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औरंगाबाद: CAA और NRC के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी

सोमवार को तमाम मुस्लिम संगठनों के अलावा बिहार के प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने मिलकर हजारों की संख्या में सीएए और एनआरसी के विरोध में सभा की. इस दौरान 'नागरिकों में भेदभाव करना बंद करो' के नारे लगाए गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.

CAA और NRC के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
CAA और NRC के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
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Published : Dec 16, 2019, 8:53 PM IST

औरंगाबाद: देश भर में सीएए और एनआरसी का विरोध बढ़ता जा रहा है. जिले में भी सोमवार को महागठबंधन की पार्टियों के अलावा दूसरे अल्पसंख्यक सामाजिक संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन देखने को मिला. हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने जामा मस्जिद से चलकर रमेश चौक होते हुए मदरसा इस्लामिया तक सड़कों पर अपना विरोध दर्ज किया.

केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी
सोमवार को तमाम मुस्लिम संगठनों के अलावा बिहार के प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने मिलकर हजारों की संख्या में शहर को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने एक सभा की और सभा के दौरान ही 'नागरिकों में भेदभाव करना बंद करो' के नारे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

धर्मनिरपेक्षता के आधार पर मिले शरणार्थियों को नागरिकता
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत का चरित्र सांप्रदायिक नहीं धर्मनिरपेक्ष है. धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही शरणार्थियों को नागरिकता देनी चाहिए ना कि धर्म के आधार पर. सभी इसका विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, भाकपा माले और महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के अलावा अन्य सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया.

क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस बिल से मुसलमानों को बाहर रखा गया है, क्योंकि वे इन तीन देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं. यही कारण है कि अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से इस बिल का विरोध हो रहा है.

औरंगाबाद: देश भर में सीएए और एनआरसी का विरोध बढ़ता जा रहा है. जिले में भी सोमवार को महागठबंधन की पार्टियों के अलावा दूसरे अल्पसंख्यक सामाजिक संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन देखने को मिला. हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने जामा मस्जिद से चलकर रमेश चौक होते हुए मदरसा इस्लामिया तक सड़कों पर अपना विरोध दर्ज किया.

केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी
सोमवार को तमाम मुस्लिम संगठनों के अलावा बिहार के प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने मिलकर हजारों की संख्या में शहर को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने एक सभा की और सभा के दौरान ही 'नागरिकों में भेदभाव करना बंद करो' के नारे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

धर्मनिरपेक्षता के आधार पर मिले शरणार्थियों को नागरिकता
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत का चरित्र सांप्रदायिक नहीं धर्मनिरपेक्ष है. धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही शरणार्थियों को नागरिकता देनी चाहिए ना कि धर्म के आधार पर. सभी इसका विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, भाकपा माले और महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के अलावा अन्य सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया.

क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस बिल से मुसलमानों को बाहर रखा गया है, क्योंकि वे इन तीन देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं. यही कारण है कि अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से इस बिल का विरोध हो रहा है.

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औरंगाबाद- दिल्ली और पूर्वोत्तर के बाद अब बिहार का औरंगाबाद भी सीएबी और एनआरसी के विरोध में सड़क पर उतर गया है। राजद गठबंधन की पार्टियों के अलावे मुस्लिम सामाजिक संगठनों के सयुंक्त प्रदर्शन से शहर जाम हो गया। प्रदर्शनकारी हजारों की संख्या में थे। जो जामा मस्जिद से चलकर रमेश चौक होते हुए मदरसा इस्लामिया तक पहुंचे।Body:सीएबी और एनआरसी का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली पूर्वोत्तर के अलावा बिहार के औरंगाबाद में भी इसके विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से विपक्षी पार्टियों और मुस्लिम सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सोमवार को तमाम मुस्लिम संगठनों के अलावे बिहार के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने मिलकर हजारों की संख्या में शहर को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी जमा मस्जिद से निकलकर रमेश चौक होते हुए मदरसा इस्लामिया तक गए । जहां उन्होंने एक सभा की और सभा के दौरान ही नागरिक नागरिक में भेदभाव करना बंद करो और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत का चरित्र सांप्रदायिक नहीं धर्मनिरपेक्ष है और धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही शरणार्थियों को नागरिकता देनी चाहिए, ना कि धर्म के आधार पर। वे इसी बात का लोग विरोध कर रहे हैं।

शहर में प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में थी। जहां वे केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस , हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, भाकपा माले और महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के अलावा अन्य सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया।
इससे पहले भी मुख्य विपक्षी पार्टी राजद द्वारा सीएबी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा चुका है।

क्या है इस बिल में
नागरिक संशोधन बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के सम्बंध में है। इस बिल में मुसलमानों को बाहर रखा गया है क्योंकि वे इन तीन देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं। यही कारण है कि इस बिल का विरोध हो रहा है।Conclusion:प्रदर्शन को देखकर लगता है एनआरसी और सीएबी की आग फिलहाल ठंडी नहीं होगी मौसम में ठंडी होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों में उबाल था और वे लगातार केंद्र सरकार और गृह मंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे सोमवार के दिन भी सड़कों पर औरंगाबाद में हजारों की संख्या में सीएबी और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किए।
Byte- सैय्यद मोहम्मद जायन, प्रदर्शनकारी
Byte- मो अरमान, प्रदर्शनकारी
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