बक्सरः लॉकडाउन के बाद अब किसान टिड्डियों के आतंक से परेशान हैं. जिले के जगदीशपुर, बोक्सा, चक्रहंसी समेत कई पंचायत के खेतों में लगे ईख, जोनहरी, बाजरा, मूंग, उड़द और धान के बिजड़े का पूरी तरह से सफाया कर दिया है. किसानों की ओर से बार-बार सूचना देने के बाद भी, ना तो विभाग ने इस पर संज्ञान लिया और ना ही किसानों के खेतों को देखने की किसी ने जहमत उठाई.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
किसानों की समस्या को लेकर कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक रामकेवल ने बताया कि बक्सर में जो टिड्डियां हैं. इनका आकार कुछ छोटा है. हालांकि किसानों के खेत में लगी फसल को पूरी तरह से चट कर गए हैं. जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. खेतों में रसायनिक दावा का छिड़काव कर टिड्डियों को नियंत्रित किया जा सकता है.
रसायनिक दवा के बाद भी नहीं होता कोई फायदा
वहीं इस समस्या को लेकर जिले के किसानों ने बताया कि बार-बार रासायनिक दवा के छिड़काव करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा है और पूरी तरह से खेतों में ही फसल को टिड्डियों ने बर्बाद कर दिया. सूचना देने के बाद विभागीय अधिकारी ये कहकर फोन काट देते हैं कि विभाग के पास इसके अलावा और भी काम हैं, खुद इसका उपाय सोचें.
गौरतलब है कि सरकार और सरकारी बाबू की मनमानी के कारण जिले में किसानों की हाल खराब है. विभागीय अधिकारी, डीलरों और बिचौलियों की मिलीभगत के कारण किसानों की योजना जमीन पर उतरने से पहले ही दम तोड़ देती है.