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देखें कैसे- रेबीज होता है खतरनाक, कुत्ते की तरह भौंकने लगता है इंसान

युवक लगातार दो दिनों से कुत्ते की तरह आवाज निकाल रहा था. साथ आए लोगों की माने तो युवक कुत्ते की तरह ही झपट्टा मार रहा था. इसके चलते उसे बांधकर लाना पड़ा.

रेबीज का मरीज
रेबीज का मरीज
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Published : Dec 10, 2019, 11:23 PM IST

औरंगाबाद: सदर अस्पताल में उस समय अजीबोगरीब हालात पैदा हो गए, जब यहां इलाज कराने आया एक युवक कुत्ते की तरह भौंकने लगा. इस बाबत उसके साथ आए लोगों ने उसका मुंह बांध रखा था. साथियों की माने तो युवक को कुछ दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था.

सदर अस्पताल पहुंचा युवक मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ओरा गांव का रहने वाला शिवा है. जानकारी के मुताबिक शिवा को कुछ रोज पहले कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद वो लगातार बीमार रहने लगा. वहीं, लगातार दो दिनों से कुत्ते की तरह आवाज निकाल रहा था. साथ आए लोगों की माने तो शिवा कुत्ते की तरह ही झपट्टा भी मार रहा था. इसके चलते उसे बांधकर लाना पड़ा. ताकि किसी को नुकसान न पहुंचा सके.

क्या बोले डॉक्टर
औरंगाबाद सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर महेंद्र प्रताप ने शिवा को बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया है. डॉ. ने बताया कि उसने एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लिया होगा. इसी वजह से जब कुत्ते ने इसे काटा, तो इस पर रेबीज का असर हो गया और वह कुत्ते की तरह भौंकने लगा.

औरंगाबाद से संतोष की रिपोर्ट

रेबीज के लक्षण...
रेबीज कुत्ते के काटने से फैलता है. रेबीज से ग्रसित व्यक्ति में रेबीज के लक्षण बहुत दिनों के बाद उभरते हैं. ज्यादातर तब, जब व्यक्ति का इलाज मुश्किल हो जाता है. रेबीज के आम लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं:

  • बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, चिंता और व्याकुलता
  • भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई
  • बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना (हाईड्रोफोबिया)
  • पागलपन के लक्षण, अनिद्रा
  • एक अंग में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाना
  • कुत्ते की तरह भौंकना

औरंगाबाद: सदर अस्पताल में उस समय अजीबोगरीब हालात पैदा हो गए, जब यहां इलाज कराने आया एक युवक कुत्ते की तरह भौंकने लगा. इस बाबत उसके साथ आए लोगों ने उसका मुंह बांध रखा था. साथियों की माने तो युवक को कुछ दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था.

सदर अस्पताल पहुंचा युवक मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ओरा गांव का रहने वाला शिवा है. जानकारी के मुताबिक शिवा को कुछ रोज पहले कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद वो लगातार बीमार रहने लगा. वहीं, लगातार दो दिनों से कुत्ते की तरह आवाज निकाल रहा था. साथ आए लोगों की माने तो शिवा कुत्ते की तरह ही झपट्टा भी मार रहा था. इसके चलते उसे बांधकर लाना पड़ा. ताकि किसी को नुकसान न पहुंचा सके.

क्या बोले डॉक्टर
औरंगाबाद सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर महेंद्र प्रताप ने शिवा को बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया है. डॉ. ने बताया कि उसने एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लिया होगा. इसी वजह से जब कुत्ते ने इसे काटा, तो इस पर रेबीज का असर हो गया और वह कुत्ते की तरह भौंकने लगा.

औरंगाबाद से संतोष की रिपोर्ट

रेबीज के लक्षण...
रेबीज कुत्ते के काटने से फैलता है. रेबीज से ग्रसित व्यक्ति में रेबीज के लक्षण बहुत दिनों के बाद उभरते हैं. ज्यादातर तब, जब व्यक्ति का इलाज मुश्किल हो जाता है. रेबीज के आम लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं:

  • बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, चिंता और व्याकुलता
  • भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई
  • बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना (हाईड्रोफोबिया)
  • पागलपन के लक्षण, अनिद्रा
  • एक अंग में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाना
  • कुत्ते की तरह भौंकना
Intro:bh_au_03_kutte_ne_kata_vis_byte_special_pkg_bh10003 एक्सक्लूसिव
एंकर:-औरंगाबाद के सदर अस्पताल में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब लोगों ने एक युवक को कुत्तों की तरह हरकत करते देखा। मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ओरा गांव कहां है, बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज रेफर।

स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद


Body:V.O.1 गौरतलब है कि एक युवक के साथ आए तीन लोगों ने उसे मजबूती से पकड़कर उसके मुंह को गम से से कसकर बांध रखा था। सदर अस्पताल में आये शिवा को देखने के लिए भीड़ लग गई। अस्पताल कर्मियों के द्वारा लोगों को उसे दूर किया गया। युवक की गतिविधि बिल्कुल है कुत्ते की तरह थी और वह उसी की तरह आवाज निकालते हुए झपट्टा मार रहा था।बताया जा रहा है कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ओरा गांव का रहने वाला है और उसे आज किसी कुत्ते ने काट लिया। परिजन बताया है कि जब उसे कुत्ते ने काटा तब से उसी की गतिविधि कुत्ते की तरह ही हो गई । इसलिए उसे बांधकर अस्पताल लाया गया है ताकि किसी को नुकसान न पहुंचा सके।


Conclusion:V.O.2 औरंगाबाद सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर महेंद्र प्रताप ने इसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया है। डॉ ने बताया कि एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लिया होगा इसी वजह से जब दूसरी बार कुत्ते ने इसे काटा तो इस पर रेबीज का असर हो गया और वह कुत्ते की तरह भौंकने लगा।
1.बाईट:- डॉ महेंद्र प्रताप, चिकित्सक सदर अस्पताल औरंगाबाद।
नोट:-wrap फोटो और वीडियो है।
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