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खतरे के निशान से 6 मीटर दूर है गंगा का जलस्तर, बाढ़ से निपटने के लिए पूरी है तैयारी- डीएम

बाढ़ के हालात से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी देते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एजाज जालिम ने बताया कि पर्याप्त संख्या में बालू का भंडारण, पॉलिथीन बैग इत्यादि की व्यवस्था कर दी गई है.

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Published : Jul 13, 2020, 4:08 PM IST

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बक्सरः जिले में गंगा के तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. गंगा दियारा इलाके के पांच प्रखंड में बाढ़ से निपटने के लिए 10 एजेंसी पहले से ही काम कर रही हैं. कोइलवर तटबंध की मरम्मत कराने के साथ जिओ बैग, इसी थैला, बालू का भंडारण और बोट की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

क्या है स्थिति
जिले में प्रत्येक साल अगस्त और सितंबर महने में गंगा नदी में उफान के कारण 5 प्रखंडो में बाढ़ की समस्या आ जाती है. लेकिन इस साल जून महीने में 200 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण अभी से ही गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. अधिकारियों की माने तो अभी भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 6 मीटर दूर है.

देखें रिपोर्ट

2016-2019 में आई थी प्रलयकारी बाढ़
बक्सर में साल 2016 और 2019 में प्रलयकारी बाढ़ आई थी. जिससे हजारों एकड़ में लगी धान और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. महीनों तक लोगों को तटबंधों पर बने आपदा राहत कैंप में रहना पड़ा था. ग्रामीण इलाके के साथ शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी जामा हो गया था.

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बाढ़ को लेकर की जा रही तैयारी

क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ के हालात से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी देते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एजाज जालिम ने बताया कि पर्याप्त संख्या में बालू का भंडारण, पॉलिथीन बैग इत्यादि की व्यवस्था कर दी गई है. तटबंध की मरम्मत के लिए 10 एजेंसी काम कर रही हैं. साथ ही इसपर अब तक 7 करोड़ 27 लाख रुपए खर्च किये जा चुके हैं.

बाढ़ से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि जून महीने में 200 प्रतिशत अधिक बारिश होने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है. जिससे इस बार जान माल के नुकसान को रोका जा सके.

बक्सरः जिले में गंगा के तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. गंगा दियारा इलाके के पांच प्रखंड में बाढ़ से निपटने के लिए 10 एजेंसी पहले से ही काम कर रही हैं. कोइलवर तटबंध की मरम्मत कराने के साथ जिओ बैग, इसी थैला, बालू का भंडारण और बोट की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

क्या है स्थिति
जिले में प्रत्येक साल अगस्त और सितंबर महने में गंगा नदी में उफान के कारण 5 प्रखंडो में बाढ़ की समस्या आ जाती है. लेकिन इस साल जून महीने में 200 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण अभी से ही गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. अधिकारियों की माने तो अभी भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 6 मीटर दूर है.

देखें रिपोर्ट

2016-2019 में आई थी प्रलयकारी बाढ़
बक्सर में साल 2016 और 2019 में प्रलयकारी बाढ़ आई थी. जिससे हजारों एकड़ में लगी धान और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. महीनों तक लोगों को तटबंधों पर बने आपदा राहत कैंप में रहना पड़ा था. ग्रामीण इलाके के साथ शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी जामा हो गया था.

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बाढ़ को लेकर की जा रही तैयारी

क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ के हालात से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी देते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एजाज जालिम ने बताया कि पर्याप्त संख्या में बालू का भंडारण, पॉलिथीन बैग इत्यादि की व्यवस्था कर दी गई है. तटबंध की मरम्मत के लिए 10 एजेंसी काम कर रही हैं. साथ ही इसपर अब तक 7 करोड़ 27 लाख रुपए खर्च किये जा चुके हैं.

बाढ़ से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि जून महीने में 200 प्रतिशत अधिक बारिश होने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है. जिससे इस बार जान माल के नुकसान को रोका जा सके.

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