बक्सर: बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. 17 नए चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. राज्यपाल फागू चौहान ने सभी मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है. हालांकि इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस नेता ने जमकर हमला बोला है.
बता दें कि बीजेपी कोटे से सैयद शाहनवाज हुसैन और जेडीयू कोटे से श्रवण कुमार को भी मंत्री बनाया गया है. लेकिन इस नए मंत्रियों में एक भी ब्रह्मर्षि समाज के नेता को शामिल नहीं किया गया है. इससे ब्रह्मर्षि समाज के लोगों में काफी नाराजगी दिखाई दे रही है.
"स्वर्णो की राजनीति करने वाली बीजेपी और उसके ही इशारे पर जेडीयू ने ब्रह्मर्षि समाज के एक भी नेता को नए मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नहीं किया है. इससे साफ हो जाता है कि बीजेपी केवल स्वर्ण वोट लेने के लिए ही ब्रह्मर्षि समाज के लोगों का इस्तेमाल करती है."- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, विधायक, कांग्रेस
दबाव में नीतीश कुमार ने किया घोषणा
इसके अलावा संजय तिवारी ने कहा कि मंत्रिमंडल का जो विस्तार हुआ है. वह बीजेपी के नेताओं के दबाव में हुआ है. नीतीश कुमार पर नकेल कसने के लिए बीजेपी के नेताओं ने पहले ही एक मुख्यमंत्री पर दो उपमुख्यमंत्री बनाकर नीतीश कुमार को दबाव में रखा है. बीजेपी की ओर से नेताओं के नाम की सूची जारी करने से जाहिर है कि नीतीश कुमार दबाव में हैं. उन्होंने दबाव में अपनी पार्टी से नेताओं के नाम की घोषणा की है.
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किस समाज से कितने को मिला जगह
बिहार के मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समीकरण की बात करें तो सबसे अधिक राजपूत समाज से लेसी सिंह, सुमित सिंह, सुभाष सिंह और नीरज कुमार सिंह को मंत्री बनाया गया है. ब्राह्मण समाज से आलोक रंजन झा और संजय झा को मंत्री बनाया गया है. वहीं, अल्पसंख्यक समाज से शाहनवाज हुसैन और जमा खा को मंत्री बनाया गया है. साथ ही साहनी समाज से मदन साहनी को जगह मिली है. इसके साथ ही कुशवाहा समाज से जयंत राज और सम्राट चौधरी को मंत्री बनाया गया है. कुर्मी समाज से श्रवण कुमार और वैश्य समाज से प्रमोद कुमार और नारायण प्रसाद को मंत्री बनाया गया है. दलित वर्ग से सुनील कुमार और जनक राम मंत्री बनाए गए हैं. कायस्थ समाज से नितिन नवीन को मंत्री बनाया गया है.