औरंगाबाद: 21वीं सदीं को लेकर कहा जाता है कि ये लैंगिक समानता की सदी है. लेकिन इस दौर में जिले में जन्मी एक बच्ची शायद भगवान से यही कहे कि 'अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो'. मामला जिले के अंबा थाना ( Amba Police Station ) क्षेत्र का है. जहां एक नवजात बच्ची सड़क किनारे रोती-बिलखती पड़ी हुई मिली है. लेकिन कहते हैं न कि सिर्फ जन्म देनेवाली ही मां नहीं होती, इस नवजात के लिए उसकी दूसरी मांं बनकर आईं गांव की ही एक औरत ने बच्ची को आंचल की छांव दी.
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बाइक से आए थे और बच्ची को फेंक चले गए
मामले अंबा थाना क्षेत्र के विराज बिगहा गांव का है. प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय लोगों की माने तो शिवाले के पास में बच्ची को फेक कर बाइक सवार दंपत्ति फरारा हो गए. लोगों ने बताया कि एक बाइक सवार महिला के साथ सड़क के किनारे गया था.
उन्हें लगा कि शौच के लिए वह जा रही है. इसके कुछ ही देर के बाद नवजात के रोने की आवाज आनी शुरू हो गई. उक्त स्थल पर बच्चा फेंके जाने की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए.
बिल्कुल स्वस्थ है बच्ची
इस बारे में लोगों ने अंबा थाना को सूचना दी. पुलिस जबतक मौके पर पहुंचती. तबतक गांव की करीमन भुइयां की पत्नी ने बच्ची को आंचल में लपेटा और उसका ख्याल रखा. वस्त्र में लिपटी हुई बच्ची देखने में बिल्कुल स्वस्थ लग रही है. लेकिन उसकी आंखें बंद है. लोगों का कहना है कि शायद बच्ची नेत्रहीन है.
चाइल्ड केयर को दी गई जानकारी
जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और नवताज को औरंगाबाद सदर अस्पताल ले गई. थानाध्यक्ष जैनेंद्र कुमार भारती ने इस बारे में बताया कि घटना की सूचना चाइल्ड केयर की टीम को दे दी गई है.