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औरंगाबाद: 4 दिनों की हुई बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, हजारों एकड़ की फसल प्रभावित - jal jiwan hariyali

किसानों का कहना है कि फसल के बारिश में भींगकर अंकुरित होने से बाजार में बेचना मुश्किल हो जाएगा. किसानों ने अपनी चिंता बताते हुए कहा कि लगभग हजारों एकड़ में धान की कटी फसल अभी भी खेत में ही है. जिसमें से 90 फीसदी फसल भींग चुकी है.

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बारिश से भींगा धान की फसल
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Published : Dec 16, 2019, 11:45 PM IST

औरंगाबाद: जिले के किसानों के हालात इस समय ठीक नहीं हैं. पिछले 12 दिसंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों के धान की फसल खेत में ही भींग गई है. भींगने के कारण धान की फसल फिर से अंकुरित होने लगी है. इससे किसान परेशान हैं.

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बारिश से खेत में भींगा फसल

किसानों का कहना है कि फसल के बारिश में भींगकर अंकुरित होने से बाजार में बेचना मुश्किल हो जाएगा. किसानों ने अपनी चिंता बताते हुए कहा कि लगभग हजारों एकड़ में धान की कटी फसल अभी भी खेत में ही है. जिसमें से 90 फीसदी फसल भींग चुकी है. किसान डॉ. चन्दन कुमार ने कहा कि यह बारिश किसानों के लिए अभिशाप बनकर आयी है. इस बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. धान के बाद गेंहू की बुआई करनी थी जो कि इस बारिश से प्रभावित हुई है. वहीं, सरकारी स्तर पर मदद की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

पेश है रिपोर्ट

किसानों के खराब फसल पर प्रशासन लेगा एक्शन
बारिश के कारण फसलों के हुए नुकसान के संबंध में जब ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी वह 17 दिसंबर को होने वाले मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा की तैयारी में लगे हैं. सीएम का दौरा जैसे ही समाप्त होगा. तुरंत बाद ही क्षति हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा. किसानों की खराब हुई फसल पर प्रशासन का नजर है. जल्द ही इस पर एक्शन लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की फसल बेचने में कोई समस्या नहीं आएगी. सहकारिता विभाग से इस संबंध में चर्चा करेंगे.

औरंगाबाद: जिले के किसानों के हालात इस समय ठीक नहीं हैं. पिछले 12 दिसंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों के धान की फसल खेत में ही भींग गई है. भींगने के कारण धान की फसल फिर से अंकुरित होने लगी है. इससे किसान परेशान हैं.

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बारिश से खेत में भींगा फसल

किसानों का कहना है कि फसल के बारिश में भींगकर अंकुरित होने से बाजार में बेचना मुश्किल हो जाएगा. किसानों ने अपनी चिंता बताते हुए कहा कि लगभग हजारों एकड़ में धान की कटी फसल अभी भी खेत में ही है. जिसमें से 90 फीसदी फसल भींग चुकी है. किसान डॉ. चन्दन कुमार ने कहा कि यह बारिश किसानों के लिए अभिशाप बनकर आयी है. इस बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. धान के बाद गेंहू की बुआई करनी थी जो कि इस बारिश से प्रभावित हुई है. वहीं, सरकारी स्तर पर मदद की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

पेश है रिपोर्ट

किसानों के खराब फसल पर प्रशासन लेगा एक्शन
बारिश के कारण फसलों के हुए नुकसान के संबंध में जब ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी वह 17 दिसंबर को होने वाले मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा की तैयारी में लगे हैं. सीएम का दौरा जैसे ही समाप्त होगा. तुरंत बाद ही क्षति हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा. किसानों की खराब हुई फसल पर प्रशासन का नजर है. जल्द ही इस पर एक्शन लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की फसल बेचने में कोई समस्या नहीं आएगी. सहकारिता विभाग से इस संबंध में चर्चा करेंगे.

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औरंगाबाद- कृषि प्रधान जिला होने के कारण औरंगाबाद के बबहुसंख्यक लोगों की निर्भरता कृषि पर ही है। 12 दिसम्बर से हो रही बारिश ने धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बारिश से ना केवल धान बल्कि तत्काल बोई गई गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।


Body:औरंगाबाद जिले के किसानों की स्थिति इस समय ठीक नहीं चल रही है । पिछले 12 दिसंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों के धान की फसल खेत से खलिहान तक नहीं आ पा रही है। जिन किसानों की फसल खेत से खलिहान तक आ गई थी वह खलिहान में ही सड़ रहे हैं । किसानों का कहना है कि उनकी फसल बारिश में भींगकर अंकुरित हो रही है। जिस कारण से बाजार में बेचना मुश्किल हो जाएगा। किसानों का कहना है कि अभी तक किसी प्रकार का कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है। ना ही उन्हें ऐसी कोई उम्मीद नजर आती है। किसानों ने बताया कि लगभग हजारों एकड़ में धान की फसल या तो खेत में है या खलिहान में है । अभी भी 90% किसानों की फसल भीग चुकी है। भीगे हुए धान की फसल को बाजार में बहुत ही कम मूल्य मिलता है । जो धान अंकुरित हो गए हैं उनका तो बहुत ही कम कीमत मिलेगा । अर्थात बेचना भी मुश्किल हो जाएगा । किसान डॉ चन्दन कुमार कहते हैं कि यह प्राकृतिक आपदा किसानों के लिए अभिशाप बन कर आया है । किसान अपनी समस्त पूंजी लगाकर खेती करता है लेकिन इस बार उन्हें वापस कुछ भी हाथ नहीं लगा लग रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी नुकसान हुई फसल का मुआवजा दे।

खराब हुई फसलों के संबंध में जब ईटीवी भारत में जिलाधिकारी राहुल रंजन माहीवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी वह 17 दिसम्बर को होने वाली मुख्यमंत्री हरियाली योजना की तैयारी में लगे हैं। मुख्यमंत्री का दौरा जैसे ही समाप्त होगा तुरंत बाद ही क्षति हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा और उसी हिसाब से शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। शासन जो निर्णय लेगा उसे तुरंत इंप्लीमेंट किया जाएगा । उन्होंने कहा कि किसानों की फसल बेचने में कोई समस्या नहीं आएगी। सहकारिता विभाग से इस संबंध में चर्चा करेंगे और मॉस्चराइजिंग दायरा बढ़ाने का प्रयास करेंगे । उन्होंने कहा कि किसानों की खराब हुई फसल पर प्रशासन की नजर है और जल्दी ही इस पर एक्शन लिया जाएगा।



Conclusion:बात सरकार के सर्वे की नहीं है ना ही बात किसानों की फसल भीगने की है। बात यहां अगली फसल बोने की है। जब तक किसानों की फसल उचित मूल्य पर नहीं बिकेंगे , वे अगली फसल नहीं बो पाएंगे। उनके पास ना तो खाद खरीदने के पैसे हैं । न ही बीज खरीदने की। ऐसी स्थिति में किसानों को इन फसलों का जल्द से जल्द मुआवजा मिलना चाहिए या उचित मूल्य पर बिक्री की व्यवस्था होनी चाहिए।
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बाइट- डॉ चन्दन कुमार, किसान
बाइट- राहुल रंजन महिवाल, जिलाधिकारी, औरंगाबाद
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