औरंगाबाद: प्लास्टिक से पेट्रोल और एलपीजी गैस बनाने के अलावे 30 छोटे बड़े आविष्कार करने वाले युवा वैज्ञानिक विनीत कुमार को प्रयोगशाला के जमीन मिल गई है. उनकी प्रतिभा को देखते हुए सिन्हा कॉलेज के प्रिंसिपल ने कॉलेज परिसर में ही जमीन देकर उनकी प्रयोगशाला बनवाने की बात कही है.
कई देशों से सम्मानित होने वाले विनीत कुमार को अपने ही राज्य और जिले में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा था. उनकी लग्न को देखते हुए उनके घर जाकर सिन्हा कॉलेज के प्रिंसिपल चतुर्वेदी ने सम्मानित किया है और कॉलेज परिसर में जमीन देने की बात कही है. जहां विनीत के प्रयोगों को मूर्त रूप दिया जा सके. उन्होंने विनीत के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया और उनके प्रयोग को देखा. प्रयोग को देखने के बाद सिन्हा कॉलेज के प्रधानाचार्य इतने गदगद हुए कि उन्होंने विनीत को कॉलेज परिसर में जमीन देकर उनके प्रयोग को और आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.
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नगर परिषद के चेयरमैन उदय कुमार गुप्ता ने बताया कि विनीत गुदड़ी का लाल है, जो गरीबी में पलकर भी इस मुकाम पर पहुंचा है. उसे हर तरह की सहायता वे उपलब्ध कराएंगे और जहां तक बात रही प्लास्टिक की, तो प्लास्टिक कचरा उनको लगातार उपलब्ध कराएंगे. जिससे नगर परिषद क्षेत्र भी साफ होगा और विनीत का भी काम हो जाएगा.
क्या है विनीत की खूबी
बता दें कि जिले के बारहवीं क्लास के छात्र के जम्होर थाने के देवहरा गांव का रहने वाला छात्र विनीत कुमार ने प्लास्टिक के कचरे से पेट्रोल बनाने की विधि का इजाद किया था. विनीत ने ईटीवी भारत के कैमरे के सामने ना सिर्फ इस प्रयोग को करके दिखाया, बल्कि पूरी विधि के अनुसार पेट्रोल बनाकर बताया. विनीत कुमार शहर के सच्चिदानंद सिंह कॉलेज का छात्र है. फिलहाल वो बेकार पड़े सिंगल यूज प्लास्टिक से पेट्रोल और एलपीजी बना रहा है. 1 किलो प्लास्टिक से 800 ग्राम पेट्रोल और एलपीजी तैयार करता है और जो अवशेष बच जाते हैं, उससे टाइल्स बनाता है.