बक्सर में 11 लाख दीयों से बनी श्रीराम की 250 फीट की अनुकृति, भागलपुर के कलाकारों ने दिया रूप - 250 feet replica of Shri Ram made of 11 lakh Diyas
बक्सर में सनातन संस्कृति समागम (Sanatan sanskrtik Samagam In Buxar) का आयोजन किया गया है. भागलपुर से आये कलाकारों ने बक्सर में बनाया 17 हजार स्क्वायर फीट में 11 लाख दीयों से भगवान राम की 250 फीट लंबी शानदार अनुकृति उकेरी. यह आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां देश के कोने-कोने से लोग जुटे हैं.
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बक्सरः बिहार के बक्सर में देव दीपावली के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय सनातन संस्कृति समागम का आयोजन किया गया. जिले के अहीरौली में संत समागम से पूरा क्षेत्र राममय हो गया है. पूरे नगर में शोभायात्रा कल निकली थी. इसमें 11 लाख दीयों से भगवान श्रीराम की 250 फीट की प्रतिमा (250 feet replica of Shri Ram made of 11 lakh Diyas) अनुकृति बनाई गई थी. ग्यारह लाख दीयों से बनी यह अनुकृति आगंतुकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बन रहा. यहां के लोगों में इसकी खूब चर्चा हो रही है. इस बाबत ईटीवी भारत ने इसे बनाने वालों कलाकारों से बात की.
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17784 स्क्वायर फीट में की गई दीयों से चित्रकारीः भागलपुर से आये दिलीप कुमार ने बताया कि हमारी एक टीम है. यह पूरा क्षेत्र जिसमें यह प्रतिमाएं बनी हैं, 17784 स्क्वायर फीट में है. इसमें कुल दीयों की संख्या 11 लाख 38 हजार है. दिलीप ने बताया कि हमलोग जब पढ़ते थे तो गुरु जी मोजेक आर्ट किया करते थे. तब से ही गुरु जी के साथ हमलोग भी कभी मिट्टी चुन करके, कभी दीपक चुन करके ऐसा मौजेक आर्ट बनाया करते थे. हम लोग गली-गली में चित्रकारी किया करते थे. इतना बड़ा प्लेटफार्म पर कभी नहीं मिला था. भागलपुर में अर्जित भैया ने हमलोगों को मौका दिया था. इतना बड़ा काम जो आज देख रहे हैं और हमलोग अपनी जो कलाकारी दिखा पाए हैं यह हमारे अनिल भैया सीनियर आर्टिस्ट हैं, उनके निर्देशन में किया है. साथ ही टीम के अन्य लोगों ने साथ दिया है.
स्थानीय कलाकारों को मौका मिलना बड़ी बातः दिलीप ने बताया कि लोकल कलाकारों को मौका नहीं मिलता था. फिर उनके सोच को हम सलाम करते हैं जिन्होंने यह सोचा कि लोकल कलाकारों को भी मौका दिया जाए. दीपों से जो विशाल चित्र बनाया गया है वह लोकल स्तर के सभी कलाकारों ने बनाया है. स्थानीय स्तर से पर हमलोगों को सिर्फ 3:30 लाख दीये मिल पाये. इसके अलावा कोलकाता और सियालदह तथा भागलपुर से दीया मंगाया गया है. कलाकारों में अनिल, सानू सुनील, अरविंद, अमित, आदित्य शामिल हैं. सभी के सहयोग से यह बन पाया है. सबसे सौभाग्य की बात है कि यह इस अहिल्या की भूमि है. यह भूमि पर दीयों से जो चित्र बना है उसमें वामन देव, राजा बलि, अहिल्या देवी, भगवान श्री राम, लक्ष्मण, विश्वामित्र व सभी ऋषि-मुनियों को उभारा आ गया है. जब इसे आप ड्रोन के माध्यम से देखेंगे तो आपको सारा चित्र फ्रेम में नजर आएगा.
"यहां जितने भी यह आर्टिस्ट हैं, सभी भागलपुर से आए हैं. जिस दिन बैठक हुई थी,उसमें हमको निर्देश मिला है कि जो भी आर्टिस्ट आएंगे दीया वाले कार्यक्रम में उनकों 11 लाख दीया व अन्य समान की व्यवस्था करवानी है. उस कार्यक्रम को आपको देखना है. इसलिए मैं 29 तारीख से इन सब व्यवस्था में जुट गया. मैंने इस कलाकृति को बनाने में जिस चीज की जरूरत हुई उसकी व्यवस्था की" - दीपक कुमार, स्थानीय
"भागलपुर से सभी कलाकार आए हुए हैं. इसमें हमारी महिला विकास संघ ने भी सहयोग किया है. इन कलाकारों ने इसे बनाने में बहुत मेहनत की है" - रंजना गुप्ता, स्थानीय
स्थानीय स्तर पर भी लोगों ने किया सहयोगः स्थानीय स्तर पर दीपक के नेतृत्व में यह विशाल अनुकृति बनाई गई है. उन्होंने यह बताया कि यहां जितने भी यह आर्टिस्ट हैं, सभी भागलपुर से आए हैं. जिस दिन बैठक हुई थी,उसमें हमको निर्देश मिला है कि जो भी आर्टिस्ट आएंगे दीया वाले कार्यक्रम में उनकों 11 लाख दीया व अन्य समान की व्यवस्था करवानी है. उस कार्यक्रम को आपको देखना है. इसलिए मैं 29 तारीख से इन सब व्यवस्था में जुट गया. मैंने इस कलाकृति को बनाने में जिस चीज की जरूरत हुई उसकी व्यवस्था की. दीपक कुमार ने आगे बताया कि यह हमारे मंत्री जी ने यह काम भागलपुर में पहले करवा चुके हैं. उनका कहना था कि बक्सर के वह सांसद हैं ऐसे में वह चाहते हैं कि बक्सर को पूरी दुनिया जाने. इसलिए इस भव्य कला को मूर्त रूप दिया गया है.
"हमारी एक टीम है. यह पूरा क्षेत्र जिसमें यह प्रतिमाएं बनी हैं, 17784 स्क्वायर फीट में है. इसमें कुल दीयों की संख्या 11 लाख 38 हजार है. कलाकारों में अनिल, सानू सुनील, अरविंद, अमित, आदित्य शामिल हैं. सभी के सहयोग से यह बन पाया है. लोकल कलाकारों को मौका नहीं मिलता था. फिर उनके सोच को हम सलाम करते हैं जिन्होंने यह सोचा कि लोकल कलाकारों को भी मौका दिया जाए. दीपों से जो विशाल चित्र बनाया गया है वह लोकल स्तर के सभी कलाकारों ने बनाया है" - दिलीप कुमार, मुख्य कलाकार, भागलपुर