बक्सरः बिहार के बक्सर में पशु प्रेम देखने को मिला. लंगूर की मौत के बाद शव यात्रा निकाल कर अंतिम संस्कार किया गया. मामला जिले के डुमरांव अनुमण्डल अंतर्गत ब्रह्मपर का है. ग्रामीणों ने लंगूर का विधि विधान के साथ अंतिम शव यात्रा निकालकर हिन्दू रीति रिवाज से गंगा तट पर अंतिम संस्कार किया गया. यह लंगूर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के मंदिर के परिसर में रहता था, जिसके मौत हो गई.
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बीमार था लंगूरः ग्रामीणों ने बताया कि सनातन धर्म लंगूर को हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है. लम्बे समय से यह बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की मन्दिर में ही रहते था. एक दिन जब काफी सुस्त अवस्था में लोगों ने लंगूर को देखा तो तुरंत ही डॉक्टर को बुलाकर इलाज कराया गया. इसके बाद लंगूर स्वस्थ होकर चहल कदमी करने लगा था, लेकिन सोमवार को अचानक मन्दिर परिसर में पड़ा हुआ था. डॉक्टर को बुलाया तो मृत घोषित कर दिया.
बक्सर में लंगूर का अंतिम संस्कारः ग्रामीणों के अनुसार लंगूर का मरना शुभ संकेत नहीं है. इस कारण हमलोग बहुत दुखी है. लंगूर की शव यात्रा में शामिल ग्रामीण अमित कुमार ने बताया कि लंबे समय से मंदिर परिसर में ही लंगूर रहता था. हिंदू रीति रिवाज के साथ शव यात्रा को निकालकर गंगा की तट पर विधि विधान से अंतिम संस्कार किया जाएगा. सनातन धर्म में जिस तरह से दशकर्म और ब्रह्मनभोज का आयोजन होता है, वह सारे कर्म किया जाएगा.
"काफी समय से मंदिर में लंगूर रह रहा था. बीच में स्वास्थ्य खराब हो गया था. डॉक्टर से इलाज के बाद ठीक हो गया था. सोमवार को अचानक इसकी मौत हो गई. मौत के बाद हमलोगों ने अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है. दशकर्म और ब्रह्मनभोज का भी आयोजन किया जाएगा." -अमित कुमार, ग्रामीण
लोगों को सीखने की जरूरतः गौरतलब हो कि ग्रामीणों का यह पशु प्रेम को देखकर रास्ते से गुजरने वाला हर कोई हैरान थे. ग्रामीणों के इस फैसले का लोगों ने काफी सराहना की. कहा कि आज की चकाचौंध दुनिया में लोग मां-बाप और सगे-संबंधियों से रिश्ता खत्म कर लेते हैं. वैसे लोगों को इनसे सीखने की जरूरत है.