औरंगाबाद: देश भर में सीएए और एनआरसी का विरोध बढ़ता जा रहा है. जिले में भी सोमवार को महागठबंधन की पार्टियों के अलावा दूसरे अल्पसंख्यक सामाजिक संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन देखने को मिला. हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने जामा मस्जिद से चलकर रमेश चौक होते हुए मदरसा इस्लामिया तक सड़कों पर अपना विरोध दर्ज किया.
केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी
सोमवार को तमाम मुस्लिम संगठनों के अलावा बिहार के प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने मिलकर हजारों की संख्या में शहर को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने एक सभा की और सभा के दौरान ही 'नागरिकों में भेदभाव करना बंद करो' के नारे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
धर्मनिरपेक्षता के आधार पर मिले शरणार्थियों को नागरिकता
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत का चरित्र सांप्रदायिक नहीं धर्मनिरपेक्ष है. धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही शरणार्थियों को नागरिकता देनी चाहिए ना कि धर्म के आधार पर. सभी इसका विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, भाकपा माले और महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के अलावा अन्य सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया.
क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस बिल से मुसलमानों को बाहर रखा गया है, क्योंकि वे इन तीन देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं. यही कारण है कि अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से इस बिल का विरोध हो रहा है.