बक्सरः बिहार में बक्सर (Buxar) के धनसोइ थानाक्षेत्र के मटकीपुर गांव (Matkipur Village) में दलित युवक की पिटाई (Young Man Beaten) मामले में दबंग पूर्व मुखिया हरेन्द्र यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. घटना के बाद से वह फरार था. कोर्ट ने कुर्की जब्ती करने का आदेश दिया था. जिसके बाद शुक्रवार को मुखिया ने व्यवहार न्यायालय पहुंच कर सरेंडर किया. तब ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. जबकि पुलिस चाहती तो उसे पहले ही गिरफ्तार कर सकती थी. लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया है.
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बता दें कि 16 अक्टूबर की रात बक्सर जिले के धनसोइ थाना से महज चंद कदम की दूरी पर मटकीपुर गांव में एक दलित युवक पर मोटरसाइकल चोरी का आरोप लगाकर मटकीपुर पंचायत के दबंग पूर्व मुखिया एवं उनके समर्थकों द्वारा मुकेश कुमार नामक युवक को निर्वस्त्र कर 4 घण्टे तक पिटाई की गई. हैरानी की बात है कि स्थानीय थाना के चौकीदार भी घटनास्थल पर ही मौजूद थे. उसके बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. जब दबंगों का पिटाई करने से मन भर गया, तो चौकीदार के माध्यम से पुलिस को सूचना दिलवाया गया कि युवक शराब पिए हुए है. पुलिस आनन-फानन में 17 अक्टूबर की सुबह शराब पीने का मामला दर्ज कर उस युवक को जेल भेज दिया.
दबंगों की पिटाई से बुरी तरह से घायल दलित युवक को जब कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया, तो उस समय पुलिसकर्मियों के सामने ही आरोपी युवक बार-बार कह रहा था कि हमने मुखिया जो को वोट नहीं दिया. इसलिए मुझे नंगा कर मारा गया. मैं केस करूंगा तो मेरे परिवार को वे लोग जिंदा नहीं छोड़ेंगे. मैंने कोई चोरी नहीं की है. अगर चोरी की भी है, तो मुझे सजा देने का अधिकार कोर्ट को है. न कि पूर्व मुखिया और उसके समर्थक को.
पुलिस को जब इस घटना की जानकारी मिली, उसके बाद भी आरोपी पूर्व मुखिया पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं किया. इसी बीच किसी के द्वारा वह वीडियो वायरल कर दिया गया. स्थानीय लोग और मीडिया के दबाव में पूर्व मुखिया समेत दर्जनों अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस वीडियो बनाने वाले उस युवक एवं जिसकी बाइक चोरी होने की बात कही गई थी, उस बाइक मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
आरोपी पूर्व मुखिया पुलिस के नाक के नीचे बैठकर अपने समर्थकों के माध्यम से अपना वीडियो वायरल करवाता रहा. लेकिन पुलिस की साइबर टीम या जिले के वरीय पुलिस अधिकारी उस तक पहुंच नहीं सके.
स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 21 अक्टूबर को पुलिस के अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि सुबह 8 बजे आरोपी पूर्व मुखिया के आवास पर कुर्की जब्ती की जाएगी. उसके बाद भी पुलिस जानबूझकर कोर्ट खुलने का इंतजार करती रही. जब आरोपी पूर्व मुखिया 10 बजे दिन में अपने समर्थकों के साथ व्यवहार न्यायालय पहुंचा, तब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. जबकि पुलिस चाहती तो उसे बहुत पहले गिरफ्तार कर लेती.
'किसी गरीब परिवार के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना होता तो पुलिस कब के गिरफ्तार कर ली होती. उसके घर कुर्की की कार्रवाई तुरंत हो जाती. लेकिन हैरानी हो रही है कि एक दलित युवक को निर्वस्त्र कर पिटाई करने वाला आरोपी पूर्व मुखिया मीडिया को बयान देता रहा. लेकिन पुलिस उसे भगोड़ा बताकर उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी.' -सरोज कुमार उपाध्याय, वरीय अधिवक्ता, व्यवहार न्यायालय
'पुलिस शुक्रवार को कुर्की करती, उससे पहले ही कोर्ट में आरोपी ने सरेंडर कर दिया. आरोपी दबंग प्रवृत्ति का है. पुलिस को तैयारी करने में समय लगा. पंचायती चुनाव का माहौल है. पुलिस कहीं से भी लापरवाह नहीं है. आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जाएगा.' -नीरज कुमार सिंह, एसपी
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