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औरंगाबाद में घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिला खाद, नाराज किसानों ने किया हंगामा - औरंगाबाद बारूण

औरंगाबाद के बारूण में खाद न मिलने की वजह से किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना है कि वह सुबह से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं दिया गया है.

Farmers created uproar
किसानों ने किया हंगामा
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Published : Aug 28, 2020, 9:33 PM IST

औरंगाबाद: प्रचुर मात्रा में खाद की उपलब्धता को लेकर सरकार चाहे लाख दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. आलम यह है कि खाद को लेकर किसान सुबह से लाइन में लगे रहते हैं. लेकिन दिनभर धक्का खाने के बाद भी उन्हें एक बोरी खाद नसीब नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं.

खाद के लिए परेशान किसान
बता दें कि औरंगाबाद के बारूण में सैंकड़ों की संख्या में किसान खाद को लेकर कतारबद्ध दिखे. लेकिन लाइन में लगे होने के बावजूद इनमे से किसी को भी खाद नहीं मिल सका. जिसे लेकर किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. हंगामें को बढ़ता देख मौके पर बीडीओ और सीओ पहुंचे. इसके बाद किसानों को फटकार लगाने लगे. ग्रामीणों के मुताबिक हर प्रखंड में बिस्कोमान के अलावा कई दुकानों को भी खाद बिक्री का लइसेंस दिया गया है. लेकिन इन दुकानों से किसी भी किसान को खाद नहीं मिल रहा है और यदि मिल भी रहा है तो निर्धारित दर से अधिक की वसूली की जा रही है.

खाद की किल्लत
कई दिनों से खाद की किल्लत को लेकर किसान परेशान हैं. साधन सहकारी समितियों पर खाद का टोटा होने से किसानों को केंद्रों से खाद लेनी पड़ रही है. इस दौरान उनका शोषण किया जा रहा है. धान की फसल में अधिकांश तीन खादों की आवश्यकता होती है. अगैती फसल होने के कारण किसानों ने तीसरी खाद की जैसे-तैसे भरपाई कर ली. लेकिन समितियों पर खाद की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है. वहीं, जहां खाद मिल भी रहा है वहां अधिक कीमतों पर खाद की बिक्री की जा रही है.

औरंगाबाद: प्रचुर मात्रा में खाद की उपलब्धता को लेकर सरकार चाहे लाख दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. आलम यह है कि खाद को लेकर किसान सुबह से लाइन में लगे रहते हैं. लेकिन दिनभर धक्का खाने के बाद भी उन्हें एक बोरी खाद नसीब नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं.

खाद के लिए परेशान किसान
बता दें कि औरंगाबाद के बारूण में सैंकड़ों की संख्या में किसान खाद को लेकर कतारबद्ध दिखे. लेकिन लाइन में लगे होने के बावजूद इनमे से किसी को भी खाद नहीं मिल सका. जिसे लेकर किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. हंगामें को बढ़ता देख मौके पर बीडीओ और सीओ पहुंचे. इसके बाद किसानों को फटकार लगाने लगे. ग्रामीणों के मुताबिक हर प्रखंड में बिस्कोमान के अलावा कई दुकानों को भी खाद बिक्री का लइसेंस दिया गया है. लेकिन इन दुकानों से किसी भी किसान को खाद नहीं मिल रहा है और यदि मिल भी रहा है तो निर्धारित दर से अधिक की वसूली की जा रही है.

खाद की किल्लत
कई दिनों से खाद की किल्लत को लेकर किसान परेशान हैं. साधन सहकारी समितियों पर खाद का टोटा होने से किसानों को केंद्रों से खाद लेनी पड़ रही है. इस दौरान उनका शोषण किया जा रहा है. धान की फसल में अधिकांश तीन खादों की आवश्यकता होती है. अगैती फसल होने के कारण किसानों ने तीसरी खाद की जैसे-तैसे भरपाई कर ली. लेकिन समितियों पर खाद की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है. वहीं, जहां खाद मिल भी रहा है वहां अधिक कीमतों पर खाद की बिक्री की जा रही है.

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