवार नियोजन सेवा सप्ताह
सीएस डॉ. जितेंद्र नाथ ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 से 20 जनवरी तक जिले में दंपती संपर्क सप्ताह मनाया गया. इस दौरान आशा कार्यकर्त्ताओं ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों से भेंट करके उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी. वहीं, 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ेः BJP नेताओं ने सुनी PM के 'मन की बात', बोलीं रेणु देवी- सहेजी जाएंगी शहीदों की स्मृतियां

ई-रिक्शा से माइकिंग की शुरुआत
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि जिले में लोगों को जागरूक करने के लिए ई-रिक्शा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. सभी प्रखंडों में ई-रिक्शा के माध्यम से माइकिंग की शुरुआत की गयी है. इस क्रम में प्रत्येक महीने दस दिनों तक ई-रिक्शा के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.

नसबंदी शिविर का आयोजन
संतोष कुमार ने बताया कि दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, इसके बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल और प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों पर जोर दिया गया. वहीं, परिवार नियोजन सेवा सप्ताह के दौरान प्रथम रेफरल इकाइयों में नसबंदी शिविर का आयोजन किया जा रहा है.

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मेले में मौजूद लोग
अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया इस अभियान को संचालित करने का उद्देश्य परिवार नियोजन सेवा का विभिन्न संचार माध्यम से समुदाय स्तर तक पहुंच को बेहतर बनाना है. संस्थागत प्रसव व सुरक्षित गर्भपात को ध्यान में रखते हुए प्रसव के बाद महिला नसबंदी और कॉपर-टी संस्थापन पर अभियान के दौरान विशेष बल दिया जाएगा. इसके लिए प्रसव कक्ष में परिवार कल्याण परामर्शी, एएनएम, स्टाफ नर्स के माध्यम से प्रसव और गर्भपात के लिए आए हुए इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुए सुविधा प्रदान करायी जाएगी.

बक्सरः मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़े के अंतर्गत सदर प्रखंड परिसर में शनिवार को परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया. इसमें पुरुष और महिला दोनों की सहभागिता रही. यहां लोगों को परामर्श के साथ निःशुल्क गर्भनिरोधक साधनों को उपलब्ध कराया गया. मेले में परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई दोनों विकल्प मौजूद थे.

नर्सों ने लोगों का किया मागदर्शन
लोगों ने परिवार नियोजन के साधनों के बारे में और उनके इस्तेमाल की जानकारी ली. मेले में लगे सभी स्टॉल में प्रशिक्षित नर्सों ने लोगों का मागदर्शन किया. सभी स्टाल पर परिवार नियोजन के विभिन्न प्रकार के साधनों का प्रदर्शन भी किया गया. मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ और डीपीएम संतोष कुमार ने किया.

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जानकारी लेती महिलाएं

परिवार नियोजन सेवा सप्ताह
सीएस डॉ. जितेंद्र नाथ ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 से 20 जनवरी तक जिले में दंपती संपर्क सप्ताह मनाया गया. इस दौरान आशा कार्यकर्त्ताओं ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों से भेंट करके उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी. वहीं, 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया.

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ई-रिक्शा से माइकिंग की शुरुआत
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि जिले में लोगों को जागरूक करने के लिए ई-रिक्शा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. सभी प्रखंडों में ई-रिक्शा के माध्यम से माइकिंग की शुरुआत की गयी है. इस क्रम में प्रत्येक महीने दस दिनों तक ई-रिक्शा के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.

नसबंदी शिविर का आयोजन
संतोष कुमार ने बताया कि दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, इसके बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल और प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों पर जोर दिया गया. वहीं, परिवार नियोजन सेवा सप्ताह के दौरान प्रथम रेफरल इकाइयों में नसबंदी शिविर का आयोजन किया जा रहा है.

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मेले में मौजूद लोग
अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया इस अभियान को संचालित करने का उद्देश्य परिवार नियोजन सेवा का विभिन्न संचार माध्यम से समुदाय स्तर तक पहुंच को बेहतर बनाना है. संस्थागत प्रसव व सुरक्षित गर्भपात को ध्यान में रखते हुए प्रसव के बाद महिला नसबंदी और कॉपर-टी संस्थापन पर अभियान के दौरान विशेष बल दिया जाएगा. इसके लिए प्रसव कक्ष में परिवार कल्याण परामर्शी, एएनएम, स्टाफ नर्स के माध्यम से प्रसव और गर्भपात के लिए आए हुए इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुए सुविधा प्रदान करायी जाएगी.
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