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बक्सर में 8 दिवसीय फुटबॉल महामुकाबला, बिहार-यूपी की 8 टीमों ने लिया हिस्सा - बक्सर में आठ दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन

बक्सर में युवाओं में खेल भावना को बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के सहयोग से फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जा रहा है. इस प्रतियोगिता में बिहार और यूपी की कुल 8 टीमें भाग लेगी.

बक्सर
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Published : Feb 10, 2020, 7:39 PM IST

बक्सर: जिले के सदर प्रखंड के पवनी खेल मैदान में 8 दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता में बिहार और यूपी की कुल 8 टीमें भाग लेगी. प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 18 फरवरी को खेला जाएगा. युवाओं में खेल भावना को बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के सहयोग से यह महामुकाबला कराया जा रहा है.

बक्सर
बिहार-यूपी की 8 टीमों ने लिया हिस्सा

खिलाड़ियों के साथ खेल मैदान पर उतरे कोच विजय कुमार ने बताया कि वो 1985 से ही फुटबॉल मैच खेलते आ रहे हैं. लेकिन 35 साल गुजर जाने के बाद भी हालात बेहतर होने की बजाय बदतर होता जा रहा है. ग्रामीण इलाके के गरीब खिलाड़ी चंदा मांग-मांगकर अपना किट खरीद रहा है और बेहतर प्रदर्शन के दम पर लगतार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है. सरकार से अब तक किसी प्रकार की कोई मदद बक्सर जिला में किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिली है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जिले में कोई स्टेडियम भी नहीं बनवाया गया है. जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर अपना भविष्य संवार सकें.

पेश है रिपोर्ट

खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकार है उदसीन
खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा कि नौजवानों के अंदर खेल की भावना जागृत करने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस फुटबॉल महामुकाबला का आयोजन किया गया है. लेकिन जब मैदान पर इन खिलाड़ियों की दशा देखता हूं तो अफसोस होता है कि विकास की दावा करने वाली सरकार भी खेल और खिलाड़ियों के प्रति इतनी उदासीन है.

बक्सर: जिले के सदर प्रखंड के पवनी खेल मैदान में 8 दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता में बिहार और यूपी की कुल 8 टीमें भाग लेगी. प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 18 फरवरी को खेला जाएगा. युवाओं में खेल भावना को बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के सहयोग से यह महामुकाबला कराया जा रहा है.

बक्सर
बिहार-यूपी की 8 टीमों ने लिया हिस्सा

खिलाड़ियों के साथ खेल मैदान पर उतरे कोच विजय कुमार ने बताया कि वो 1985 से ही फुटबॉल मैच खेलते आ रहे हैं. लेकिन 35 साल गुजर जाने के बाद भी हालात बेहतर होने की बजाय बदतर होता जा रहा है. ग्रामीण इलाके के गरीब खिलाड़ी चंदा मांग-मांगकर अपना किट खरीद रहा है और बेहतर प्रदर्शन के दम पर लगतार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है. सरकार से अब तक किसी प्रकार की कोई मदद बक्सर जिला में किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिली है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जिले में कोई स्टेडियम भी नहीं बनवाया गया है. जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर अपना भविष्य संवार सकें.

पेश है रिपोर्ट

खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकार है उदसीन
खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा कि नौजवानों के अंदर खेल की भावना जागृत करने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस फुटबॉल महामुकाबला का आयोजन किया गया है. लेकिन जब मैदान पर इन खिलाड़ियों की दशा देखता हूं तो अफसोस होता है कि विकास की दावा करने वाली सरकार भी खेल और खिलाड़ियों के प्रति इतनी उदासीन है.

Intro:बक्सर सदर प्रखंड के पवनी खेल मैदान पर आठ दिवसीय फुटबॉल महा मुकाबला का हुआ आगाज ,,18 फरवरी तक चलने वाला इस फुटबाल महाकुंभ में, बिहार एवं उत्तर प्रदेश की आठ टीमें लेगी भाग।


Body:खेल मैदान पर खिलाड़ियों के साथ पहुंचे कोच विजय कुमार, ने सरकार पर खेल के प्रति उदासीन होने का लगाया आरोप, कहा 35 साल से खेल रहा हूं फुटबॉल ,अब तक सरकार से नहीं मिला कोई सहायता।


2015 बिहार विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद तत्कालीन खेल मंत्री शिवचंद्र राम, ने किया था घोषणा बिहार के हर जिला में बनाया जाएगा खेल स्टेडियम 5 साल बाद भी नहीं हुआ वादा पूरा



V1- बक्सर सदर प्रखंड के पवनी खेल मैदान में ,8 दिवसीय फुटबॉल महा मुकाबला की शुरुआत हो गई ,18 फरवरी तक चलने वाला इस फुटबाल महाकुंभ में, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के 8 टीमें भाग लेगी ,इस महा मुकाबला का फाइनल एवं अंतिम मैच18 फरवरी को खेला जाएगा, युवाओं में खेल भावना जागृत करने के लिए, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों के सहयोग से यह महा मुकाबला कराया जा रहा है।


V2- खिलाड़ियों के साथ खेल मैदान पर उतरे ,कोच विजय कुमार ने बताया कि, सन 1985 से अब तक फुटबॉल मैच खेलते आ रहा हूं। लेकिन 35 साल गुजर जाने के बाद भी हालात बेहतर होने की बजाय बदतर होते जा रहा है। ग्रामीण इलाके के गरीब खिलाड़ी चंदा मांग मांग कर अपना किट खरीद कर लगतार राष्ट्रीय स्तर पर ,अपना पहचान बना रहे हैं। लेकिन सरकार से अब तक किसी प्रकार की कोई मदद बक्सर जिला में किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिला है ।और ना ही कोई खेल का मैदान बनवाया गया है। जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर अपने भविष्य को संवार सकें।

byte-बिजय कुमार -कोच

V3 खेल मैदान पर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे, स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय दुबे ने, कहा कि नौजवानों के अंदर खेल की भावना जागृत करने एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस फुटबॉल महा मुकाबला का आयोजन कराया गया है। लेकिन जब मैदान पर इन खिलाड़ियों की दशा देखता हूं तो, अफसोस होता है ,कि विकास की दावा करने वाली सरकार भी खेल एवं खिलाड़ियों के प्रति इतना उदासीन है।

byte- मृत्युंजय दुबे आरटीआई कार्यकर्ता




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