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औरंगाबाद सदर अस्पताल में शौचालय तक की समुचित व्यवस्था नहीं, शौच के लिए बाहर जाती हैं महिलाएं

मॉडल अस्पताल कहे जाने सदर अस्पताल में प्रसूति वार्ड में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. वार्ड में एक शौचालय कक्ष के सामने मरीज का बेड लगाया गया है और दूसरे की स्थिति जाने लायक नहीं है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

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Published : Mar 28, 2021, 6:13 PM IST

औरंगाबाद: स्वास्थ्य पर 13 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का दावा करने वाली एनडीए सरकार में स्थिति यह है कि अस्पताल में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. जरा सोचिए की महिलाओं को किस कदर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एसी वाले चेंबर में बैठे मंत्री से लेकर अधिकारी तक ओडीएफ का दावा करते हैें. औरंगाबाद सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड की महिलाएं वर्षों से बाहर जाकर शौच करतीं हैं. और अस्पताल प्रभारी सबकुछ जानते हुए भी 'कान में तेल डालकर' सोए हुए हैं.

मॉडल अस्पताल कहे जाने सदर अस्पताल में प्रसूति वार्ड में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. वार्ड में एक शौचालय कक्ष के सामने मरीज के बेड लगा गया है और दूसरे की स्थिति जाने लायक नही है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

कैम्पस से शौच के लिए बाहर जातीं है महिलाएं
गौरतलब है कि प्रसव के लिए आई महिला मरीज पिछले दो वर्ष से प्रसव वार्ड से निकलकर कैम्पस के बाहर कही दूसरे जगह शौच करने को विवश है. शौचालय की स्थिति को देखकर ही यह समझा जा सकता है कि यहां जानवर तक जाना मुनासिब नही समझेंगे. वहां इंसान कैसे जा सकता है.

ये भी पढ़ें: सूती धागे के निर्यात पर अंकुश लगाए सरकार : एईपीसी

हालांकि, अस्पताल में कई नए और पुराने कार्य तेजी से किये जा रहे है. लेकिन प्रसूति महिलाओं को इस परेशानियों से निजात दिलाने की कोशिश होती नही दिख रही है. फिलहाल इस मामले में स्वास्थ्य प्रबंधक कैमरे पर बोलने से परहेज कर रहे हैं.

औरंगाबाद: स्वास्थ्य पर 13 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का दावा करने वाली एनडीए सरकार में स्थिति यह है कि अस्पताल में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. जरा सोचिए की महिलाओं को किस कदर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एसी वाले चेंबर में बैठे मंत्री से लेकर अधिकारी तक ओडीएफ का दावा करते हैें. औरंगाबाद सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड की महिलाएं वर्षों से बाहर जाकर शौच करतीं हैं. और अस्पताल प्रभारी सबकुछ जानते हुए भी 'कान में तेल डालकर' सोए हुए हैं.

मॉडल अस्पताल कहे जाने सदर अस्पताल में प्रसूति वार्ड में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. वार्ड में एक शौचालय कक्ष के सामने मरीज के बेड लगा गया है और दूसरे की स्थिति जाने लायक नही है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

कैम्पस से शौच के लिए बाहर जातीं है महिलाएं
गौरतलब है कि प्रसव के लिए आई महिला मरीज पिछले दो वर्ष से प्रसव वार्ड से निकलकर कैम्पस के बाहर कही दूसरे जगह शौच करने को विवश है. शौचालय की स्थिति को देखकर ही यह समझा जा सकता है कि यहां जानवर तक जाना मुनासिब नही समझेंगे. वहां इंसान कैसे जा सकता है.

ये भी पढ़ें: सूती धागे के निर्यात पर अंकुश लगाए सरकार : एईपीसी

हालांकि, अस्पताल में कई नए और पुराने कार्य तेजी से किये जा रहे है. लेकिन प्रसूति महिलाओं को इस परेशानियों से निजात दिलाने की कोशिश होती नही दिख रही है. फिलहाल इस मामले में स्वास्थ्य प्रबंधक कैमरे पर बोलने से परहेज कर रहे हैं.

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