बक्सर: एक्सकैवेटर की इतनी चर्चा तो शायद तब भी नहीं हुई होगी जब यह पहली बार अस्तित्व में आया होगा. इसके अविष्कारक कभी नहीं सोचे होंगे कि उनका यह अविष्कार एक दिन इतनी सुर्खियों में होगा. ये दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजनीति के केंद्र में आ जाएगा.अभी भारत में एक्सकैवेटर से बुलडोजर बने इस मशीन की कहानी देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश से शुरू होकर मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली होते हुए बिहार पहुंची. आलम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के उपनाम से खूब प्रचारित किया और दोबारा प्रचंड बहुमत हासिल किया.
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अपराधियों पर बुलडोजर से कार्रवाई: हत्या के मामले में फरार चल रहे वारंटियों के घर पर बक्सर में भी बुलडोजर चला. जो बक्सर में खासा चर्चा में है. बक्सर में चले बुलडोजर की चर्चा पटना में भी जोरों पर हुई. पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का बयान आया कि चीन के खिलाफ बुलडोजर तो क्या बीजेपी सरकार एक शब्द नहीं निकाल सकती. बाद में बड़े भाई तेज प्रताप यादव का भी एक बयान बुलडोजर को लेकर सामने आ गया. उधर, दिल्ली में जहांगीर पुरी मामले में बुलडोजर लगातार चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़क तक बुलडोजर की ही बात हो रही है. मध्य प्रदेश के खरगौन में बीते दिनों बुलडोजर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी बुलडोजर से अलग नहीं रह सके.
बुलडोजर को लेकर भिड़े पक्ष-विपक्ष: वर्तमान भारतीय राजनीतिक परिवेश में जेसीबी से बुलडोजर बनी यह मशीन, अब मशीन नहीं बल्कि राजनीतिक चिन्ह प्रतीत होने लगी है. एक पक्ष जहां बुलडोजर को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और राजनीतिक पराक्रम के रूप में प्रदर्शित कर रहा है तो दूसरा पक्ष इसे एक पक्षीय विध्वंसक के तौर पर बता रहा है. इस बाबत ईटीवी भारत ने जब बीजेपी बक्सर जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर (BJP Buxar District President Madhuri Kunwar) से बात की तो उन्होंने साफ साफ कहा कि यूपी और एमपी जैसी कार्रवाई बिहार में भी होना चाहिए.
''बुलडोजर से कार्रवाई उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में की जा रही है, वैसी ही कार्रवाई बिहार में भी बहुत जरूरी है. तभी इस तरह के अपराध रुकेंगे. विपक्ष जब जब भाजपा या भाजपा नेताओं के लिए किसी शब्द से व्यंग किया है, वह व्यंग्यात्मक शब्द हमेशा भाजपा के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है. बात चाहे 56 इंच की हो या बुलडोजर की.''-माधुरी कुंवर, बीजेपी जिलाध्यक्ष, बक्सर
''बीजेपी सभी को डरा कर शासन करना चाहती है. बुलडोजर एक भयावह शब्द बन चुका है. भारतीय जनता पार्टी महंगाई और बेरोजगारी की बात नहीं कर रही है, बस बुलडोजर से घर गिराने की बात करती है. ये लोग किसी का घर बनाएंगे कहां से.. ये तो बस तोड़ना जानते हैं.''- शेषनाथ यादव, राजद जिलाध्यक्ष, बक्सर
बुलडोजर का इतिहास: बात करें इस बुलडोजर की तो इसके कंपनी का नाम जेसीबी है, लेकिन इस खुदाई और तोड़ाई वाले वाहन में जेसीबी लिखे होने से हमारे देश में इस मशीन को जेसीबी नाम ही दे दिया गया, किंतु असल में इस मशीन का नाम एक्सकैवेटर है. जेसीबी, मशीन बनाने वाली एक ब्रिटिश कंपनी है और इसका मुख्यालय स्टैडफोर्डशायर इंग्लैंड में है. इस कंपनी का नाम इसके संस्थापक जोसेफ सिरिल बमफोर्ड (JCB) के नाम पर रखा गया है. बता दें कि जेसीबी अपनी तरह की दुनिया में ऐसी पहली मशीन थी जिसे 1945 में लॉन्च किया गया था. संयोग देखिए कि कंपनी के संस्थापक को बहुत तलाश के बाद भी जब इसका कोई उपयुक्त नाम नहीं सूझा तो उन्होंने इसे अपना ही नाम दे दिया.
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