औरंगाबाद: जिला मुख्यालय के पास स्थित सदर अस्पताल के भवन की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है. भवन की छत पूरी तरह से जर्जर हो गया है. छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. अस्पताल प्रबंधन भी हादसे की आशंका से सहमा रहता है.
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जर्जर हालत में इमरजेंसी वार्ड
प्रत्येक दिन इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं और बरामदे में बैठे रहते हैं. इलाज के लिए कतार में खड़े रहते और छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में भवन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. पर मामला कहां अटका है यह बात अस्पताल प्रबंधन नहीं बता रहे हैं. इमरजेंसी कक्ष का भवन भी दरकने लगा है. जिस भवन में बच्चा वॉर्ड खोला गया है वह निर्माण के समय से ही दरकने लगा था. सरकार अस्पताल के मरम्मत और विधि व्यवस्था को लेकर लाखों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन पैसा कहां खर्च होता है बताने वाला कोई नहीं है.
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राज्य स्वास्थ्य समिति की लापरवाही
सदर अस्पताल अधीक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस परिस्थिति में भयभीत होकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति को अस्पताल की हालत से अवगत कराया है. लेकिन अभी तक राज्य स्वास्थ्य समिति से इसको मंजूरी नहीं मिली है. मंजूरी मिलने के बाद सात मंजिला मॉडल सदर अस्पताल लगभग 500 बेड का बनेगा. जिसकी लागत 70 करोड़ होने की उम्मीद है.