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औरंगाबाद: मंगल पांडेय के जाते ही दो और मरीजों की मौत, सवालों से बचते रहे स्वास्थ्य मंत्री

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Published : Jun 18, 2019, 3:27 AM IST

स्वास्थ्य मंत्री के जाने के बाद दो लोगों की अचानक हॉस्पिटल में मौत हो गई. मंत्री के आने के बाद जो व्यवस्थाएं सुधारी गई थी, उनके जाने के साथ ही सारी व्यवस्थाएं एक झटके में समाप्त हो गई.

मंगल पांडेय

औरंगाबाद: जिले में लू के प्रकोप से मरने वालों का आंकड़ा 60 पार कर गई. हालांकि सरकारी आंकड़ा अभी 34 का है. इन आंकड़ों के बढ़ने के बाद सोमवार की शाम बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सदर अस्पताल आये और मरीजों का हालचाल जाना. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के जाने के तुरंत बाद ही 2 और मरीजों की मौत हो गई.

aurangabad
सदर अस्पताल

औरंगाबाद जिले में आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 34 और गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 60 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हुई है. इतनी मौतें होने के बाद आखिरकार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की नींद खुली और सोमवार की शाम को वे औरंगाबाद सदर हॉस्पिटल की सुविधाएं देखने पहुंचे. लेकिन यहां उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा. उनके विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया. काला झंडा से निपटने के बाद मंगल पांडे ने प्रेस वार्ता किया. लेकिन पत्रकारों के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया. वह सिर्फ अपनी बात रख कर चले गए.

aurangabad
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय


मंगल पांडे ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
मंगल पांडे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान जब उनसे मुजफ्फरपुर में बच्चों की हो रही मौत पर लीची वाले बयान पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. इतना ही नहीं मंगल पांडे इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

औरंगाबाद से खास रिपोर्ट


मंत्री के जाते ही दो की हुई मौत
स्वास्थ्य मंत्री के जाने के बाद दो लोगों की अचानक हॉस्पिटल में मौत हो गई. मंत्री के आने के बाद जो व्यवस्थाएं सुधारी गई थी, उनके जाने के साथ ही सारी व्यवस्थाएं एक झटके में समाप्त हो गई. बाहर से आए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ एक-एक करके चले गए और फिर स्थिति पुरानी जैसी ही हो गई. इस संबंध में जब हमने स्थानीय स्तर के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां न कभी सुधार हुआ है और न कभी सुधार होगा. इसके अलावा कोई विरोध करता है तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का भय दिखाया जाता है. यही कारण है कि आज हॉस्पिटल की स्थिति बद से बदतर होती चली गई.

सब कुछ भगवान भरोसे
मंत्री का दौरा जिस तामझाम के साथ किया गया. इससे लोगों को बहुत उम्मीदें थी. उन्हें लगता था कि हो सकता है सदर हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधार दी जाए. बाहर से डॉक्टर लाए जाने की भी चर्चा थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ अब पुनः हॉस्पिटल अपने ही संसाधनों पर भगवान भरोसे चलने को बाध्य है.

औरंगाबाद: जिले में लू के प्रकोप से मरने वालों का आंकड़ा 60 पार कर गई. हालांकि सरकारी आंकड़ा अभी 34 का है. इन आंकड़ों के बढ़ने के बाद सोमवार की शाम बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सदर अस्पताल आये और मरीजों का हालचाल जाना. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के जाने के तुरंत बाद ही 2 और मरीजों की मौत हो गई.

aurangabad
सदर अस्पताल

औरंगाबाद जिले में आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 34 और गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 60 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हुई है. इतनी मौतें होने के बाद आखिरकार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की नींद खुली और सोमवार की शाम को वे औरंगाबाद सदर हॉस्पिटल की सुविधाएं देखने पहुंचे. लेकिन यहां उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा. उनके विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया. काला झंडा से निपटने के बाद मंगल पांडे ने प्रेस वार्ता किया. लेकिन पत्रकारों के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया. वह सिर्फ अपनी बात रख कर चले गए.

aurangabad
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय


मंगल पांडे ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
मंगल पांडे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान जब उनसे मुजफ्फरपुर में बच्चों की हो रही मौत पर लीची वाले बयान पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. इतना ही नहीं मंगल पांडे इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

