बक्सर: कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी (MLA Munna Tiwari Attacked On Amit Shah) ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में भगवान रुपी जनता अंत करेगी. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को लेकर आपत्तिजनक बयान भी दिया.
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विधायक मुन्ना तिवारी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला: दरअसल, बक्सर विधायक मुन्ना तिवारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के मेघनाथ वाले बयान पर महागठबंधन की तरफ से पलटवार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश का सबसे बड़ा रावण है. दरअसल विजयादशमी के दिन रावण वध कार्यक्रम में शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था कि राज्य से मेघनाथ का विकेट गिर गया है, अब रावण की बारी है. इन सभी भ्रष्टाचारियों को जेल जाना ही होगा.
"देश के दो बड़े रावण नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ ही बक्सर के रावण अश्विनी कुमार चौबे की लंका में 2024 में देश और बक्सर की जनता आग लगाएगी. इन तीनों रावणों का वध करेगी".- मुन्ना तिवारी, विधायक बक्सर
विकास के नाम पर बक्सर सांसद ने कुछ भी नहीं किया: "बक्सर सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे पर पलटवार करते हुए विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि "बक्सर के रावण रूपी सांसद की लंका में राम रूपी जनता आग लगाने के लिए मशाल लेकर बैठी है. अपने 8 साल के कार्यकाल में अगर एक भी उपलब्धि अश्विनी कुमार चौबे ने बताये तो बक्सर की जनता चरण वंदन करेगी. जब चुनाव का शंखनाद होता है, उस समय आकर बक्सर में डेरा डाल देते हैं और जब यहां की जनता बाढ़ और सुखाड़ जैसी विपदा का सामना करती है. उस समय भागलपुर और दिल्ली में बैठकर बर्बादी का तमाशा देखते हैं. यहां पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान डुमरांव अनुमंडल में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का नींव रखा गया था. उसमें आज तक मेडिकल कॉलेज के नाम पर एक ईंट की जोड़ाई नहीं हो पाई है'. - संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी कांग्रेस विधायक
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए गठबंधन को छोड़कर नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद सभी पार्टी के नेताओं की निगाहें अगले लोकसभा चुनाव 2024 पर टिकी है. यही कारण है कि हर नेता एक दूसरे पर वार-पलटवार करने में जुटे हैं. जो बक्सर की मुख्य समस्या है, उस पर जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है. इसी कारण से 75 साल में बक्सर में एक कूड़ा डंपिंग जोन भी नहीं बन पाया है. यहां के लोग जहां तहां ऐसे ही कहीं भी घर के कूड़े को फेंक देते हैं. शहर के सफाई के नाम पर हर महीने 55 लाख रूपये की राशि खर्च करने की बात की जाती है.
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