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औरंगाबाद में हत्या मामले में 3 आरोपियों को उम्र कैद, भरना होगा 25 हजार का जुर्माना

औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के 12वें एडीजे धनंजय कुमार मिश्रा (ADJ Dhananjay Kumar Mishra) ने माली थाना हत्याकांड में तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपियों पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

औरंगाबाद में हत्या का मामला
औरंगाबाद में हत्या का मामला
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Published : Nov 5, 2022, 12:24 PM IST

औरंगाबाद: बिहार में औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय (Aurangabad Civil Court) के 12वें एडीजे धनंजय कुमार मिश्रा (ADJ Dhananjay Kumar Mishra) ने माली थाना हत्याकांड संख्या 23/20 में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए तीन हत्यारोपी बैरिया गांव निवासी राजेन्द्र पासवान, लाल मोहन पासवान और रविन्द्र पासवान को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा और 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है.

पढ़ें-बिहार में कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव का ऐलान, 5 दिसंबर को वोटिंग, पढ़ें बिहार की बड़ी खबरें..

आरोपियों पर लगी ये धाराएं: वहीं जुर्माना नहीं जमा करने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी. आईपीसी की धारा 120बी में आजीवन कारावास और पच्चीस हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा धारा 147 में एक वर्ष की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास होगी. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.



षडयंत्र के तहत हत्या का आरोप: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 21 अक्टूबर को इन्हें दोषी करार दिया गया था. दोषी करार दिए जाने के बाद एक अन्य अभियुक्त ललन पासवान जो इनके साथ ही बंदी था, जिसकी मृत्यु जेल में ही हो गई थी. इस दौरान सरकार की ओर से एपीपी बबन प्रसाद ने बताया कि घटना को लेकर 12 मार्च 2020 को मृतक शोलेन्द्र कुमार चन्दवंशी के पुत्र विवेक कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें षडयंत्र के तहत इन आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया था.

पढ़ें-हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने सिलसिलेवार 9 अपराधियों को सुनायी उम्र कैद की सजा

औरंगाबाद: बिहार में औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय (Aurangabad Civil Court) के 12वें एडीजे धनंजय कुमार मिश्रा (ADJ Dhananjay Kumar Mishra) ने माली थाना हत्याकांड संख्या 23/20 में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए तीन हत्यारोपी बैरिया गांव निवासी राजेन्द्र पासवान, लाल मोहन पासवान और रविन्द्र पासवान को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा और 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है.

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आरोपियों पर लगी ये धाराएं: वहीं जुर्माना नहीं जमा करने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी. आईपीसी की धारा 120बी में आजीवन कारावास और पच्चीस हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा धारा 147 में एक वर्ष की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास होगी. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.



षडयंत्र के तहत हत्या का आरोप: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 21 अक्टूबर को इन्हें दोषी करार दिया गया था. दोषी करार दिए जाने के बाद एक अन्य अभियुक्त ललन पासवान जो इनके साथ ही बंदी था, जिसकी मृत्यु जेल में ही हो गई थी. इस दौरान सरकार की ओर से एपीपी बबन प्रसाद ने बताया कि घटना को लेकर 12 मार्च 2020 को मृतक शोलेन्द्र कुमार चन्दवंशी के पुत्र विवेक कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें षडयंत्र के तहत इन आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया था.

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