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अधिवक्ता दादा ने बनवाया था लॉ कॉलेज, जज बनकर पोता ने बढ़ाया मान

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में बक्सर के आशुतोष कुमार ने सफलता हासिल की है. छोटे शहर के युवा के न्यायिक अधिकारी बनने पर इलाके में खुशी का माहौल है. आशुतोष ने अपनी सफलता का श्रेय किसे दिया और कैसे तैयारी की, पढ़िये विस्तार से.

आशुतोष कुमार.
आशुतोष कुमार.
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Published : Oct 12, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 5:42 PM IST

बक्सरः वरीय अधिवक्ता गणपति मंडल के पौत्र आशुतोष कुमार ने बिहार न्यायिक सेवा की 31 वीं परीक्षा में 166 वां रैंक प्राप्त की. उनके न्यायिक पदाधिकारी बनने से इलाके में खुशी का माहौल है. गणपति मंडल ने वर्ष 1986 में विधि शिक्षा काे सुलभ कराने के उद्देश्य से बक्सर में कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय की स्थापना की थी. आशुतोष के पिता डॉ कृष्ण अली अलबर्ट कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज के प्राचार्य हैं. मां का नाम डॉ पुष्पा सिंह है.

इसे भी पढ़ेंः दरभंगा के तीन भाई-बहनों ने न्यायिक सेवा परीक्षा में पायी सफलता, इलाके में खुशी

इलाके में खुशी का माहौलः आशुतोष की सफलता पर माता-पिता के अलावा दादा गणपति मंडल, चाचा प्रो राजेश कुमार सिंह के साथ ही कॉलेज के सचिव डॉ बिनोद कुमार और कॉलेज के अन्य कर्मियों ने खुशी जाहिर की है. बक्सर के मठिया मोहल्ला निवासी आशुतोष कुमार ने कहा कि यह सफलता उनके दादाजी की प्रेरणा से मिली है. उसकी प्रारंभिक शिक्षा सिविल लाइंस स्थित टिनी टॉट स्कूल से हुई. इंटरमीडिएट चैतन्य स्कूल, हैदराबाद से किया. जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर साइंस, विधि की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से एलएलएम की पढ़ाई की.

सफलता पर खुशी मनाते परिजन.
सफलता पर खुशी मनाते परिजन.

इसे भी पढ़ेंः बेटियां नहीं हैं बेटों से कम: BJSE में मोतिहारी की स्नेहा बनी चौथी टॉपर


सेल्फ स्टडी से मिली सफलताः आशुतोष कुमार ने सफलता के पीछे की मेहनत के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सेल्फ स्टडी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि उनकी दो बहनें हैं. बड़ी बहन सोनल कुमारी व बहनोई वाराणसी में अधिवक्ता हैं. जबकि, छोटी बहन दामिनी विधि की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. अपने पुत्र की सफलता से गदगद कृष्ण अली अल्बर्ट ने मोहल्ले में मिठाई बांटी. युवा राजद के प्रदेश महासचिव बबलू यादव बताते हैं कि एक छोटे शहर से निकलकर इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर लेना बड़ी उपलब्धि है.

घर पर मिठाई बनवाते परिजन.
घर पर मिठाई बनवाते परिजन.

"मेरे दादाजी से मुझे इसकी प्रेरणा मिली थी. घर में भी लॉ का माहौल रहा है. उनकी दो बहनें हैं. बड़ी बहन सोनल कुमारी व बहनोई वाराणसी में अधिवक्ता हैं. छोटी बहन दामिनी विधि की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. सफलता के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है"- आशुतोष कुमार, न्यायिक सेवा के लिए चयनित प्रतिभागी

बक्सरः वरीय अधिवक्ता गणपति मंडल के पौत्र आशुतोष कुमार ने बिहार न्यायिक सेवा की 31 वीं परीक्षा में 166 वां रैंक प्राप्त की. उनके न्यायिक पदाधिकारी बनने से इलाके में खुशी का माहौल है. गणपति मंडल ने वर्ष 1986 में विधि शिक्षा काे सुलभ कराने के उद्देश्य से बक्सर में कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय की स्थापना की थी. आशुतोष के पिता डॉ कृष्ण अली अलबर्ट कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज के प्राचार्य हैं. मां का नाम डॉ पुष्पा सिंह है.

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इलाके में खुशी का माहौलः आशुतोष की सफलता पर माता-पिता के अलावा दादा गणपति मंडल, चाचा प्रो राजेश कुमार सिंह के साथ ही कॉलेज के सचिव डॉ बिनोद कुमार और कॉलेज के अन्य कर्मियों ने खुशी जाहिर की है. बक्सर के मठिया मोहल्ला निवासी आशुतोष कुमार ने कहा कि यह सफलता उनके दादाजी की प्रेरणा से मिली है. उसकी प्रारंभिक शिक्षा सिविल लाइंस स्थित टिनी टॉट स्कूल से हुई. इंटरमीडिएट चैतन्य स्कूल, हैदराबाद से किया. जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर साइंस, विधि की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से एलएलएम की पढ़ाई की.

सफलता पर खुशी मनाते परिजन.
सफलता पर खुशी मनाते परिजन.

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सेल्फ स्टडी से मिली सफलताः आशुतोष कुमार ने सफलता के पीछे की मेहनत के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सेल्फ स्टडी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि उनकी दो बहनें हैं. बड़ी बहन सोनल कुमारी व बहनोई वाराणसी में अधिवक्ता हैं. जबकि, छोटी बहन दामिनी विधि की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. अपने पुत्र की सफलता से गदगद कृष्ण अली अल्बर्ट ने मोहल्ले में मिठाई बांटी. युवा राजद के प्रदेश महासचिव बबलू यादव बताते हैं कि एक छोटे शहर से निकलकर इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर लेना बड़ी उपलब्धि है.

घर पर मिठाई बनवाते परिजन.
घर पर मिठाई बनवाते परिजन.

"मेरे दादाजी से मुझे इसकी प्रेरणा मिली थी. घर में भी लॉ का माहौल रहा है. उनकी दो बहनें हैं. बड़ी बहन सोनल कुमारी व बहनोई वाराणसी में अधिवक्ता हैं. छोटी बहन दामिनी विधि की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. सफलता के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है"- आशुतोष कुमार, न्यायिक सेवा के लिए चयनित प्रतिभागी

Last Updated : Oct 12, 2022, 5:42 PM IST
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