औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में मदनपुर प्रखंड के सलैया थाना क्षेत्र से बिजली विभाग का अजूबा कारनामा सामने आया है. जहां थानाक्षेत्र के टेका बिगहा गांव में छापा किसी और के यहां और केस किसी और पर दर्ज किया गया है. बिहार साउथ पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के अधिकारी इस मामले में अब सुधार की बात कर रहे. छापेमारी के क्रम में विपिन यादव, वीरेंद्र यादव और शिवनाथ मिस्त्री के यहां छापेमारी की गई थी. जबकि एफआईआर विश्वनाथ के उपर दर्ज कर ली है.
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बिजली विभाग का अजूबा कारनामा: बीते माह 21 फरवरी को मदनपुर प्रखंड के पिरवां पंचायत के टेका बिगहा गांव में बिजली विभाग ने छापेमारी की. जबकि प्राथमिकी में शिवनाथ के बदले विश्वनाथ मिस्त्री नामक व्यक्ति पर कर दिया गया. जिसके यहां बिजली की रोशनी तो दूर बल्कि बिजली से संबंधित कोई काम नहीं होता है. बिजली विभाग के अधिकारियों ने वहां शिवनाथ मिस्त्री के घर छापेमारी की. उनके द्वारा विश्वनाथ मिस्त्री के उपर सलैया थाना में 23,699 रुपया जुर्माना लगाते हुए प्राथमिकी 21 फरवरी को ही दर्ज कराई.
विश्वनाथ मिस्त्री परेशान: बताया जाता है कि यह प्राथमिकी मदनपुर विद्युत आपूर्ति प्रशाखा के कनीय विद्युत अभियंता राकेश कुमार राम के द्वारा दर्ज कराई गई. जिसमें विभाग के सहायक अभियंता सहित दो विद्युतकर्मी को गवाह भी बनाया गया है. पुलिस लगातार उसके घर दस्तक दे रही है.
केस से बचने के तैयारी में जुटा विश्वनाथ: इस एफआईआर के बाद विश्वनाथ अपने बचाव के लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाने में जुटा है. लेकिन उसे राहत नहीं मिल रही है. अब परेशान होकर विश्वनाथ जुर्माना की राशि जमाकर बेल लेने की कोशिश में जुटा है. इसके साथ ही झूठा मुकदमा दर्ज करने वाले विभाग के अधिकारियों पर न्यायालय का शरण लेने का मन बनाया है. विश्वनाथ ने बताया कि वह विद्युत विभाग के झूठे प्राथमिकी से मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों के दौर से गुजर रहा है.
गलती सुधार लिया जाएगा: इधर, कनीय विद्युत अभियंता राकेश कुमार राम से जब बात की गई तब बताया कि गलती हुई है. इस गलती को सुधार लिया जाएगा. इस प्राथमिकी में नाम को संशोधित कर लिया जाएगा.