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औरंगाबाद: लू से मरने वालों के परिजनों को मिलेगा 4 लाख मुआवजा - औरंगाबाद

इन दिनों चमकी और लू के प्रकोप से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को खड़ा और दुरुस्त करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इन सबसे सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने अब बरसात में पैदा होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए भी पहले से कमर कस ली है.

सदर अस्पताल
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Published : Jun 25, 2019, 12:19 AM IST

औरंगाबाद: पिछले 15 दिनों से लगातार हीट स्ट्रोक से मौत के कारण सुर्खियों में रहा जिला अब स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में लगा है. यहां धीरे-धीरे मौत का सिलसिला भी थमने लगा है. अतिरिक्त वार्ड बनाने के अलावा सभी वार्डों में एसी लगाया गया है. वहीं, लू से मरने वालों को सरकार की तरफ से चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है.

इन दिनों चमकी और लू के प्रकोप से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को खड़ा और दुरुस्त करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इन सबसे सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने अब बरसात में पैदा होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए भी पहले से कमर कस ली है.

सदर अस्पताल

टाइट की गई व्यवस्था
सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सदर हॉस्पिटल में हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए समुचित व्यवस्था की गई है. अतिरिक्त वार्ड बनाने के अलावा सभी वार्डों में एसी लगाया गया है. इसके अलावा हॉस्पिटल बरसाती बीमारियों को लेकर भी तैयार है. वहीं, लू से मरने वालों को सरकार की मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपए दिए जा रहे हैं.

कम हो गया 'हीट का स्ट्राइक'
इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि लू से मरने वालों की स्थिति दो-तीन दिन तक ही अनियंत्रित थी. समय रहते इसपर काबू पा लिया गया था. इसके साथ ही, शनिवार को हुई मानसून की बारिश के बाद जिले का तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है जिसके कारण वे हीट स्ट्रोइक से पीड़ित मरीजों में कमी आई है.

घर पर मरे मरीज को 4 लाख मुआवजा
अस्पताल में मौजूद मरीजों और उनके परिजनों ने भी संतोष जताते हुए बताया कि यहां फिलहाल कोई समस्या नहीं है. कमरे में ठंडक है और डॉक्टर भी समय से इलाज कर रहे हैं. सर्जन ने बताया कि मुआवजे के लिए जिलाधिकारी ने बकायदा एक टीम गठित की है जो गांव में यह पता लगाएंगी कि किन की मौत लू से हुई है. वेरिफिकेशन होने के बाद सभी को आपदा राहत कोष से 4-4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.

परिस्थितियों को कंट्रोल करने में सक्षम अस्पताल
सिविल सर्जन ने दावा किया कि गर्मी में अचानक हुए लू के प्रकोप से हॉस्पिटल दो-तीन दिनों तक लड़ नहीं पाया लेकिन बरसात के दिनों में सदर अस्पताल पूरी तरह से बरसाती बीमारियों से लड़ने में सक्षम है. यहां हर तरह की सुविधाएं और दवाइयां अभी वर्तमान में उपलब्ध हैं.

औरंगाबाद: पिछले 15 दिनों से लगातार हीट स्ट्रोक से मौत के कारण सुर्खियों में रहा जिला अब स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में लगा है. यहां धीरे-धीरे मौत का सिलसिला भी थमने लगा है. अतिरिक्त वार्ड बनाने के अलावा सभी वार्डों में एसी लगाया गया है. वहीं, लू से मरने वालों को सरकार की तरफ से चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है.

इन दिनों चमकी और लू के प्रकोप से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को खड़ा और दुरुस्त करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इन सबसे सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने अब बरसात में पैदा होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए भी पहले से कमर कस ली है.

सदर अस्पताल

टाइट की गई व्यवस्था
सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सदर हॉस्पिटल में हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए समुचित व्यवस्था की गई है. अतिरिक्त वार्ड बनाने के अलावा सभी वार्डों में एसी लगाया गया है. इसके अलावा हॉस्पिटल बरसाती बीमारियों को लेकर भी तैयार है. वहीं, लू से मरने वालों को सरकार की मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपए दिए जा रहे हैं.

कम हो गया 'हीट का स्ट्राइक'
इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि लू से मरने वालों की स्थिति दो-तीन दिन तक ही अनियंत्रित थी. समय रहते इसपर काबू पा लिया गया था. इसके साथ ही, शनिवार को हुई मानसून की बारिश के बाद जिले का तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है जिसके कारण वे हीट स्ट्रोइक से पीड़ित मरीजों में कमी आई है.

