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सुषमा जिसे मानती थीं बेटी, उस गीता को अपना बता रहा है बिहार का ये परिवार, DNA टेस्ट के लिए तैयार

गीता की वतन वापसी कराने वाली स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने उसके माता-पिता की काफी तलाश की. जब गीता भारत वापस लौटी, तब कई लोगों ने उसे अपनी बेटी बताया. वहीं, उसके असली परिजनों का पता नहीं चल सका.

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Published : Aug 30, 2019, 9:28 PM IST

औरंगाबाद: जिले के नबीनगर प्रखंड के अनन्दुआ गांव के एक परिवार ने पाकिस्तान से लाई गई गीता को खुद की बेटी बताया है. परिवार का दावा है कि गीता उनकी बेटी बबली है, जो 22 साल पहले लापता हो गई थी. उन्होंने इसके लिए डीएनए टेस्ट की मांग करते हुए इसपर सहमति भी जताई है.

चार साल पहले पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के प्रयासों से मूक-बधिर गीता को पाकिस्तान से वापस लाया गया था. गीता की वापसी ने देश भर में सुर्खियां बटोरी थी. वहीं, सुषमा स्वराज गीता को अपनी बेटी की तरह मानती थीं. फिलहाल गीता मध्य प्रदेश के इंदौर के गुमाश्ता नगर के एक मूक-बधिर संस्था में रह रही है.

ये रहा वो परिवार

मेरी बेटी है गीता- विश्वनाथ
अनन्दुआ गांव के विश्वनाथ सिंह ने प्रखंड विकास पदाधिकारी नबीनगर को आवेदन देते हुए गीता को खुद की बेटी बताया है. उन्होंने कहा है कि मेरी बेटी बबली 22 साल पहले उस वक्त गुम हो गई थी, जब उनका पूरा परिवार एक शादी समारोह में शामिल होने अपने रिश्तेदार के यहां गया हुआ था. तब से लेकर आज तक उसकी खोजबीन जारी है. लेकिन इसी बीच टीवी न्यूज चैनल पर जब उन्होंने गीता को देखा तो उन्हें लगा कि गीता ही उनकी खोई बेटी बबली है.

सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनते ही रो पड़ी गीता- 'मां' सुषमा के निधन की खबर सुन नहीं थम रहे 'हिंदुस्तान की बेटी' के आंसू

डीएनए को तैयार विश्वनाथ

विश्वनाथ के ज्ञापन को स्वीकारते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ओम राजपूत ने बताया कि विश्वनाथ ने बताया है कि उनकी बेटी 1997 में लापता हो गई थी. उन्होंने इस मामले की जांच कराने जाने की बात कही है. वो अपने डीएनए जांच कराने तक तैयार है. प्रखंड विकास अधिकारी ने दिये गए आवेदन को आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसित कर डीएम के पास भेज दिया है, ताकि मामले को उचित प्लेटफॉर्म तक ले जाया जा सके.

औरंगाबाद समाहरणालय
औरंगाबाद समाहरणालय

कई लोग कर चुके हैं दावा
गीता की वतन वापसी कराने वाली स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने उसके माता-पिता की काफी तलाश की. जब गीता भारत वापस लौटी, तब कई लोगों ने उसे अपनी बेटी बताया. वहीं, उसके असली परिजनों का पता नहीं चल सका. ऐसे में एक बार फिर विश्वनाथ के दावे ने पूर्व विदेश मंत्री की तलाश को उनके न रहते हुए, जिंदा कर दिया है.

औरंगाबाद: जिले के नबीनगर प्रखंड के अनन्दुआ गांव के एक परिवार ने पाकिस्तान से लाई गई गीता को खुद की बेटी बताया है. परिवार का दावा है कि गीता उनकी बेटी बबली है, जो 22 साल पहले लापता हो गई थी. उन्होंने इसके लिए डीएनए टेस्ट की मांग करते हुए इसपर सहमति भी जताई है.

चार साल पहले पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के प्रयासों से मूक-बधिर गीता को पाकिस्तान से वापस लाया गया था. गीता की वापसी ने देश भर में सुर्खियां बटोरी थी. वहीं, सुषमा स्वराज गीता को अपनी बेटी की तरह मानती थीं. फिलहाल गीता मध्य प्रदेश के इंदौर के गुमाश्ता नगर के एक मूक-बधिर संस्था में रह रही है.

