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बक्सर में यूरिया संकट: खाद की किल्लत और कालाबाजारी से किसान परेशान, अधिकारी भी काट रहे कन्नी - etv bharat

बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के गृह जिले बक्सर में यूरिया की कालाबाजारी (Black marketing of Urea in Buxar) से हाहाकार मचा हुआ है. दुकानदार 266 रुपए के बदले 500 रुपए में किसानों को यूरिया दे रहे हैं. सूचना के बाद भी अधिकारी कन्नी काट रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बक्सर में यूरिया की किल्लत
बक्सर में यूरिया की किल्लत
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Published : Jan 9, 2022, 7:55 AM IST

बक्सर: बिहार के बक्सर में यूरिया की किल्लत (Shortage of Urea in Buxar) और कालाबाजारी से हाहाकार मचा हुआ है. जिले के बक्सर एवं डुमरांव अनुमंडल के दलसागर, जगदीशपुर, चुरामनपुर, नदाव समेत दर्जनों गांवों में 266 रुपए की यूरिया किसानों को 500 रुपए में दी जा रही है. परेशान किसान, विस्कोमान से लेकर पैक्स एवं जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रही है.

ये भी पढ़ें- बिहार में अब दूर होगी खाद की किल्लत, समीक्षा बैठक में बोले नीतीश- केंद्र के संपर्क में रहें अधिकारी

जिले की एक दुकान पर जब ईटीवी भारत के संवाददाता किसान बनकर यूरिया लेने पहुंचे तो 266 रुपए की यूरिया 480 रुपए से कम में देने के लिए दुकानदार तैयार नहीं हुआ. इस बात की सूचना देने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.

बक्सर में यूरिया की किल्लत

यूरिया की तलाश में जिले के सिमरी प्रखंड के हाता ओपी से चलकर बक्सर एवं डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय में पहुंचे किसानों ने बताया कि 400-500 रुपए में एक पैकेट यूरिया किसानों को दुकानदार दे रहे हैं. सुबह 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक लाइन में लगने के बाद भी सरकारी दुकानों से यूरिया किसानों को नहीं दिया जा रहा है. सरकारी कर्मी कभी नेटवर्क तो कभी ओटीपी का बहाना बनाकर किसानों को बरगलाने में लगे हैं, जिससे कि किसान प्राइवेट दुकान से यूरिया खरीदने को मजबूर हो जाए.

ये भी पढ़ें- खाद के लिए मारामारी: भोर में 3 बजे से लाइन में लगते हैं किसान, फिर भी नहीं मिलती डीएपी और यूरिया

यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर जब डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे मंत्री और कार्यालयों में बैठे अधिकारी ही नहीं चाहते कि किसानों को खाद मिले.

''इफको बाजार में खाद की सप्लाई न करके प्राइवेट दुकानों पर खाद दिया जा रहा है. जहां किसानों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. 266 रुपए की खाद 400, 500 और 600 रुपए तक में बेची जा रही है.''- अजित कुमार सिंह, भाकपा विधायक

समाहरणालय सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मीडिया कर्मियो के द्वारा जिले में यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर जब उपविकास आयुक्त डॉक्टर योगेश कुमार सागर से पूछा गया तो वह सवालों से बचते नजर आए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा फोकस खाद पर नहीं कोरोना पर है. आप लोग इसकी जानकारी अलग से दे दीजियेगा, हम दिखवा लेंगे.

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बक्सर: बिहार के बक्सर में यूरिया की किल्लत (Shortage of Urea in Buxar) और कालाबाजारी से हाहाकार मचा हुआ है. जिले के बक्सर एवं डुमरांव अनुमंडल के दलसागर, जगदीशपुर, चुरामनपुर, नदाव समेत दर्जनों गांवों में 266 रुपए की यूरिया किसानों को 500 रुपए में दी जा रही है. परेशान किसान, विस्कोमान से लेकर पैक्स एवं जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रही है.

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जिले की एक दुकान पर जब ईटीवी भारत के संवाददाता किसान बनकर यूरिया लेने पहुंचे तो 266 रुपए की यूरिया 480 रुपए से कम में देने के लिए दुकानदार तैयार नहीं हुआ. इस बात की सूचना देने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.

बक्सर में यूरिया की किल्लत

यूरिया की तलाश में जिले के सिमरी प्रखंड के हाता ओपी से चलकर बक्सर एवं डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय में पहुंचे किसानों ने बताया कि 400-500 रुपए में एक पैकेट यूरिया किसानों को दुकानदार दे रहे हैं. सुबह 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक लाइन में लगने के बाद भी सरकारी दुकानों से यूरिया किसानों को नहीं दिया जा रहा है. सरकारी कर्मी कभी नेटवर्क तो कभी ओटीपी का बहाना बनाकर किसानों को बरगलाने में लगे हैं, जिससे कि किसान प्राइवेट दुकान से यूरिया खरीदने को मजबूर हो जाए.

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यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर जब डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे मंत्री और कार्यालयों में बैठे अधिकारी ही नहीं चाहते कि किसानों को खाद मिले.

''इफको बाजार में खाद की सप्लाई न करके प्राइवेट दुकानों पर खाद दिया जा रहा है. जहां किसानों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. 266 रुपए की खाद 400, 500 और 600 रुपए तक में बेची जा रही है.''- अजित कुमार सिंह, भाकपा विधायक

समाहरणालय सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मीडिया कर्मियो के द्वारा जिले में यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर जब उपविकास आयुक्त डॉक्टर योगेश कुमार सागर से पूछा गया तो वह सवालों से बचते नजर आए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा फोकस खाद पर नहीं कोरोना पर है. आप लोग इसकी जानकारी अलग से दे दीजियेगा, हम दिखवा लेंगे.

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