औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में बच्चा चोर गिरोह का भांडाफोड़ (Child lifter gang in Aurangabad) किया है. जिले में गिरोह का खुलासा गया के डोभी थाना की पुलिस ने रफीगंज पुलिस के सहयोग से किया. कासमा रोड स्थित निजी क्लीनिक में शुक्रवार को देर रात छापेमारी कर किया जिसके बाद मामले में पुलिस ने दो झोला छाप डॉक्टर समेत चार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में रफीगंज के कासमा रोड के चाइल्ड हॉस्पिटल का संचालक डॉ. रणविजय कुमार, उसके दो सहयोगी रंधीर कुमार, सुधा कुमारी एवं गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के वकीलगंज स्थित एक निजी क्लीनिक का संचालक डॉ. श्रवण कुमार शामिल है.
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छापेमारी में शामिल डोभी थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि धनगाई थाना के लटकुटा गांव निवासी महिला पुष्पा देवी ने दो नवजात जुड़वा बच्चों को निजी क्लीनिक द्वारा गायब कर देने की शिकायत की थी. शिकायत में महिला ने कहा था कि 3 नवम्बर को महिला प्रसव के लिए डोभी के वकीलगंज स्थित आस्था क्लीनिक में भर्ती हुई थी. वहां, वह दो जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद बेहोश हो गई. होश में आने पर पास में उसके बच्चे नही थे. पूछने पर डॉक्टर ने कहा कि दोनों बच्चा शीशा में रखे हुए हैं. बाद में 8 नवम्बर को डॉक्टर ने कहा कि एक लाख रुपये लाओ और बच्चा ले जाओ. महिला का आरोप है कि पैसे को लेकर डॉक्टर ने उसके जुड़वा बच्चों को बंधक बना रखा है.
शिकायत के बाद अस्पताल संचालक डॉ. श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस के समक्ष सब स्वीकार किया कि उसने दोनों नवजात जुड़वा बच्चों को रफीगंज के कासमा रोड में डॉ. रणविजय कुमार के चाइल्ड हॉस्पिटल में रखा है. डॉ. श्रवण की निशानदेही पर उन्होंने रफीगंज पुलिस के सहयोग से कासमा रोड स्थित चाइल्ड हॉस्पिटल में छापेमारी की.
छापेमारी में डोभी के निजी क्लीनिक से गायब जुड़वा बच्चे नहीं मिले. मामले में डोभी पुलिस ने बच्चा अस्पताल के संचालक डॉ. रणविजय कुमार, सहयोगी रणधीर कुमार एवं सुधा कुमारी को गिरफ्तार कर अपने साथ गया ले गई है. गया पुलिस मामले के अनुसंधान में लगी है. अगर पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी तो निश्चित ही एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है.