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औरंगाबाद: बाल वैज्ञानिक को अब तक नहीं मिली सरकार की घोषित पुरस्कार की राशि - child scientist vineet kumar

प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर जिले समेत पूरे बिहार के नाम को रोशन करने वाले गरीब छात्र विनित कुमार को जिले के प्रभारी मंत्री बृजकिशोर बिंद और तत्कालीन डीएम राहुल रंजन महिवाल ने 26 जनवरी को सम्मानित किया था. इस सम्मान समारोह में बृजकिशोर बिंद ने 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा की थी. लेकिन विनीत कुमार घोषित की गई राशि को पाने के लिए कलेक्ट्रेट का चक्कर काट रहा है.

Vinit Kumar is wandering from office to office to get the prize money in Aurangabad
Vinit Kumar is wandering from office to office to get the prize money in Aurangabad
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Published : Sep 17, 2020, 1:22 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 1:40 PM IST

औरंगाबाद: जिले के सदर प्रखंड स्थित देवहरा गांव के रहने वाले एक छात्र विनीत कुमार ने अभाव के बावजूद प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की विधि को इजाद किया. कम लागत में ही प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर विनीत ने सबको चौंका दिया था. विनीत के आविष्कार की हर जगह प्रशंसा हुई और विनीत एकाएक सुर्खियों में आ गया.

इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और औरंगाबाद स्थापना दिवस समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री बृजकिशोर बिंद और डीएम राहुल रंजन महिवाल ने विनित को सम्मानित किया. वहीं, समारोह के दौरान ही मंत्री बृजकिशोर बिंद ने बिहार सरकार की तरफ से विनीत को इस आविष्कार के लिए प्रोत्साहन के रूप में 1 लाख रुपये की नकद राशि पुरस्कार स्वरूप दिए जाने की घोषणा की. 26 जनवरी को घोषणा किए जाने के बाद भी अभी तक विनीत को राशि का भुगतान नहीं किया गया है. घोषणा के बाद से विनीत लगातार कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.

Vinit Kumar is wandering from office to office to get the prize money in Aurangabad
पुरस्कार की राशि पाने के लिए ऑफिस दर ऑफिस भटक रहा विनित कुमार

बृजकिशोर बिंद कर रहे हैं अनदेखी
इस संबंध में जब प्रभारी मंत्री बृजकिशोर बिंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से कोई कमी नहीं है. वे अपने विभाग और खनन विभाग को सूचना दे दिए हैं कि बाल वैज्ञानिक विनीत कुमार को 1 लाख रुपये का भुगतान कर दे. लेकिन खनन विभाग अभी तक भुगतान नहीं किया है. इसकी जांच की जाएगी और उसे जल्द ही राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

कई उपकरण का भी किया है निर्माण
बता दें कि विनीत कुमार औरंगाबाद के छोटे से गांव देवहरा में रहकर जिस मुकाम को हासिल किया है, वो बड़े-बड़े विरले ही हासिल करते हैं. विनीत ने ना सिर्फ प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की विधि को इजाद किया, बल्कि कोरोना से बचने के लिए सेनेटाइजेशन छाता, सैनेटाइजेशन टनल और रुपये, पैसे, मोबाइल, बिस्तर और फर्श आदि को भी मात्र 30 सेकेंड में सैनेटाइज करने के लिए सैनेटाइजेशन वाईपर और सैनेटाइजेशन बॉक्स का भी निर्माण किया है.

पुरस्कार की राशि देने की घोषणा

बिहार सरकार कर रही है अनदेखी
विनीत की कुशाग्र बुद्धि के कारण ही फ्रांस स्थित इंटरनेशनल यूथ फेडरेशन ने उसे भारत का ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किया है. लेकिन उसके आविष्कार को बिहार सरकार अनदेखी कर रही है. उसे किसी भी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है. जिससे कि वो आगे बढ़कर देश के हित में आविष्कार कर सके.

औरंगाबाद: जिले के सदर प्रखंड स्थित देवहरा गांव के रहने वाले एक छात्र विनीत कुमार ने अभाव के बावजूद प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की विधि को इजाद किया. कम लागत में ही प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर विनीत ने सबको चौंका दिया था. विनीत के आविष्कार की हर जगह प्रशंसा हुई और विनीत एकाएक सुर्खियों में आ गया.

इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और औरंगाबाद स्थापना दिवस समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री बृजकिशोर बिंद और डीएम राहुल रंजन महिवाल ने विनित को सम्मानित किया. वहीं, समारोह के दौरान ही मंत्री बृजकिशोर बिंद ने बिहार सरकार की तरफ से विनीत को इस आविष्कार के लिए प्रोत्साहन के रूप में 1 लाख रुपये की नकद राशि पुरस्कार स्वरूप दिए जाने की घोषणा की. 26 जनवरी को घोषणा किए जाने के बाद भी अभी तक विनीत को राशि का भुगतान नहीं किया गया है. घोषणा के बाद से विनीत लगातार कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.

Vinit Kumar is wandering from office to office to get the prize money in Aurangabad
पुरस्कार की राशि पाने के लिए ऑफिस दर ऑफिस भटक रहा विनित कुमार

बृजकिशोर बिंद कर रहे हैं अनदेखी
इस संबंध में जब प्रभारी मंत्री बृजकिशोर बिंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से कोई कमी नहीं है. वे अपने विभाग और खनन विभाग को सूचना दे दिए हैं कि बाल वैज्ञानिक विनीत कुमार को 1 लाख रुपये का भुगतान कर दे. लेकिन खनन विभाग अभी तक भुगतान नहीं किया है. इसकी जांच की जाएगी और उसे जल्द ही राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

कई उपकरण का भी किया है निर्माण
बता दें कि विनीत कुमार औरंगाबाद के छोटे से गांव देवहरा में रहकर जिस मुकाम को हासिल किया है, वो बड़े-बड़े विरले ही हासिल करते हैं. विनीत ने ना सिर्फ प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की विधि को इजाद किया, बल्कि कोरोना से बचने के लिए सेनेटाइजेशन छाता, सैनेटाइजेशन टनल और रुपये, पैसे, मोबाइल, बिस्तर और फर्श आदि को भी मात्र 30 सेकेंड में सैनेटाइज करने के लिए सैनेटाइजेशन वाईपर और सैनेटाइजेशन बॉक्स का भी निर्माण किया है.

पुरस्कार की राशि देने की घोषणा

बिहार सरकार कर रही है अनदेखी
विनीत की कुशाग्र बुद्धि के कारण ही फ्रांस स्थित इंटरनेशनल यूथ फेडरेशन ने उसे भारत का ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किया है. लेकिन उसके आविष्कार को बिहार सरकार अनदेखी कर रही है. उसे किसी भी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है. जिससे कि वो आगे बढ़कर देश के हित में आविष्कार कर सके.

Last Updated : Sep 17, 2020, 1:40 PM IST
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