औरंगाबाद: कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए जिले में भी जनता कर्फ्यू का असर देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद जिले में जनता कर्फ्यू का असर इस कदर है कि सड़कें सुनसान सी हो गई. लोग जरूरी पड़ने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. अधिकतर लोग घरों में ही बन्द हैं.
प्रधानमंत्री का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस को लेकर लोग अपने घरों में रहें, एक दूसरे से ना मिलें. ऐसा करने से कोरोना वायरस का चेन टूट जाएगा और उसका फैलाव रुक जाएगा. प्रधानमंत्री के बातों को ध्यान में रखते हुए लोगों ने जनता कर्फ्यू का समर्थन किया है.
जिलाधिकारी ने भी दिया दिशा-निर्देश
पीएम की अपील के बाद जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने जनता कर्फ्यू को ध्यान में रखते हुए एक निर्देश जारी किया. उन्होंने भी लोगों से कहा कि वे अपने घरों में ही रहें. व्यर्थ में बाहर ना निकलें. एक दूसरे से ना मिलें, एक दूसरे से हाथ न मिलाएं. इसके अलावा जिले के तमाम मंदिरों को भी बंद कर दिया गया है. यहां तक कि जिले में होने वाले ऐतिहासिक चैती छठ को भी इस बार आयोजित नहीं किया जायेगा.
भारत में अब तक 4 मौत
बता दें कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 329 मामले सामने आए हैं. वहीं, 4 लोगों की मौत हो चुकी है. यह वायरस भारत में भी अपने पैर पसारता ही जा रहा है. हालातों, को काबू करने की दिशा में और वैश्विक महामारी 'कोरोना वायरस' का फैलाव रोकने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'जनता कर्फ्यू' का देशवासियों का आह्वान किया है. हालांकि, बिहार में अब तक कोई पॉजिटिव मरीज की पुष्टि नहीं हुई है.