बक्सर: कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. भारत में इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहितियात के तौर पर पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन जारी करने का आदेश दिया है. लॉक डाउन के वजह से देश में यातायात के सभी साधन ठप है. इस वजह से जो लोद जहां पर ठहरे हुए थे. वहीं, पर फंस गए.
लॉक डाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हुए है. लोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया. इस वजह से बिहार समेत कई अन्य प्रदेश में रहने वाले लोग पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहें है. हालांकि, इसको लेकर सरकार और जिला प्रशासन जागी और मजदूरों के लिए कई राहत कैंप चलाना शुरू किया. जिले के दो अनुमंडल बक्सर और डुमराव अनुमंडल में प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और रहने का मुफ्त में व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन की और से लगाए गए इस कैंप से नराश्रित और बाहर भटक रहे लोगों को काफी राहत मिली है.
राहत कैंप में 100 बेड की व्यवस्था
इस मामले पर राहत कैंप में मौजूद अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कृतपूरा में बने राहत कैंप में 100 बेड की व्यवस्था की गई है. यहां पर रह रहे लोगों को नाश्ता, भोजन, आवास के साथ-साथ मुफ्त में मेडिकल की व्यस्था की गई है. उन्होंने बताया कि यदि और लोग यहां पर बढ़ते हैं तो जिला प्रशासन ने इसके लिए भी तैयारी कर के रखी है. वहीं, नगर परिषद के नगर प्रबंधक असगर अली ने बताया कि राहत कैंप में साफ-सफाई को लेकर भी खासा व्यस्था की गई है. यहां पर कई सफाई कर्मी को तैनात किया गया है.
'प्रशासन का कदम सराहनीय'
वहीं, राहत कैंप में ठहरे हुए राहगिरों ने जिला प्रशासन को घन्यवाद देते हुए कहा कि यातायात व्यवस्था बंद होने के कारण हम लोग अपने घर नहीं पहुंच पाए. हम लोग यहीं पर फंस गए. लेकिन जिला प्रशासन ने लोगों के लिए राहत कैंप की काफी बेहतर व्यवस्था की है. यहां पर सभी मुलभूत सुविधाएं मौजूद है. राहत कैंप में सफाई कर्मी के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ भी मौजूद हैं. लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि वे लोग हर समय सिस्टम को कोसते रहते थे. लेकिन जिला प्रशासन और सरकार के इस कदम से ऐसा लग रहा है. मानो रामराज्य फिर से वापस आ गया.