औरंगाबाद: जिले के बी फार्मा के छात्रों ने केंद्र सरकार के शेड्यूल (के) के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. गांधी मैदान से नारेबाजी करते हुए छात्र रमेश चौक पहुंचे. जहां छात्रों ने बताया कि दवाओं का वितरण असुरक्षित हाथों में दे दिए जाने पर न सिर्फ आमजनों को इसका नुकसान होगा. बल्कि बी फार्मा के छात्रों और फार्मासिस्टों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से जो प्रस्ताव लाया जा रहा है, उसमें नर्स, आंगनबाड़ी और आशा को दवा भंडारण और वितरण का अधिकार दिया जा रहा है. जो कि 1945 में सिर्फ रजिस्टर्ड प्रैक्टिसनर को ही अधिकार दिया गया था.
फार्मासिस्ट के अधिकार के है खिलाफ
फार्मेसी के छात्रों ने शेड्यूल (के) के प्रस्ताव लाने के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. अखिल भारतीय फार्मासिस्ट का कहना है कि भारत सरकार ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में संशोधन कर फार्मासिस्ट को मूलभूत अधिकारों से वंचित कर रही है. साथ ही बताया कि डिपार्टमेंट आफ हेल्थ एंड वेलफेयर ने शेड्यूल (के) का प्रस्ताव लाया है. जो कि फार्मासिस्ट के अधिकार के खिलाफ है.
'जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार'
फार्मेसी के छात्रों ने कहा कि सरकार इस प्रस्ताव में अप्रशिक्षित लोगों को दवा बांटने का अधिकार देकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है, जो कि हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.