औरंगाबाद: बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली किसी से छिपी हुई नहीं है. ताजा मामला जिला सदर अस्पताल का है. यहां रविवार को इमरजेंसी वार्ड में दोपहर के दो बजे तक एक भी चिकित्सक नही पहुंचे. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर तोड़-फोड़ की. हालांकि, मामले की सूचना मिलने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर खुद से मरीजों को इलाज करना शुरू किया. जिसके बाद मामला शांत हुआ.
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अस्पताल परिसर में जमकर तोड़फोड़
बता दें कि दोपहर दो बजे के बाद इमरजेंसी वार्ड में डॉ. उदय की ड्यूटी थी. लेकिन वे बिना किसी पूर्व सूचना के ड्यूटी से नदारद थे. इस दौरान लगभग 5 घंटे तक अस्पताल में मरीज के परिजन परेशान रहे. कई इमरजेंसी मरीज भी इलाज की आस में अस्पताल पहुंचे. लेकिन चिकित्सकों को अनुपस्थित देखकर मायूस लौटते रहे. इसी क्रम में सर्पदंश से पीड़ित मरीज अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा. लेकिन अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. जिस वजह से अस्पताल में उपस्थित मरीज के परिजनों अस्पताल परिसर में जमकर तोड़-फोड़ किया.
अस्पताल उपाधीक्षक ने संभाला मोर्चा
इधर, मामले की सूचना मिलने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. लालदेव प्रसाद ने खुद से मोर्चा संभाला और इमरजेंसी मरीजों के इलाज में जुट गए. जिसके बाद मामला शांत हुआ. डॉक्टरों के ड्यूटी से गायब रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा और आगे विभाग को पत्र लिखकर मामले की सूचना दी जाएगी. उन्होंने कहा कि दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई भी की जाएगी.