बक्सर: विश्वामित्र की पावन नगरी बक्सर (Vishwamitra city Buxar) का नाम भगवान श्रीराम से जुड़ा है. इसके बावजूद बक्सर प्रशासन की लापरवाही से श्रीराम से जुड़े त्रेतायुग के विश्राम सरोवर को कूड़ा डंपिंग यार्ड बना दिया (Garbage dumping in Vishram Sarovar in Buxar) गया था. विश्राम सरोवर में शहर का कचरा डंप किये जाने की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया. ईटीवी भारत की खबर का ऐसा असर हुआ कि अधिकारियों ने फजीहत से बचने के लिए विश्राम सरोवर में डंप कचरे में आग लगवा दिया. वहीं, कचरे के धुएं से जब लोग परेशान होने लगे तो दमकल की गाड़ियों को भेजकर आग बुझवाई गयी, लेकिन तब तक कूड़ा जलकर राख हो गया.
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विश्राम सरोवर में डंप कूड़े की ढेर में आग लगवा दी गई: बता दें कि 29 मार्च को ईटीवी भारत ने भगवान राम से जुड़ा विश्राम सरोवर बना कूड़ा डम्पिंग यार्ड शीर्षक प्रकाशित की. जिसके बाद आननफानन में साक्ष्य को मिटाने के लिए विश्राम सरोवर में डंप कूड़े की ढेर में आग (Fire in dump garbage in Vishram Sarovar) लगवा दी गई. इसकी सूचना दमकल कर्मियों को दी गई. जिसके बाद फायर ब्रिगेड के कर्मीं मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. लेकिन सरोवर के किनारे लगे आम के 4 वृक्ष भी जलकर राख हो गये.
स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस: शहर के स्टेशन रोड में स्थित विश्राम सरोवर में नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा कूड़ा डंप कराने का मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियो में हड़कम्प मच गई. जिलाधिकारी अमन समीर ने बैठक के दौरान नगर परिषद के अधिकारियों को वहां कूड़ा नहीं फेंके जाने और सरोवर का जीर्णोद्धार कर उसे मूल स्वरूप में लाने का निर्देश दिया. डीएम के निर्देश के बाद स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है.
मामले को जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान: वहीं, विश्राम सरोवर को कूड़ा डम्पिंग यार्ड बनाये जाने के विषय में पूछे जाने पर एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि इस पूरे मामले को जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है. विश्राम सरोवर और राम जानकी सरोवर का जीर्णोद्धार कर उसे मूल स्वरूप में लाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से इस संबंध में उन्होंने बात कर वहां से जल्द कूड़ा हटवाने का निर्देश दिया है.
कूड़ा डंप किये जाने से नाराज थे स्थानीय लोग: विश्राम सरोवर में नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा कूड़ा डंप कराए जाने पर स्थानीय लोगों मे आक्रोश है. स्थानीय दिलीप कुमार ने बताया कि इस कचड़े से उठने वाली गंध से जीना दुर्भर हो गया. जब मीडिया ने इस खबर को दिखाया तो इसमें आग लगवा दी गई. घर का दरवाजा और खिड़की खुलते ही पूरा घर धुंआ से भर जा रहा है. वह लोग सो नही पा रहे हैं. यह शहर अब विश्वामित्र की नगरी नही कूड़ों का नगरी बनकर रह गया है.
कूड़ा डंप पर स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर ने जतायी नाराजगी: कुछ ही महीने पहले नगर परिषद एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रेड क्रॉस के सचिव डॉक्टर श्रवण तिवारी को स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया, लेकिन दुर्भाग्य है कि नगर परिषद के अधिकारी ब्रांड एंबेसडर की भी बात नहीं सुनते. शहर के सर्किट हाउस से लेकर, विश्राम सरोवर, रुद्र देव का किला, ठोरा नदी, बाईपास नहर समेत तमाम जलस्रोतों में हो रहे कूड़ा डंप पर अपनी नाराजगी जताते हुए श्रवण तिवारी ने कहा कि नगर परिषद और सफाई करने वाले एनजीओ ने पूरे शहर को कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया है. शहर के तमाम जलस्त्रोत में जिस तरह से कूड़ा डंप कराया जा रहा है. वह बक्सर के माथे पर बदनुमा दाग है.
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भगवान राम ने शुरू की थी पंचकोसी यात्रा: गौरतलब है कि त्रेतायुग में राक्षसों के आतंक से बक्सर को मुक्त कराने के लिए महर्षि विश्वामित्र अयोध्या से भगवान राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आये. बक्सर में भगवान राम और लक्ष्मण ने ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का वध कर राक्षस विहीन कर दिया. ताड़का का वध कर नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए महर्षि विश्वामित्र और लक्ष्मण के साथ राम ने शहर के राम रेखा घाट से पांच कोस की यात्रा शुरू की. जिसे पंचकोसी यात्रा के नाम से जाना जाता है.
भगवान राम ने विश्राम सरोवर में लगायी थी डुबकी: इस यात्रा के पहले पड़ाव में भगवान राम गौतम ऋषि के आश्रम अहरौली पहुंचे. जहां उन्होंने अपने चरण से स्पर्श कर पत्थर रूपी अहिल्या का उद्धार किया और पूड़ी पकवान का भोग लगाया. यात्रा के दूसरे पड़ाव में नारद मुनि के आश्रम नदाव में पहुंचकर उन्होंने खिचड़ी का भोग लगाया. यात्रा के तीसरे पड़ाव में भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर में पहुंचकर, उन्होंने दही चूड़ा का भोग लगाया. यात्रा के चौथे पड़ाव में उद्दालक ऋषि के आश्रम उन्नवास में पहुंचे. जहां उन्होंने सत्तू और मूली का भोग लगाया और यात्रा के पांचवे व अन्तिम पड़ाव में विश्वामित्र के आश्रम बक्सर में पहुंचकर भगवान राम ने विश्राम सरोवर में डुबकी लगायी और लिट्टी चोखा का भोग लगाकर इस यात्रा का समापन किया.
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