औरंगाबाद से खास रिपोर्ट


मंत्री के जाते ही दो की हुई मौत
स्वास्थ्य मंत्री के जाने के बाद दो लोगों की अचानक हॉस्पिटल में मौत हो गई. मंत्री के आने के बाद जो व्यवस्थाएं सुधारी गई थी, उनके जाने के साथ ही सारी व्यवस्थाएं एक झटके में समाप्त हो गई. बाहर से आए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ एक-एक करके चले गए और फिर स्थिति पुरानी जैसी ही हो गई. इस संबंध में जब हमने स्थानीय स्तर के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां न कभी सुधार हुआ है और न कभी सुधार होगा. इसके अलावा कोई विरोध करता है तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का भय दिखाया जाता है. यही कारण है कि आज हॉस्पिटल की स्थिति बद से बदतर होती चली गई.

सब कुछ भगवान भरोसे
मंत्री का दौरा जिस तामझाम के साथ किया गया. इससे लोगों को बहुत उम्मीदें थी. उन्हें लगता था कि हो सकता है सदर हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधार दी जाए. बाहर से डॉक्टर लाए जाने की भी चर्चा थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ अब पुनः हॉस्पिटल अपने ही संसाधनों पर भगवान भरोसे चलने को बाध्य है.

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औरंगाबाद- जिले में लू के प्रकोप से मरने वालों का आंकड़ा 60 पर कर गई है। सरकारी आंकड़ा 34 का है। इन आंकड़ों के बढ़ने के बाद सोमवार की शाम बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सदर हॉस्पिटल आये और लिखी लिखाई स्क्रिप्ट पढ़े और चलते बने । पत्रकारों के सवालों का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जब हमने उनसे पूछा की मुजफ्फरपुर में लीची खाने से बच्चों की मौत कैसे हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार बच्चों की मौत लीची खाने से हो रही है । उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया । इसके अलावा मंत्री के जाने के तुरंत बाद ही 2 मरीजों की मृत्यु हो गई । मंत्री के आने से पहले भी एक मरीज की मृत्यु हुई थी।


Body:औरंगाबाद जिले में आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 34 और गैरआधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 60 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हुई है। इतनी मौतें होने के बाद आखिरकार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की नींद खुली और सोमवार की शाम को वे औरंगाबाद सदर हॉस्पिटल की सुविधाएं देखने पहुंचे । लेकिन यहां उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा उनके विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया। काला झंडा से निपटने के बाद जब मंगल पांडे प्रेस वार्ता किए तो पत्रकारों के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया वह सिर्फ अपनी बात रखें और जाने लगे।
मंगल पांडे जैसे ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने लगे एक लिखी लिखाई स्क्रिप्ट को पढ़े और उठकर जाने लगे। इस दौरान ईटीवी भारत की तरफ से जब उनसे मुजफ्फरपुर में बच्चों की हो रहे मौत पर लीची वाले बयान पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया । इतना ही नहीं मंगल पांडे इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

मंत्री के जाते ही दो की हुई मौत

स्वास्थ्य मंत्री के जाने के बाद एक एक करके दो लोगों की अचानक हॉस्पिटल में मौत हो गई मौत के बाद हॉस्पिटल का माहौल गमगीन हो गया और मृतक के परिजन विलाप करने लगे। इतना ही नहीं मंत्री के आने के बाद जो व्यवस्थाएं सुधारी गई थी उनके जाने के साथ ही सारी व्यवस्थाएं एक झटके में समाप्त हो गई । बाहर से आए डॉ और नर्सिंग स्टाफ एक एक करके चले गए और फिर इसे थी पुरानी जैसी ही हो गई इस संबंध में जब हमने स्थानीय स्तर के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां ना कभी सुधार हुआ है ना कभी सुधार होगा इसके अलावा कोई विरोध करता है तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का भय दिखाया जाता है और यही कारण है कि आज हॉस्पिटल की स्थिति बद से बदतर होती चली गई।

सब कुछ भगवान भरोसे
मंत्री का दौरा जिस तामझाम के साथ किया गया, इससे लोगों को बहुत उम्मीदें थी । उन्हें लगता था कि हो सकता है सदर हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधार दी जाए । बाहर से डॉक्टर लाए जाने की भी चर्चा थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ अब पुनः हॉस्पिटल अपने ही संसाधनों पर भगवान भरोसे चलने को बाध्य है।



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