बक्सर: जिले के सदर प्रखंड के पवनी खेल मैदान में 8 दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता में बिहार और यूपी की कुल 8 टीमें भाग लेगी. प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 18 फरवरी को खेला जाएगा. युवाओं में खेल भावना को बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के सहयोग से यह महामुकाबला कराया जा रहा है.
![बक्सर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6025933_bihar.jpg)
खिलाड़ियों के साथ खेल मैदान पर उतरे कोच विजय कुमार ने बताया कि वो 1985 से ही फुटबॉल मैच खेलते आ रहे हैं. लेकिन 35 साल गुजर जाने के बाद भी हालात बेहतर होने की बजाय बदतर होता जा रहा है. ग्रामीण इलाके के गरीब खिलाड़ी चंदा मांग-मांगकर अपना किट खरीद रहा है और बेहतर प्रदर्शन के दम पर लगतार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है. सरकार से अब तक किसी प्रकार की कोई मदद बक्सर जिला में किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिली है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जिले में कोई स्टेडियम भी नहीं बनवाया गया है. जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर अपना भविष्य संवार सकें.
खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकार है उदसीन
खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा कि नौजवानों के अंदर खेल की भावना जागृत करने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस फुटबॉल महामुकाबला का आयोजन किया गया है. लेकिन जब मैदान पर इन खिलाड़ियों की दशा देखता हूं तो अफसोस होता है कि विकास की दावा करने वाली सरकार भी खेल और खिलाड़ियों के प्रति इतनी उदासीन है.