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बक्सर में सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति, शहरभर में है गंदगी का अंबार

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Published : Oct 28, 2019, 10:58 PM IST

बक्सर नगर परिषद लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना शहर की सफाई पर खर्च करती है. इसके बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है. त्योहारों में भी शहर में गंदगी से यहां के लोगों में मायूसी है.

बक्सर

बक्सर: स्वच्छ भारत योजना पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. लेकिन जिले में इस योजना को नगर परिषद के अधिकारी ही मुंह चिढ़ा रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में भी शहर में गंदगी का अंबार है. 30 लाख रुपये प्रति महीना खर्च करने के बाद भी गंदगी का ये हाल है.

मामला बक्सर के नगर परिषद का है. यहां स्वच्छ भारत अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. बक्सर नगर परिषद लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना शहर की सफाई पर खर्च करती है. इसके बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है. यहां सफाई में लगी एक एनजीओ शहर की गंदगी को किला मैदान के पीछे फेंक देती है. इसके बाद उसमें आग दिया जाता है. इससे शहर में काफी प्रदूषण हो रहा है.

नगर प्रबंधक असगर इमाम का बयान

'पैसों का हो रहा बंदरबाट'
इस मामले को लेकर नगर परिषद के नगर प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाई की जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी गयी है. विभाग उसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. त्योहारों के दिनों में शहर साफ नहीं हुआ तो एनजीओ पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, छठ में शहर की सफाई नहीं होने से लोगों में मायूसी है. लोगों की माने तो सफाई के नाम पर केवल पैसों का बंदरबाट किया जा रहा है.

बक्सर: स्वच्छ भारत योजना पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. लेकिन जिले में इस योजना को नगर परिषद के अधिकारी ही मुंह चिढ़ा रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में भी शहर में गंदगी का अंबार है. 30 लाख रुपये प्रति महीना खर्च करने के बाद भी गंदगी का ये हाल है.

मामला बक्सर के नगर परिषद का है. यहां स्वच्छ भारत अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. बक्सर नगर परिषद लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना शहर की सफाई पर खर्च करती है. इसके बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है. यहां सफाई में लगी एक एनजीओ शहर की गंदगी को किला मैदान के पीछे फेंक देती है. इसके बाद उसमें आग दिया जाता है. इससे शहर में काफी प्रदूषण हो रहा है.

नगर प्रबंधक असगर इमाम का बयान

'पैसों का हो रहा बंदरबाट'
इस मामले को लेकर नगर परिषद के नगर प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाई की जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी गयी है. विभाग उसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. त्योहारों के दिनों में शहर साफ नहीं हुआ तो एनजीओ पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, छठ में शहर की सफाई नहीं होने से लोगों में मायूसी है. लोगों की माने तो सफाई के नाम पर केवल पैसों का बंदरबाट किया जा रहा है.

Intro:बक्सर-भारत सरकार की स्वच्छता अभियान का नगर परिषद के अधिकारी ही उड़ा रहे है,मजाक,30 लाख रुपये प्रति महीना खर्च करने के बाद भी नही दूर हो रहा है,गंदगी।Body:भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे, स्वच्छता अभियान अब दम तोड़ने लगा है। भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाया जा रहा है,उसके बाद भी शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। दर्शल पूरा मामला बक्सर नगरपरिषद से जुड़ा हुआ है।जंहा शहर की सफाई के लिए नगर परिषद के द्वारा, लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना खर्च किया जाता है,उसके बाद भी शहरों से गंदगी दूर नही हो पाया, शहर की सफाई में लगे एनजीओ कर्मियों ने,शहर की गंदगी उठाकर शहर के ही किला मैदान के पीछे गंगा नदी से 200 मिटर दूर एवं बाईपास रोड में जमा कर उसमे आग लगा दिया जिसके कारण पूरे शहर में धुंवा फैल गया दिन में ही लोगो को लाइट जलाकर वहां से गुजरना पड़ा। शहर की अंदर फैले गंदगी एवं लोगो की हो रहे परेशानी को लेकर जब नगरपरिषद के नगर प्रबंधक से पूछा गया तो जनाब ने बताया कि शहर के सफाई का जिम्मा एनजीओ को दिया गया है। बिभाग इसकी मोनिटरिंग कर रहा है,धनतेरस से पहले शहरों की सफाई नही हो पाया तो सम्बंधित एनजीओ पर करवाई की जाएगी।

Byte असगर इमाम नगर प्रबंधक बक्सर
Conclusion:गौरतलब है,की दीपावली एवं छठ में भी शहरों की बेहतरीन सफाई नही होने से लोगो मे काफी मायूसी है,लोगो की माने तो सफाई के नाम पर केवल पैसों की बंदरबाट किया जा रहा है।
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