बक्सर: बिहार में विधानसभा चुनाव तय समय पर ही होने की उम्मीद है. हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी शेड्यूल जारी नहीं किया गया है. लेकिन सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. जिले में विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी नेता चुनावी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं.
बीजेपी से नाराज स्थानीय कार्यकर्ताओं की अब तक नाराजगी दूर करने में बीजेपी सफल नहीं हो पाई है. इसको लेकर जिला में धीरे-धीरे पार्टी की पकड़ हाथों से सरकते जा रहा है, जिसका महागठबन्धन के नेता भरपूर लाभ उठा रहे हैं.
'महागठबन्धन में एंट्री मारने की तैयारी'
बक्सर के एक ही विधानसभा सीट बीजेपी के अब तक 22 नेता दावा कर चुके है. राष्ट्रीय स्तर पर भले ही पार्टी के नेता कुछ भी दावा करे. लेकिन जमीन हकीकत यह है कि पार्टी के नेता कई टुकड़ो में बंट गए है और जाति की दायरे में बीजेपी पूरी तरह से सिमट गई है. भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत, ओबीसी, अनुसूचित जाति के नेता, अपने अपने समाज के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारने के लिए आतुर है. यही कारण है कि पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में सभी लोगों शामिल नहीं हो रहे है. जानकारी के अनुसार बीजेपी के कई नेता महागठबन्धन में एंट्री मारने के लिए भी तैयारी में है.
कौन-कौन हैं बीजेपी के दावेदार
बीजेपी में दावेदारों की सूची लंबी है. अब तक बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुखदा पांडेय, बीजेपी नेता भारत प्रधान, पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, वर्तमान जिला अध्यक्ष माधुरी कुंवर, बीजेपी नेत्री दुर्गावती चतुर्वेदी, उषा दुबे, प्रियंका पाठक, सुशील राय, परशुराम चतुर्वेदी, प्रदीप दुबे, अरुण मिश्रा, शिवजी खेमका, समेत 2 दर्जन नेता चुनावी मैदान में आने के लिए बेताब है.
2015 में मिली थी करारी हार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नाराज पार्टी के कार्यकर्ताओं पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और महागठबंधन के उम्मीदवारों ने बीजेपी गठबंधन के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर दी. एक बार फिर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी में जाने से पहले बीजेपी के नाराज कार्यकर्ता जमीनी और पार्टी के सच्चे सिपाहियों को टिकट देने की मांग पर अड़े हुए हैं.
क्या कहते हैं पार्टी के नेता
बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुशील राय ने कहा कि कई ऐसे कार्यकर्ता है, जो निस्वार्थ भाव से पिछले 20 वर्षों से पार्टी का झंडा उठा रहे हैं, पार्टी के साथ दिन रात लगे हुए हैं. शीर्ष नेतृत्व मान सम्मान की बात तो कहती है. सभी लोगों की यही इच्छा होता है कि लंबे समय तक पार्टी से जुड़े होने के बाद पार्टी भी उनके मान-सम्मान का ध्यान रखें, इसलिए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी सच्चे सिपाहियों को ही टिकट दे. उन्होंने कहा कि इस बार मैं भी बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात शीर्ष नेतृत्व से कह चुका हूं. फैसला पार्टी को करनी है.