बक्सर: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नितिन नवीन (Former Minister Nitin Naveen) और बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय टाइगर एक दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे. जहां सिंडिकेट गोलंबर पर कार्यकर्ताओं एवं वहां का स्थानीय लोगों के बीच मोदी के द्वारा 9 साल में चलाई गई सभी योजनाओं को विधिवत बताया गया. पूर्व मंत्री ने कहा कि सभी गरीब पिछड़े, अति पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए मोदी सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई गई. करोड़ों लोग जो आज तक बैंक का मुंह नहीं देखे थे, उनके कल्याण के लिए जनधन योजना के तहत खाता खुलवाया गया. जिसमें बिना बिचौलिए के सीधे उनका पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है.
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"पहले की सरकार में लोग कहते थे किस जॉब सेंट्रल गवर्नमेंट आम लोगों के लिए 1 रुपये भेजती है तो 85 पैसे बिचौलिए खा जाते थे और उस गरीब तक मात्र 15 पैसा ही पहुंचता था. लेकिन आज नरेंद्र मोदी की सरकार में 1 रुपये गरीब को दिया जाता है तो सीधे उस गरीब को एक रुपया मिलता है. बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं है. गरीब मां-बहनों के लिए उज्जवला योजना के तहत मुफ्त में गैस सिलेंडर, स्वच्छता मिशन के तहत हर घर में शौचालय बनवाया गया. हर गरीबों को पक्का मकान दिया गया. किसानों के लिए फसल क्षति योजना से लेकर, प्रत्येक वर्ष उनके खाते में 6 हजार रुपये दिया जा रहा है. जिससे किसान भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं."- नितिन नवीन, पूर्व मंत्री, बिहार सरकार
अधूरा रह गया कई योजना: 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा डुमराव शहर में, मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की नीव रखी गई थी, इटाढ़ी रेलवे गुमटी और चौसा रेलवे गुमटी पर आरओबी बनाने का काम 16 महीने में पूरा होना था, वह 5 साल में भी पूरा नहीं हुआ, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सारा अंशदान बिहार सरकार को उपलब्ध करा दिया है. लेकिन बिहार सरकार के जो सुपर सीएम तेजस्वी यादव हैं. उनको विदेश घूमने और दिल्ली घूमने से फुर्सत नहीं मिल रहा है कि वह योजनाओं का समीक्षा करें.
लापरवाही की वजह से कई योजना लंबित: पूर्व मंत्री ने कहा कि बिहार पथ निर्माण मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय उन्हीं के पास है. इसलिए सारा काम अधूरा पड़ा है. ऐसे कई काम हैं जो बिहार सरकार के नाकामियों के कारण अधूरा पड़ा हुआ है और जनता को उसका लाभ नहीं मिल रहा है. गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे सभी राजनीतिक पार्टी के नेता अपनी खूबियां बताने के साथ ही विपक्ष की नाकामियों को उजागर करने में लगे हुए हैं. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव से पहले इनके द्वारा जो रणनीति बनाई जा रही है. वह चुनाव के दौरान उनको कितना काम आता है.