औरंगाबादः अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बात हो और बिहार के सीनियर नेत्री कांति सिंह की बात ना हो ऐसा संभव नहीं है. डॉ कांति सिंह बिहार से एक मजबूत महिला नेता है जो केंद्र के तीन प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में शामिल हो चुकी हैं. कांति सिंह के बाद बिहार की किसी भी महिला को केंद्रीय मंत्रिमंडल में इंट्री नहीं मिली है.
8 मार्च 1957 को हुआ था जन्म
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के महासचिव और महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 39 की उम्र में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली कांति सिंह का जन्म अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 1957 को हुआ था. उन्होंने 74 के आंदोलन में भी भाग लिया था और तब से लेकर वह लगातार राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं.
कांति सिंह बताती हैं कि महिलाओं के लिए उनकी पार्टी हमेशा से कार्य करती रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. वह सब की सब चुनाव जीत गई थी. इसके अलावा उनकी पार्टी ने बिहार में लोकसभा चुनाव में भी सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार दिया है.
डॉ कांति सिंह राजनीतिक सफर
डॉ कांति सिंह 1991 से लेकर के 1997 तक जनता दल के जनरल सेक्रेटरी रहीं. वहीं 1992 से 1995 तक जिला कंज्यूमर फोरम की सदस्य थी. 1995 में वे विधानसभा का चुनाव जीतीं. जिसके एक साल बाद 1996 में 11 वीं लोकसभा के लिए चुनी गई थीं. तब उन्हें केंद्र में एचडी देवेगौड़ा सरकार में एचआरडी और कोयला राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार बनाया गया था. देवेगौड़ा के बाद वे गुजराल सरकार में भी मंत्री बनी रहीं. 2004-09 तक वे मनमोहन सिंह सरकार में भी मंत्री बनाई गई थीं. डॉ कांति सिंह 1996, 1999 और 2004 में लोकसभा का चुनाव जीता था. फिलहाल वे राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. डॉ कांति सिंह 39 वर्ष की उम्र में पहली बार केंद्रीय मन्त्रिमण्डल में शामिल हुई थीं.
शैक्षणिक योग्यता
डॉ कांति सिंह मगध विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने के अलावे होमियोपैथी डॉक्टरी में भी डिग्री ले चुकी हैं.
देवेगौड़ा सरकार में एकमात्र महिला मंत्री
डॉ कांति सिंह देवेगौड़ा मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला मंत्री रही हैं. इसके अलावा बीपी सिंह की सरकार से लेकर के नरेंद्र मोदी तक की सरकार बिहार से मात्र तीन मंत्री महिला रही हैं. जिनमें मीरा कुमार, डॉ कांति सिंह और रीता वर्मा हैं. धनबाद की रीत वर्मा का क्षेत्र फिलहाल झारखंड है. मनमोहन सिंह पार्ट टू और नरेंद्र मोदी पार्ट वन और टू में बिहार से कोई भी महिला केंद्रीय मन्त्रिमण्डल में नहीं है.
राजनीति में महिलाओं को आना चाहिए
डॉ कांति सिंह समाज के पढ़े-लिखे तबके की महिलाओं को राजनीति में आने की सलाह देती हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति बुरी चीज नहीं है बल्कि यहां अच्छे लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व करना चाहिए.