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बिहार की राजनीति में शाहनवाज हुसैन की एंट्री, कई नेताओं की बढ़ी परेशानी - बीजेपी शहनवाज हुसैन

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में लाकर तमाम सियासी दलों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. तो वहीं दूसरी ओर राजनीति करने वाले मुस्लिम नेताओं को भी अब अपना राजनीतिक सितारा चमकने की उम्मीद दिखाई देने लगी है.

शहनवाज हुसैन
शहनवाज हुसैन
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Published : Jan 23, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 1:02 PM IST

बक्सर: बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार शाहनवाज हुसैन की बिहार में एंट्री हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया है. बीजेपी के इस सियासी दांव के बाद बिहार की तमाम राजनीतिक पार्टियों में राजनीति करने वाले मुस्लिम नेताओं को भी अब अपना राजनीतिक सितारा चमकने की उम्मीद दिखाई देने लगी है.

मुस्लिम नेताओं को लगता है कि उनकी पार्टी में भी मुस्लिम नेताओं की पूछ बढ़ेगी. जिसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे मुस्लिम नेताओं के संख्या घटती जा रही है. बिहार के जितने भी राजनीतिक दल हैं चाहे राष्ट्रीय हो या क्षेत्रीय. किसी के पास फिलहाल कोई ऐसा मुस्लिम चेहरा नहीं है. जिसके नाम पर मुस्लिम वोटर को गोलबंद किया जा सके. यही कारण था कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हैदराबाद की राजनीति करने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम सियासत को हवा देकर 5 सीट जीत ली है.

बीजेपी ने खेला है बड़ा दांव
बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में एंट्री करवा कर एक दूरगामी दांव खेला है. नीतीश कुमार के समर्थक के रूप में जाने जानेवाले सुशील कुमार मोदी को पार्टी ने पहले राज्यसभा भेजा. उसके बाद बिहार में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बना दिया गया. बीजेपी के इस बदलाव के जरिए भविष्य की रणनीति तैयार करने में लगी हुई है. बीजेपी के इस बदलाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर एक दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है. क्योंकि बिहार में इस बदलाव के जरिए सत्ता का भविष्य बुन रहे बीजेपी के नेताओ ने अपने सहयोगियों जदयू को यह संदेश देने की कोशिश किया है कि बीजेपी अब नीतीश कुमार के साये से निकलकर आगे की राजनीति करेगें.

इसे भी पढ़ें: समस्तीपुर में लगातार मिल रहे लापता लोगों के शव, पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल

राजनीतिक बदलाव पर क्या कहते है नेता
बिहार की राजनीति में आये इस बदलाव को लेकर राजपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि भविष्य में राजनीति के बदलाव का संकेत दिख गया है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में एंट्री करवाया है. जिससे स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी अब नीतीश कुमार के छत्रछाया में नहीं बल्कि अपनी छत्रछाया में नीतीश कुमार को रखकर राजनीति करना चाहते है.

विश्वनाथ राम कांग्रेस विधायक
कांग्रेस नेता विश्वनाथ राम के इस बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप दुबे ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी का कोई वजूद ही नहीं है और बिहार में मात्र 19 विधायक है. उस पार्टी के नेता एनडीए में टूट-फुट की बात करें तो हास्यस्पद लगता हैय यह वही कांग्रेस पार्टी है जो अपने प्रभारी पर कुर्सी चलाते है. भारतीय जनता पार्टी आज देश के अधिकांश राज्यो में सरकार चला रही है. चारो दिशाओं में जनाधार है. उस पार्टी पर टिका-टिपणी कर कांग्रेस के नेता खुद अपना जग हंसाई कर रहे है.

बक्सर: बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार शाहनवाज हुसैन की बिहार में एंट्री हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया है. बीजेपी के इस सियासी दांव के बाद बिहार की तमाम राजनीतिक पार्टियों में राजनीति करने वाले मुस्लिम नेताओं को भी अब अपना राजनीतिक सितारा चमकने की उम्मीद दिखाई देने लगी है.

मुस्लिम नेताओं को लगता है कि उनकी पार्टी में भी मुस्लिम नेताओं की पूछ बढ़ेगी. जिसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे मुस्लिम नेताओं के संख्या घटती जा रही है. बिहार के जितने भी राजनीतिक दल हैं चाहे राष्ट्रीय हो या क्षेत्रीय. किसी के पास फिलहाल कोई ऐसा मुस्लिम चेहरा नहीं है. जिसके नाम पर मुस्लिम वोटर को गोलबंद किया जा सके. यही कारण था कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हैदराबाद की राजनीति करने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम सियासत को हवा देकर 5 सीट जीत ली है.

बीजेपी ने खेला है बड़ा दांव
बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में एंट्री करवा कर एक दूरगामी दांव खेला है. नीतीश कुमार के समर्थक के रूप में जाने जानेवाले सुशील कुमार मोदी को पार्टी ने पहले राज्यसभा भेजा. उसके बाद बिहार में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बना दिया गया. बीजेपी के इस बदलाव के जरिए भविष्य की रणनीति तैयार करने में लगी हुई है. बीजेपी के इस बदलाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर एक दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है. क्योंकि बिहार में इस बदलाव के जरिए सत्ता का भविष्य बुन रहे बीजेपी के नेताओ ने अपने सहयोगियों जदयू को यह संदेश देने की कोशिश किया है कि बीजेपी अब नीतीश कुमार के साये से निकलकर आगे की राजनीति करेगें.

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राजनीतिक बदलाव पर क्या कहते है नेता
बिहार की राजनीति में आये इस बदलाव को लेकर राजपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि भविष्य में राजनीति के बदलाव का संकेत दिख गया है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में एंट्री करवाया है. जिससे स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी अब नीतीश कुमार के छत्रछाया में नहीं बल्कि अपनी छत्रछाया में नीतीश कुमार को रखकर राजनीति करना चाहते है.

विश्वनाथ राम कांग्रेस विधायक
कांग्रेस नेता विश्वनाथ राम के इस बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप दुबे ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी का कोई वजूद ही नहीं है और बिहार में मात्र 19 विधायक है. उस पार्टी के नेता एनडीए में टूट-फुट की बात करें तो हास्यस्पद लगता हैय यह वही कांग्रेस पार्टी है जो अपने प्रभारी पर कुर्सी चलाते है. भारतीय जनता पार्टी आज देश के अधिकांश राज्यो में सरकार चला रही है. चारो दिशाओं में जनाधार है. उस पार्टी पर टिका-टिपणी कर कांग्रेस के नेता खुद अपना जग हंसाई कर रहे है.

Last Updated : Jan 23, 2021, 1:02 PM IST
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