बक्सर: बिहार के बक्सर में दर्द से तड़प रही एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला (HIV Infected Pregnant Woman in Buxar) की सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने डिलीवरी करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद अस्पताल के स्वस्थ्यकर्मियों ने महिला को बाहर का रस्ता दिखाते हुए वहां से भगा दिया. ईटीवी भारत की टीम ने महिला की मदद करते हुए उसे पटना पीएमसीएच पहुंचाया. जहां संक्रमित महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. एचआईवी पीड़ित महिला ने फोन कर कहा कि जान बचाने के लिए ईटीवी भारत की टीम का शुक्रिया.
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बक्सर में सरकारी अस्पताल की हालत जर्जर: जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल वेंटिलेटर पर अपना अंतिम सांस गिन रहा है. एचआईवी मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखकर इंसानियत भी शर्मसार है. एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर एचआईवी संक्रमित मरीजों के नाम पर करोड़ों रुपये का विज्ञापन छपवाया गया, शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए. वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Health Minister Tejashwi Yadav) ने एचआईवी संक्रमित मरीजों सहयोग करने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों के हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं. अस्पताल में आने वाले एचआईवी संक्रमित मरीजों का स्वास्थ्यकर्मी इलाज करना तो दूर की बात है, छूने से भी कतराते हैं.
संक्रमित गर्भवती महिला को अस्पताल से भगाय: मामला बक्सर सदर अस्पताल का है जंहा प्रसव पीड़ा से तड़प रही 28 वर्षीय महिला को उसके परिजनों ने स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया. स्वास्थ्य कर्मियों ने उस महिला को निजी जांच घर में जांच कराने के लिए भेज दिया, जंहा उसे एचआईवी संक्रमित बताया गया. महिला की रिपोर्ट लेकर परिजन वापस पीएचसी पहुंचे, जंहा के डॉक्टरों ने रिपोर्ट देखते ही उस महिला को सदर अस्पताल से ले जाने का आदेश दे दिया. दर्द से तड़प रही महिला को एक दर्द का इंजेक्शन देने के लिए परिजन स्वास्थ्यकर्मियों से गुहार लगाते रहे लेकिन, किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी. सरकारी स्वास्थ्य कर्मी उसका इलाज करने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद परिजन उसे घर लेकर चले गए.
परिजनों ने ईटीवी भारत को दी सूचना: एचआईवी संक्रमित मरीज के एक रिश्तेदार ने इसकी सूचना ईटीवी भारत के टीम को दी. जिसके बाद मरीज को घर से उठवाकर अस्पताल लाया गया. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद दर्द से तड़प रही एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला को उठाकर स्ट्रेचर पर ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया. उसका फिर से ब्लड टेस्ट कराया गया जिसमें पति और पत्नी दोनों एचआईवी संक्रमित पाए गए. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता विमल कुमार सिंह से मदद लेकर दर्द से तड़प रही महिला को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया जंहा उसने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया है.
"जिले के सदर अस्पताल में आने वाले अप्रैल से लेकर अक्टूबर महीने तक कुल मरीजो में 78 मरीज की पहचान एचआईवी संक्रमित के रूप में हुई है. प्रत्येक महीने लगभग इसकी संख्या औसतन 9 से 12 है." -एस के दास, एड्स काउंसलर सदर अस्पताल