बक्सर: सियासी हंगामे के बीच आखिरकार केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने एक ही एंबुलेंस का चौथी बार उद्घाटन कर दिया. ये छलावा जनता से ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब यहां के लोगों को ऐसी एंबुलेंस की सख्त जरूरत है.
अश्विनी कुमार चौबे ने नाम बदलकर चौथी बार एक ही एम्बुलेन्स का वर्चुअल उद्घाटन किया है. लेकिन जब ईटीवी भारत ने जनसरोकार से जुड़ी इस खबर से पर्दा हटाया तो हड़कंप मच गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो ट्वीट कर अश्विनी चौबे को आसमानी चौबे तक करार दे डाला है.
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एंबुलेंस का चौथी बार उद्घाटन
एक तरफ कोरोना कहर बरपा रहा है. वहीं दूसरी ओर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में एसजेवीएन द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को वर्ष 2019 में गिफ्ट किये गये एम्बुलेंस का आज चौथी बार वर्चुअल उदघाट्न किया गया. उद्घाटन से पहले 6 में से 4 एम्बुलेंस को समाहरणालय सभागार में लाया गया. पुराने एम्बुलेन्स पर ही महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन का नया स्टिकर लगाया गया था. विधि विधान से उदघाट्न की तैयारी थी, लेकिन मीडियाकर्मियों के जमावड़ा को देख इस उद्घाटन समारोह में कोई भी अधिकारी हरी झंडी दिखाने के लिए उपस्थित नहीं हुआ. ना ही हरी झंडी दिखाई गई. मोबाइल के माध्यम से ही मंत्री महोदय ने सभी एम्बुलेंस को रवाना किया.
ईटीवी की खबर को तेजस्वी ने किया ट्वीट
दुर्भाग्य की बात है कि तीन साल में आज तक इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो पाया. ऐसे में इस एम्बुलेंस से कोई हादसा हो जाता है तो, उसका जिम्मेवार कौन होगा? खबर को जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रमुखता से उठाया और तीखे सवाल किए तो इस पर सभी ने चुप्पी साध ली. लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने ईटीवी भारत की खबर को ट्वीट कर निशाना साधा है.
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क्या कहते है पूर्व एम्बुलेंस चालक
इस एम्बुलेंस के पूर्व ड्राइवर सह 102 एम्बुलेंस चालक के अध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि सबसे पहले इस एम्बुलेंस का सदर अस्पताल में उदघाट्न किया गया था. दूसरी बार किला मैदान बक्सर में, तीसरी बार रामगढ़ और चौथी बार आज समाहरणालय सभागर से 4 एम्बुलेंस को अलग-अलग विधानसभा के लिए रवाना किया गया.
तीन साल में नहीं हुआ एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन
एंबुलेंस का उद्घाटन तो लगातार हो रहा है लेकिन हैरानी की बात है कि तीन साल में आज तक इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया. ऐसे में इस एम्बुलेंस से कोई हादसा हो जाता है तो, उसका जिम्मेवार कौन होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस उद्घाटन समारोह में पहुंचे सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने मीडियाकर्मियों का जमावड़ा देख मामले से खुद को किनारा कर लिया. इस दौरान ईटीवी भारत को दिए गए अपने बयान में उन्होंने कहा कि मंत्री के आदेश पर इस एम्बुलेंस को धनुष फाउंडेशन को हैंड ओवर कर दिया गया है. धनुष फाउंडेशन ही इस एम्बुलेंस को अब चलाएगा.
बीजेपी नेता ने दी सफाई
उदघाट्न समारोह में पहुंचे बीजेपी नेता ने किरकिरी होता देख, बिना हरी झंडी दिखाये ही कार्यक्रम से किनारा कर लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता के हित में यह निर्णय लिया गया है. मीडिया बेवजह ही इस मामले को तूल दे रही है. इस एम्बुलेन्स का आज चौथी बार नहीं पहली बार उद्घाटन किया जा रहा है. जिसमें 36 प्रकार के जांच की व्यवस्था की गई है.
'एंबुलेंस का उद्घाटन जनता के हित में किया जा रहा है. आज इसका उदघाट्न किया गया लेकिन मीडिया बेवजह मामले को तूल दे रही है.'- परशुराम चतुर्वेदी, बीजेपी नेता
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पढ़िए कब- कब हुआ उद्घाटन
सबसे पहले 102 में इस एम्बुलेंस का उद्घाटन किया गया था. दूसरी बार चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार के नाम से इसका उद्घाटन किया गया. तीसरी बार इसका उद्घाटन कैमूर से किया गया. जबकि आज चौथी बार महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन के नाम से इसका उदघाट्न किया गया.
- पहली बार: 102 में हुआ एम्बुलेंस का उद्घाटन
- दूसरी बार: 'चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार' के नाम से उद्घाटन
- तीसरी बार: कैमूर से किया गया उद्घाटन
- चौथी बार: 'महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन' के नाम से उदघाट्न
हैदराबाद के एनजीओ को दे दिए 5 एम्बुलेंस
इसी बीच 8 अप्रैल 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विभागीय पत्र जारी कर बक्सर सिविल सर्जन को एसजेवीएन कम्पनी द्वारा गिफ्ट किये गए 6 एम्बुलेंस में से 5 एंबुलेंस धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर करने का निर्देश दे दिया. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने 5 एम्बुलेंस हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर कर दिया और सभी एम्बुलेंस बक्सर से बाहर भेज दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री की ओर से नहीं आई सफाई
खबर लिखे जाने से पहले जब ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, तो उनके मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. हालाकि इस मामले में विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा जरूर मिल गया है.
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