ये रहा वो परिवार

मेरी बेटी है गीता- विश्वनाथ
अनन्दुआ गांव के विश्वनाथ सिंह ने प्रखंड विकास पदाधिकारी नबीनगर को आवेदन देते हुए गीता को खुद की बेटी बताया है. उन्होंने कहा है कि मेरी बेटी बबली 22 साल पहले उस वक्त गुम हो गई थी, जब उनका पूरा परिवार एक शादी समारोह में शामिल होने अपने रिश्तेदार के यहां गया हुआ था. तब से लेकर आज तक उसकी खोजबीन जारी है. लेकिन इसी बीच टीवी न्यूज चैनल पर जब उन्होंने गीता को देखा तो उन्हें लगा कि गीता ही उनकी खोई बेटी बबली है.

सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनते ही रो पड़ी गीता- 'मां' सुषमा के निधन की खबर सुन नहीं थम रहे 'हिंदुस्तान की बेटी' के आंसू

डीएनए को तैयार विश्वनाथ

विश्वनाथ के ज्ञापन को स्वीकारते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ओम राजपूत ने बताया कि विश्वनाथ ने बताया है कि उनकी बेटी 1997 में लापता हो गई थी. उन्होंने इस मामले की जांच कराने जाने की बात कही है. वो अपने डीएनए जांच कराने तक तैयार है. प्रखंड विकास अधिकारी ने दिये गए आवेदन को आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसित कर डीएम के पास भेज दिया है, ताकि मामले को उचित प्लेटफॉर्म तक ले जाया जा सके.

औरंगाबाद समाहरणालय
औरंगाबाद समाहरणालय

कई लोग कर चुके हैं दावा
गीता की वतन वापसी कराने वाली स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने उसके माता-पिता की काफी तलाश की. जब गीता भारत वापस लौटी, तब कई लोगों ने उसे अपनी बेटी बताया. वहीं, उसके असली परिजनों का पता नहीं चल सका. ऐसे में एक बार फिर विश्वनाथ के दावे ने पूर्व विदेश मंत्री की तलाश को उनके न रहते हुए, जिंदा कर दिया है.

Intro:bh_au_01_geeta_par_daawa_vis_byte_special_pkg_ptc_bh10003
एंकर :-औरंगाबाद जिले के नबीनगर प्रखंड के अनुंदुआ गांव निवासी विश्वनाथ सिंह ने पाकिस्तान से लाई गई गीता पर परिवार ने जताया दावा। लगभग 4 साल पूर्व पाकिस्तान से लाई गई पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की प्रयास से मुकबधिर युवती गीता पर औरंगाबाद के एक परिवार अपना दावा ठोकते कहा कि गीता ही हमारी बेटी बबली है,जो 22 बरस पहले गुम हो गई थी।

स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद


Body:v.o.1.गौरतलब है कि मामला औरंगाबाद के एक परिवार ने अपना दावा ठोकते हुए कहा कि गीता ही हमारी बेटी बबली है जो 22 साल पहले गुम हो गई थी नवीनगर प्रखंड के अनथुआ गांव के निवासी विश्वनाथ सिंह ने प्रखंड विकास पदाधिकारी नबीनगर को आवेदन देते हुए कहा कि मेरी बेटी बबली 22 साल पहले उस वक्त गुम हो गई थी जब उनका पूरा परिवार एक शादी समारोह में शामिल होने अपने रिश्तेदार यहां गया हुआ था तब से लेकर आज तक उसकी खोजबीन जारी है लेकिन इसी बीच टीवी न्यूज़ चैनल पर जब उन्होंने गीता को देखा तो उन्हें लगा कि गीता ही उनकी कोई बेटी बबली है।
1.बाइट- विश्वनाथ सिंह, बबली के पिता।



Conclusion:औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी ओम राजपूत ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच कराने जाने की बात कही है साथी इसे अपना डीएनए जांच कराने तक तैयार है इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने आवेदन को स्वीकृत कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसित कर डीएम के पास भेज दिया है ताकि मामले को उचित प्लेटफार्म तक ले जाया जा सके।
2.बाईट- ओम राजपूत- प्रखंड विकास पदाधिकारी औरंगाबाद।
3.. पीटीसी संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद।
नोट:-wrap वीडियो और फोटो भेजे हैं
स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद।
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