बक्सर: बिहार के बक्सर में ईंट मजदूरों ने प्रदर्शन (Brick Workers Protest In Buxar) किया. महंगाई की मार से हर कोई बेहाल है. जिसका असर अब उद्योग-धंधों पर भी दिखाई देने लगा है. बन्द हो रहे उद्योग धंधों के कारण बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ रहा है. लोग सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कड़ी में ईंट-उद्योग मालिकों के साथ वहां काम करने वाले हजारों मजदूरों ने सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जीएसटी वपास लेने की मांग पर अड़े रहे. दरअसल केंद्र सरकार के कोयला पर 6℅ जीएसटी लगाने के साथ ही सरकारी योजनाओं में लाल ईंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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बक्सर में ईंट भट्टा मजदूरों का प्रदर्शन : सरकारी योजनाओं में लाल ईंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसके कारण दर्जनों ईंट-भट्ठा बन्दी के कगार पर हैं. वंहा काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा गया है. भूख से बिलखते बच्चों को देख आज मजदूरों के धैर्य का बांध टूट गया. सड़क पर उतरी महिलाओं ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार पर जमकर अपना भड़ास निकाला. जीएसटी के विरोध में सड़क पर उतरी महिला मजदूरों ने कहा कि जब ईंट पकाने के लिए ईंट उद्योग में आग जलता है तो हमारे बच्चों के पेट का आग शांत होता है. हमारे बच्चों के पेट का सवाल है.
'यदि सरकार सम्मान के साथ मजदूरी कर अपने बच्चों का भविष्य नहीं संवारने देगी तो हम चोरी करेंगे, शराब बेचेंगे. सारा गैर कानूनी काम करेंगे लेकिन अपने बच्चों को भूख से नहीं मरने देंगे. नेता, मंत्री अपने अय्याशी के लिए टैक्स का बोझ हमलोगों पर लाद रहे हैं. ईंट निर्माण से उपयोग तक लाखों मजदूरों का पेट पलता है और हमारे पेट पर कोई लात मारे यह हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.' - महिला ईंट मजदूर
ईंट उद्योग मालिक भी हैं परेशान : ईंट उद्योग मालिकों ने अपनी परेशानियों को साझा करते हुए बताया कि जिस कोयला का दाम 6000 रुपए देना पड़ता था. आज बढ़े हुए जीएसटी के कारण 18000 रुपए देना पड़ रहा है. बिहार सरकार प्रदेश में कोयला उपलब्ध नहीं कराती है, दूसरे प्रदेश से कोयला हम लोग लाते हैं. उस पर भी भारी-भरकम जीएसटी लाद दिया गया है. सरकारी योजनाओं में लाल ईंट के इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.
'अब हमारे सामने ईंट-उद्योग को बंद करने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है. चिंता इन हजारों मजदूरों का है, जिनके पेट पर लात पड़ेगा. क्योंकि बरसात में जब काम इन मजदूरों के पास नहीं रहता है तब भी इनके जीने, खाने, और रहने के लिए पैसा हम लोग देते हैं. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार जीएसटी दर 6% से घटाकर 1% करे और सरकारी योजनाओं में जो लाल ईंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसे हटाये.' - ईंट उद्योग मालिक