बक्सर: बिहार के बक्सर सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन (MLA Demanded President Rule in UP) लगाए जाने की मांग कर रहे हैं. उन नेताओं का कहना है कि यूपी में लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है. कुख्यात अतीक ब्रदर्स की हत्या के बाद बिहार की सियासत भी पूरी तरह से गरम हो गई है. जुमे की अंतिम नमाज के बाद राजधानी पटना में अतीक अहमद अमर रहे नारे लगाए गए. आलम यह है कि यूपी में अपराधी राज की दुहाई देने वाले महागठबंधन के नेता अपने प्रदेश के बाहुबली आनंद मोहन को जेल से बाहर लाने के लिए संविधान में बने कानून को भी बदल डाले. अब वह अपराधी आनंद मोहन महागठबंधन के विधायकों को नेता लगने लगा है.
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डॉन की सफाया से सदमे में विपक्ष: यूपी में सैकड़ों घर तबाह करने वाले दो अपराधी भाइयों की हत्या के बाद बिहार के महागठबंधन नेताओं को अब अपना घर तबाह होते दिखाई दे रहा है. इन नेताओं को लगने लगा है कि जिस एमवाई समीकरण की दुहाई देकर सत्ता में हैं. यदि हम लोग पक्ष में भी खड़ा नही होंगे तब वह वोट बैंक हमलोगों से खिसक जाएगी. यहीं कारण है कि कब्रिस्तान में जाकर कोई उसके कब्र पर तिरंगा चढ़ा रहा है. कई नेता उस अपराधी को भारत रत्न देने की मांग करने लगे हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त करने की मांग: बक्सर से कांग्रेस विधायक संजय तिवारी ने कहा कि आनंद मोहन कोई अपराधी नहीं हैं. वो एक बड़े नेता हैं. वही उनसे जब यह पूछा गया की यूपी की सरकार अपराधियों का सफाया कर रही है. इसके बाद आप लोग अपराधी को जेल से बाहर निकालने के लिए कानून तक बदल डालते हैं. इसके जवाब में कहा कि उन्होंने भीड़ को किसी की हत्या करने के लिए नहीं उकसाया था. वह बिल्कुल निर्दोष हैं. हमें अपने अदालत पर पूरा भरोसा है. इस कानून में संशोधन के कारण एक निर्दोष नेता बाहर आएगा.
"आनंद मोहन कोई अपराधी नहीं हैं. वो एक बड़े नेता हैं. आनंद मोहन ने भीड़ को किसी की हत्या करने के लिए नहीं उकसाया था. वह बिल्कुल निर्दोष हैं. हमें अपने अदालत पर पूरा भरोसा है. इस कानून में संशोधन के कारण एक निर्दोष नेता बाहर आएगा". मुन्ना तिवारी, कांग्रेस विधायक
कसाब से बड़े अपराधी नहीं थे अतीक: डुमरांव से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने कहा कि यूपी में लोकतंत्र नहीं राजतंत्र काम कर रहा है. जहां अदालत एवं कानून की जरूरत नहीं है. वहां का राजा जो कह दिया उसी को सही माना जाता है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं. जब अफजल कसाब जैसे आतंकी को वकील मुहैया कराया गया था. इस देश में उसे भी कानून के तहत सजा दी गई थी. जबकि कसाब से बड़े ये अपराधी नहीं थे. हर मामले की तरह कानून अपना काम करती. लेकिन यूपी में अपराधी से अपराधी को खत्म कराकर नया अपराधी पैदा किया जा रहा है.
सरकार दे कानून समाप्त करने का जवाब: भाकपा विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि कानून बनानकर आनंद मोहन को रिहा करने का जवाब तो जेडीयू और आरजेडी के नेता ही देंगे. क्योंकि हमलोग सरकार में शामिल नहीं हैं. हम केवल सरकार के सहयोगी हैं. जो सरकार में शामिल है. वही इसका जवाब देंगे.
गौरतलब है कि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए महागठबंधन के नेताओं को ऐसा लग रहा है कि यदि यूपी में हुए अतीक ब्रदर्स के हत्या का विरोध नहीं करेंगे. तब एक बड़ा वोट बैंक हमलोगों के हाथ से खिसक जाएगा. यही कारण है कि राजधानी पटना में अतीक अहमद अमर रहे का नारा राज्य की सरकार कार्रवाई करने की बात कहती है.