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बंदूक किसी भी समस्या का हल नहीं, नक्सली सरेंडर करें और मुख्यधारा में जुड़ें- सीआरपीएफ कमांडेंट

जिले के सीआरपीएफ कैम्प देव में 47वीं वाहिनी के कमाण्डेंट याद राम बुनकर के उपस्थिति में ग्रामीणों को राज मिस्त्री का सामान वितरण कर सिविल एक्शन प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित राजमिस्त्री प्रशिक्षण का विधिवत समापन किया गया. इस मौके पर यादराम बुनकर ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति बहुत ही कारगर एवं सराहनीय है. नक्सली मुख्यधारा में आकर शांति से अपना जीवन व्यतीत करें. बंदूक किसी भी समस्या का हल नहीं है.

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Published : Mar 21, 2021, 10:29 PM IST

औरंगाबाद
औरंगाबाद

औरंगाबाद: देव में सीआरपीएफ की 47वीं वाहिनी ने राजमिस्त्री प्रशिक्षण शिविर लगाया. कमाण्डेंट यादराम बुनकर की उपस्थिति में ग्रामीणों को राज मिस्त्री का सामान वितरण किया गया. कार्यक्रम का आयोजन सिविल एक्शन प्रोग्राम के तहत संचालित किया गया. 23 लोगों को 15 दिनों के लिए देव सीआरपीएफ की 47वीं बटालियन के कैंप में राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया गया.

यह भी पढ़ें: नकारात्मक राजनीति कर रही है राष्ट्रीय जनता दल -उपमुख्यमंत्री

नक्सलवाद मानवता के लिए बहुत बड़ी छति
सीआरपीएफ कमांडेंट याद राम बुनकर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीआरपीएफ द्वारा नवयुवकों के सर्वांगीर्ण विकास के लिए अग्रसर रहती है. बुनकर ने कहा कि खून खराबा करना मानव समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है. जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं. उनका स्वागत है.

'सरकार की सरेंडर नीति बहुत ही कारगर एवं सराहनीय है. नक्सली मुख्यधारा में आकर शांति से अपना जीवन व्यतीत करें, और परिवार में समृद्धि लाने में योगदान करें, बंदूक और नक्सलवाद किसी भी समस्या का हल नहीं है. किसी भी समस्या का निदान शांतिपूर्वक संवैधानिक रूप से किया जाता है'.-यादराम बुनकर, सीआरपीएफ कमांडेंट

यह भी पढ़ें: बाबा रे बाबा! खोल रखी है अंधविश्वास की दुकान, 29 मिनट में कैंसर भी होता है ठीक !

बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. प्रशिक्षण के साथ सामग्री वितरण, पाठ्यक्रम सामग्री और खेल के सामान का वितरण, सिलाई मशीन प्रशिक्षण और वितरण,चालक और राजमिस्त्री प्रशिक्षण आदि विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जा रहे हैं. जिससे बहुत से ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं.

औरंगाबाद: देव में सीआरपीएफ की 47वीं वाहिनी ने राजमिस्त्री प्रशिक्षण शिविर लगाया. कमाण्डेंट यादराम बुनकर की उपस्थिति में ग्रामीणों को राज मिस्त्री का सामान वितरण किया गया. कार्यक्रम का आयोजन सिविल एक्शन प्रोग्राम के तहत संचालित किया गया. 23 लोगों को 15 दिनों के लिए देव सीआरपीएफ की 47वीं बटालियन के कैंप में राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया गया.

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नक्सलवाद मानवता के लिए बहुत बड़ी छति
सीआरपीएफ कमांडेंट याद राम बुनकर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीआरपीएफ द्वारा नवयुवकों के सर्वांगीर्ण विकास के लिए अग्रसर रहती है. बुनकर ने कहा कि खून खराबा करना मानव समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है. जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं. उनका स्वागत है.

'सरकार की सरेंडर नीति बहुत ही कारगर एवं सराहनीय है. नक्सली मुख्यधारा में आकर शांति से अपना जीवन व्यतीत करें, और परिवार में समृद्धि लाने में योगदान करें, बंदूक और नक्सलवाद किसी भी समस्या का हल नहीं है. किसी भी समस्या का निदान शांतिपूर्वक संवैधानिक रूप से किया जाता है'.-यादराम बुनकर, सीआरपीएफ कमांडेंट

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बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. प्रशिक्षण के साथ सामग्री वितरण, पाठ्यक्रम सामग्री और खेल के सामान का वितरण, सिलाई मशीन प्रशिक्षण और वितरण,चालक और राजमिस्त्री प्रशिक्षण आदि विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जा रहे हैं. जिससे बहुत से ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं.

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