ETV Bharat / state

जिस अस्पताल पर लगा किडनी बेचने का आरोप, अब उसी हॉस्पिटल में होगा कोरोना मरीजों का इलाज - बक्सर की खबर

बक्सर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और सरकारी अस्पतालों में बेड फुल होने के बाद जिलाधिकारी ने तीन निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की इजाजत दी है. लेकिन जिन तीन अस्पतालों का चयन किया गया है उसमें एक अस्पताल पर किडनी निकाल कर बेचने का आरोप लग चुका है, लिहाजा इसे लेकर अब स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

buxar
निजी नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज
author img

By

Published : Apr 24, 2021, 5:36 PM IST

बक्सर: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. मार्च से लेकर अब तक कुल 1770 लोग संक्रमित हुए हैं. हालांकि 315 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं लेकिन 15 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है.

ये भी पढ़ें...मोतिहारी: DM के आदेश पर बना नियंत्रण कक्ष, सहायता के लिए इस नंबर 1800 3456 624 पर करें कॉल

निजी नर्सिंग होम में भी होगा इलाज
संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिले के तीन निजी नर्सिंग होम का चयन किया है. जिसमें कोरोना मरीजों के इलाज की स्वीकृति दी गई है. इन तीनों अस्पतालों में से एक अस्पताल पर पहले भी मरीज की किडनी निकाल कर बेचने का आरोप लग चुका है. उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संक्रमित मरीजों के इलाज करने की जिम्मेदारी उसी निजी अस्पताल को दी है. जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.

निजी नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज

ये भी पढ़ें...पटना: बाहर से आने वाले लोगों को 4 दिनों तक क्‍वारंटाइन कैंप में रखा जाएगा

बिना लाइसेंस चल रहा था निजी नर्सिंग होम
हाल हीं में जिलाधिकारी के निर्देश पर जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उस निजी नर्सिंग होम में छापेमारी की थी. तब पता चला था कि अस्पताल के पास ना तो लाइसेंस था और ना ही अस्पताल मानक को पूरा कर रहा था. ऐसे निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने इनाम स्वरूप इसी निजी नर्सिंग होम को रातों-रात लाइसेंस दे दिया. जबकि कई निजी नर्सिंग होम को लाइसेंस देने के नाम पर पिछले 1 साल से दौड़ाया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद संदेह के घेरे में आ गए हैं.

ये भी पढ़ें...कटिहार जिला प्रशासन का बड़ा फैसला, शहर में बनाये गये 4 होम आइसोलेशन सेंटर

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
जिला अधिकारी अमन समीर ने बताया कि निजी टेक्नीशियन को हायर कर एक वेंटिलेटर को शुरु कराया गया है. साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए तीन निजी नर्सिंग होम को स्वीकृति दी गई है. इसी तरह निजी सीटी स्कैन और कुछ लैब को भी जांच करने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने कहा कि जो भी संस्थान मनमानी करेंगे, उनपर आपदा अधिनियम के तहत करवाई की जाएगी.

buxar
निजी नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज

हर सम्भव मदद की जा रही
जिला अधिकारी ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है. अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में अधिकांश वैसे लोग हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे गिर जाने के बाद उनको अस्पताल में लाया गया था. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका.

गौरतलब है कि इस आपदा की घड़ी में भी कुछ निजी स्वास्थ्य कर्मी, विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवसर की तलाश कर रहे हैं. जहां इलाज के लिए भर्ती मरीज के परिजनों से पहले मनमानी पैसों की वसूली की जा रही है और मरीज की स्थिति बिगड़ने के साथ ही उनको रेफर कर दिया जा रहा है.

बक्सर: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. मार्च से लेकर अब तक कुल 1770 लोग संक्रमित हुए हैं. हालांकि 315 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं लेकिन 15 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है.

ये भी पढ़ें...मोतिहारी: DM के आदेश पर बना नियंत्रण कक्ष, सहायता के लिए इस नंबर 1800 3456 624 पर करें कॉल

निजी नर्सिंग होम में भी होगा इलाज
संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिले के तीन निजी नर्सिंग होम का चयन किया है. जिसमें कोरोना मरीजों के इलाज की स्वीकृति दी गई है. इन तीनों अस्पतालों में से एक अस्पताल पर पहले भी मरीज की किडनी निकाल कर बेचने का आरोप लग चुका है. उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संक्रमित मरीजों के इलाज करने की जिम्मेदारी उसी निजी अस्पताल को दी है. जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.

निजी नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज

ये भी पढ़ें...पटना: बाहर से आने वाले लोगों को 4 दिनों तक क्‍वारंटाइन कैंप में रखा जाएगा

बिना लाइसेंस चल रहा था निजी नर्सिंग होम
हाल हीं में जिलाधिकारी के निर्देश पर जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उस निजी नर्सिंग होम में छापेमारी की थी. तब पता चला था कि अस्पताल के पास ना तो लाइसेंस था और ना ही अस्पताल मानक को पूरा कर रहा था. ऐसे निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने इनाम स्वरूप इसी निजी नर्सिंग होम को रातों-रात लाइसेंस दे दिया. जबकि कई निजी नर्सिंग होम को लाइसेंस देने के नाम पर पिछले 1 साल से दौड़ाया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद संदेह के घेरे में आ गए हैं.

ये भी पढ़ें...कटिहार जिला प्रशासन का बड़ा फैसला, शहर में बनाये गये 4 होम आइसोलेशन सेंटर

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
जिला अधिकारी अमन समीर ने बताया कि निजी टेक्नीशियन को हायर कर एक वेंटिलेटर को शुरु कराया गया है. साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए तीन निजी नर्सिंग होम को स्वीकृति दी गई है. इसी तरह निजी सीटी स्कैन और कुछ लैब को भी जांच करने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने कहा कि जो भी संस्थान मनमानी करेंगे, उनपर आपदा अधिनियम के तहत करवाई की जाएगी.

buxar
निजी नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज

हर सम्भव मदद की जा रही
जिला अधिकारी ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है. अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में अधिकांश वैसे लोग हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे गिर जाने के बाद उनको अस्पताल में लाया गया था. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका.

गौरतलब है कि इस आपदा की घड़ी में भी कुछ निजी स्वास्थ्य कर्मी, विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवसर की तलाश कर रहे हैं. जहां इलाज के लिए भर्ती मरीज के परिजनों से पहले मनमानी पैसों की वसूली की जा रही है और मरीज की स्थिति बिगड़ने के साथ ही उनको रेफर कर दिया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.