घर पर मरे मरीज को 4 लाख मुआवजा
अस्पताल में मौजूद मरीजों और उनके परिजनों ने भी संतोष जताते हुए बताया कि यहां फिलहाल कोई समस्या नहीं है. कमरे में ठंडक है और डॉक्टर भी समय से इलाज कर रहे हैं. सर्जन ने बताया कि मुआवजे के लिए जिलाधिकारी ने बकायदा एक टीम गठित की है जो गांव में यह पता लगाएंगी कि किन की मौत लू से हुई है. वेरिफिकेशन होने के बाद सभी को आपदा राहत कोष से 4-4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.

परिस्थितियों को कंट्रोल करने में सक्षम अस्पताल
सिविल सर्जन ने दावा किया कि गर्मी में अचानक हुए लू के प्रकोप से हॉस्पिटल दो-तीन दिनों तक लड़ नहीं पाया लेकिन बरसात के दिनों में सदर अस्पताल पूरी तरह से बरसाती बीमारियों से लड़ने में सक्षम है. यहां हर तरह की सुविधाएं और दवाइयां अभी वर्तमान में उपलब्ध हैं.

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औरंगाबाद- पिछले 15 दिनों से लगातार हीट स्ट्रोक से मौत के कारण सुर्खियों में रहा औरंगाबाद जिले में अब मौत पर लगाम लग गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सदर हॉस्पिटल में हिट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए पूरी तरह से व्यवस्था की गई है । अतिरिक्त वार्ड बनाने के अलावा सभी वार्डों में एसी लगाया गया है । इसके अलावा हॉस्पिटल बरसाती बीमारियों को लेकर भी तैयार है। वहीं लू से मरने वालों को सरकार के तरफ से चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है।


Body:एक सप्ताह पहले तक औरंगाबाद सदर अस्पताल भारत भर में सुर्खियों में था कारण, यहां लू से होने वाली मौत । हिट स्ट्राइक के कारण यह जिला बिहार ही नहीं भारत भर में चर्चित रहा। औरंगाबाद सदर अस्पताल इन दिनों पूरी तरह से लू अर्थात हिट स्ट्राइक से पीड़ित लोगों को बचाने में लगा हुआ है । सदर हॉस्पिटल की स्थिति में सुधार हुई है । यहां सभी वार्डों में एयर कंडीशन लगा दी गई है। इसके अलावा अन्य वार्ड भी विकसित किए गए हैं । जहां अतिरिक्त बेड लगाकर मरीजों की इलाज की व्यवस्था की गई है । सभी वार्डों में तापमान को नियंत्रित करने के लिए एयर कंडीशन लगाए गए हैं।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बताया कि लू से मरने वालों की स्थिति दो-तीन दिन तक ही अनियंत्रित थी बाद में नियंत्रित कर लिया गया था। शनिवार को हुई मानसून की बारिश के बाद जिले का तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है जिसके कारण वे हिट स्ट्राइक से पीड़ित लोगों में कमी आई है।

मरीजो ने जताया संतोष

इस सम्बंध में जब हमने वार्ड की जानकारी ली तो पता चला कि अभी भी हिट स्ट्राइक से पीड़ित लोग सदर हॉस्पिटल में आ रहे हैं जिन्हें भर्ती किया गया है। जिनकी इलाज की जा रही है । इस संबंध में जब हमने मरीज के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। कमरे में ठंडक है और डॉक्टर भी समय से इलाज कर रहे हैं।

घर पर मरे मरीज को भी मिलेगा चार लाख रुपए का मुआवजा

मुआवजा के मसले पर सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि हर उस व्यक्ति को मुआवजा मिलेगा जिनकी मौत लू लगने से हुई है। इसके लिए जिलाधिकारी ने बकायदा एक टीम गठित की है जो गांव में यह पता लगाएंगे किन की मौत लू से हुई है। वेरिफिकेशन होने के बाद सभी को आपदा राहत कोष से 4-4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा

बरसाती बीमारियों से भी लड़ने में सक्षम है सदर अस्पताल

सिविल सर्जन ने दावा किया कि चाहे भले ही गर्मी में अचानक हुए लू के प्रकोप से हॉस्पिटल दो-तीन दिनों तक लड़ नहीं पाया लेकिन बरसात के दिनों में सदर अस्पताल पूरी तरह से बरसाती बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। यहां हर तरह की सुविधाएं और दवाइयां अभी वर्तमान में उपलब्ध है ।


Conclusion:बाइट1- डॉ सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, औरंगाबाद
बाइट2- डॉ सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, औरंगाबाद

बाइट3- सुमेश्वर यादव, मरीज के परिजन

बाइट4- अजित कुमार, मरीज के परिजन
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