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ISRO में साइंटिस्ट बना बक्सर का लाल, क्लास वन पदाधिकारी के रूप में हुई नियुक्ति - आशीष रंजन सिंह का इसरो में चयन

बक्सर जिले के एक होनहार युवक का चयन देश की सबसे बड़े अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो में हुआ है, जिसके बाद उनके परिजन और पूरे गांव में है उत्सव का माहौल है, बधाई देने वालो का तांता लगा है, वहीं इस उंचाई को छूने वाले आशीष रंजन सिंह का कहना है कि अपने लक्ष्य का निर्धारण करके ही कार्य करना जरूरी हेता है.

इसरो में वैज्ञानिक बने आशीष रंजन सिंह
इसरो में वैज्ञानिक बने आशीष रंजन सिंह
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Published : Aug 12, 2023, 1:05 PM IST

बक्सर: 'जीवन में सही लक्ष्य निर्धारित कर उसके प्रति मेहनत की जाए तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी'. यह कहना है बक्सर के ब्रह्मपुर निवासी आशीष भूषण सिंह का, जिनकी नियुक्ति हाल ही में इसरो के क्लास वन पदाधिकारी, यानी वैज्ञानिक के तौर पर हुई है. उनकी इस सफलता के बाद उनके घर वाले खुशी से फूले नहीं समा रहे. घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

ये भी पढ़ेंः रोहतास के अंकित गुप्ता का हुआ ISRO में चयन, इलाके के लोगों में खुशी का माहौल

पटना से शुरू की थी पढ़ाईः आशीष की प्रारंभिक शिक्षा लोयला स्कूल, पटना से हुई. जबकि 11वीं और 12वीं की शिक्षा सत्यम इंटरनेशनल स्कूल, पटना से पूरी की. इसके बाद आशीष ने आइटीआई की परीक्षा में सफलता हासिल की. इसके बाद सफलता का क्रम यहीं नहीं रुका. उनका चयन आईआईएसटी तिरुअनंतपुरम, केरल के लिए हुआ. इस संस्थान से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका चयन अंतिम रूप से इसरो के मुख्य केंद्र एलपीसीसी तिरुअनंतपुरम, केरल में क्लास वन अधिकारी वैज्ञानिक के रुप में हुआ है.

माता पिता के साथ आशीष
माता पिता के साथ आशीष

सफलता पर क्या है आशीष का कहना: आशीष भूषण सिंह ने अपनी सफलता पर कहा कि शुरु से हमारी इच्छा देश की सेवा करने की थी. किसी भी क्षेत्र में रहकर देश की सेवा की जा सकती है. मुझे लगता है कि देश की सेवा करने का मौका लेना का सबसे आसान तरीका पढ़ाई करना है. इस मंत्र को सभी विद्यार्थियों को अपने जीवन में जरूर उतारना चाहिए.

"शुरु से हमारी इच्छा देश की सेवा करने की थी. मुझे लगता है कि देश की सेवा करने का मौका लेना का सबसे आसान तरीका पढ़ाई करना है. जीवन में सही लक्ष्य निर्धारित कर उसके प्रति मेहनत की जाए तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी"- आशीष भूषण सिंह, वैज्ञानिक, इसरो

शुरू से ही मेधावी छात्र थे आशीष भूषण: आशीष ने बताया कि इनकी नियुक्ति इसरो के मुख्य केंद्र तिरुअनंतपुरम में होगी, जहां पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम काम कर चुके हैं. आशीष रघुनाथपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष भारत भूषण सिंह के पुत्र हैं, इनकी मां किरण सिंह हाउस वाइफ हैं, जबकि दादा पूर्व जिला पार्षद सदस्य रह चुके हैं. आशीष के गांव वालों का कहना है कि वो शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है. उनके इसरो में चयन होने से पूरे गांव मान बढ़ा है.

बक्सर: 'जीवन में सही लक्ष्य निर्धारित कर उसके प्रति मेहनत की जाए तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी'. यह कहना है बक्सर के ब्रह्मपुर निवासी आशीष भूषण सिंह का, जिनकी नियुक्ति हाल ही में इसरो के क्लास वन पदाधिकारी, यानी वैज्ञानिक के तौर पर हुई है. उनकी इस सफलता के बाद उनके घर वाले खुशी से फूले नहीं समा रहे. घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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पटना से शुरू की थी पढ़ाईः आशीष की प्रारंभिक शिक्षा लोयला स्कूल, पटना से हुई. जबकि 11वीं और 12वीं की शिक्षा सत्यम इंटरनेशनल स्कूल, पटना से पूरी की. इसके बाद आशीष ने आइटीआई की परीक्षा में सफलता हासिल की. इसके बाद सफलता का क्रम यहीं नहीं रुका. उनका चयन आईआईएसटी तिरुअनंतपुरम, केरल के लिए हुआ. इस संस्थान से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका चयन अंतिम रूप से इसरो के मुख्य केंद्र एलपीसीसी तिरुअनंतपुरम, केरल में क्लास वन अधिकारी वैज्ञानिक के रुप में हुआ है.

माता पिता के साथ आशीष
माता पिता के साथ आशीष

सफलता पर क्या है आशीष का कहना: आशीष भूषण सिंह ने अपनी सफलता पर कहा कि शुरु से हमारी इच्छा देश की सेवा करने की थी. किसी भी क्षेत्र में रहकर देश की सेवा की जा सकती है. मुझे लगता है कि देश की सेवा करने का मौका लेना का सबसे आसान तरीका पढ़ाई करना है. इस मंत्र को सभी विद्यार्थियों को अपने जीवन में जरूर उतारना चाहिए.

"शुरु से हमारी इच्छा देश की सेवा करने की थी. मुझे लगता है कि देश की सेवा करने का मौका लेना का सबसे आसान तरीका पढ़ाई करना है. जीवन में सही लक्ष्य निर्धारित कर उसके प्रति मेहनत की जाए तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी"- आशीष भूषण सिंह, वैज्ञानिक, इसरो

शुरू से ही मेधावी छात्र थे आशीष भूषण: आशीष ने बताया कि इनकी नियुक्ति इसरो के मुख्य केंद्र तिरुअनंतपुरम में होगी, जहां पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम काम कर चुके हैं. आशीष रघुनाथपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष भारत भूषण सिंह के पुत्र हैं, इनकी मां किरण सिंह हाउस वाइफ हैं, जबकि दादा पूर्व जिला पार्षद सदस्य रह चुके हैं. आशीष के गांव वालों का कहना है कि वो शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है. उनके इसरो में चयन होने से पूरे गांव मान बढ़ा है.

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