बक्सर: बिहार में कोरोना (Corona In Bihar) की तीसरी लहर की दस्तक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींदे उड़ा रखी है. पिछले साल कोरोना से हुए तबाही को देखते हुए बक्सर जिला प्रशासन इस बार सतर्क है. कोरोना को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी इस बार उन सभी सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. जिनके कारण अंतराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर की खूब किरकिरी हुई थी. पिछले साल मरीजों के आंकड़ों को लेकर भी बिहार सरकार के कई अधिकारी फंस गए थे. इस मामले का संज्ञान पटना हाईकोर्ट ने भी लिया था.
ये भी पढ़ें- बिहार में कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर CM नीतीश चिंतित, बोले- जीरो पर था अब फिर से..
अस्पताल के निरीक्षण को पहुंचे अधिकारी: कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जिले के उप विकास आयुक्त बक्सर डॉ महेंद्र पाल जिले के सदर अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने घंटों निरीक्षण कर कोविड-19 की तैयारियों का जायजा लिया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वो हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किया गया आंकड़ा: कोविड 19 की तैयारी को लेकर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि सदर अस्पताल बक्सर एवं अनुमंडलीयअस्पताल डुमराव में PSA Plant लगाया गया है. सदर अस्पताल बक्सर में 110 बेड के अलावे 20 बेड का कोविड-19 आइसोलेशन बेड चिन्हित किया गया है. अनुमंडल अस्पताल डुमराव में 40 बेड के अलावे 20 बेड का कोविड-19 आइसोलेशन बेड चिन्हित किया गया है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 5 से 10 बेड का कोविड-19 आइसोलेशन बेड चिन्हित किया गया है.
आधुनिक सुविधाओं से लैश है जिले का सरकारी अस्पताल: सदर अस्पताल बक्सर में 80 ऑक्सीजन concentrator कार्यरत है. इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर B Type 88, एवं D Type 103 उपलब्ध है. इसके अलावा अनुमंडल अस्पताल डुमराव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर एवं ऑक्सीजन Concentrator उपलब्ध है. जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानो में कोविड-19 के लिए चिन्हित 10 प्रकार के दवा भी उपलब्ध है. जिला में आरटीपीसीआर लैब कार्यरत है एवं माइक्रोबायोलॉजी पदस्थापित है. जिले में पर्याप्त मात्रा में लैब टेक्नीशियन कार्यरत है.
पिछले साल कोरोना से मची थी तबाही: गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर की वह तबाही का मंजर आज तक लोग नही भूल पाए है. जब 10 मई 2021 को जिले के चौसा प्रखण्ड के महादेवा घाट पर गंगा नदी में एक साथ सैकड़ो लाशें बह रही थी और बिहार की सरकार लाशों को उतरप्रदेश की बताकर अपना पल्ला झाड़ रही थी. तो अधिकारी आंकड़ो की हेराफेरी करने में लगे थे लेकिन आज तक सरकार यह पता लगाने में नाकाम रही कि वह सैकड़ो लाशें किसकी थी और मरने वाला कौन था.
"कोविड-19 की तैयारी को लेकर जब सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की सुविधा उपलब्ध है. जो मॉक ड्रील हुआ था उसमें हमलोग सफल हुए है. किसी को पैनिक होने की जरूरत नही है. बक्सर में कोरोना जांच और छूटे हुए लोगो का टीकाकरण दोनो युद्स्तर पर चल रहा है"- जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन
ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा, इन दो बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बिहार पहुंच रहे विदेशी