औरंगाबादः जिले के देव प्रखंड में मुख्य रूप से पान की खेती करने वाले किसान रहते हैं. वैसे गोह और रफीगंज के कुछ गांवों में भी पान की खेती होती है. लेकिन मुख्य रूप से देव प्रखंड में ही मगही पान की खेती होती है. वर्ष 2020 पान उत्पादक किसानों के लिए दुर्भाग्य का वर्ष साबित हो रहा है. साल के शुरुआत में ही शीतलहरी ने इनके पान की फसलों को खराब कर दिया था. लेकिन किसान जैसे-तैसे कर्ज लेकर पान की खेती दुबारा शुरू किया. तब लॉकडाउन लग गया और इनकी फसल बिक नहीं पाई.
किसान को मिलेगा अनुदान
जिला उद्यान अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि पान उत्पादक किसानों को आर्थिक सहायता के लिए विभाग की ओर से शेड नेट योजना लाई गई है. इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में शेड नेट लगाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी. उन्हें यह 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा.
क्या है योजना
जितेंद्र कुमार ने बताया कि शेड नेट के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. पहले साल किसानों को इसके लिए 3 लाख 55 हजार रुपये में 75 प्रतिशत अनुदान 2 लाख 66 हजार रुपए दिए जायेंगे. वहीं, दूसरे वर्ष फसल लगाने के लिए भी 70 हजार रुपये की लागत पर 75 प्रतिशत अनुदान यानी 52 हजार रुपए दिए जाएंगे.
ईटीवी भारत ने ही पान उत्पादक किसानों की आवाज उठाई थी. यह ईटीवी के पहल का ही परिणाम है कि जिले में पहली बार पान उत्पादक किसानों के लिए योजना आई है. जो उन्हें आर्थिक रूप से संबल बनाने में मदद करेगी.